
जैविक खेती के प्रति किसानों की रुचि बढ़ाने और उन्हें फसलों के नए विकल्प उपलब्ध कराने के मकसद से हरियाणा के हिसार में दो दिवसीय किसान मेले का आयोजन किया गया. इस मेले में खेती-किसानी से जुड़े तमाम नवाचार देखने को मिले, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा बटोरी 6 फीट लंबी लौकी, 10 किलो का कद्दू और गन्ने के जूस से बनी कुल्फी ने.
अनोखी फसलें बनीं आकर्षण का केंद्र
हरियाणा के चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित इस किसान मेले का समापन बुधवार को हुआ. मेले में हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के किसानों ने हिस्सा लिया. किसानों ने अपने खेतों में उगाई गई अनोखी सब्जियों और फसलों की प्रदर्शनी लगाई, जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.
इसमें 6 फीट लंबी लौकी और 10 किलो का भारी-भरकम कद्दू लोगों के आकर्षण का केंद्र बने रहे. इसके अलावा, 10 किलो का शलजम, बड़े आकार के प्याज और लहसुन, साथ ही किन्नू और अमरूद की नई किस्मों ने भी लोगों का ध्यान खींचा.
कैसे संभव हुई इतनी बड़ी सब्जियां उगाना?
विशेष रूप से उगाई गई इन फसलों को देखने आए लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा था कि आखिर इतनी बड़ी सब्जियां उगाना संभव कैसे हुआ? इस पर किसानों ने बताया कि यह सब जैविक खेती का कमाल है.
एक किसान ने बताया, "हम 2014 से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. इसमें किसी भी तरह के रासायनिक खाद या कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं किया जाता. खेतों में मिट्टी की नमी बनाए रखने के लिए विशेष तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे जैवाणु सक्रिय रहते हैं और फसलों की गुणवत्ता बेहतर होती है. यही कारण है कि हमारी लौकी 6 फीट लंबी और कद्दू 10 किलो का हुआ है."
खेती के नए प्रयोगों से किसान भी उत्साहित
मेले में आए किसानों को जैविक खेती की नई तकनीकों की जानकारी दी गई. विशेषज्ञों ने किसानों को बताया कि जैविक खेती से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और उत्पादन भी अच्छा होता है. कई किसानों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि जैविक खेती ने उनकी आय बढ़ाने में मदद की है.
इस किसान मेले ने यह साबित कर दिया कि जैविक खेती सिर्फ एक पर्यावरण के अनुकूल विकल्प ही नहीं, बल्कि किसानों के लिए भी एक फायदेमंद तरीका हो सकता है. किसानों की मेहनत और जैविक तकनीकों के जरिए उगाई गई ये विशालकाय सब्जियां इस बात का प्रमाण हैं कि प्राकृतिक खेती में अनगिनत संभावनाएं हैं.
(रिपोर्ट-प्रवीण कुमार)