चेन्नई (Chennai)में पिछले दस दिनों में नगर निगम के कर्मचारियों ने अड्यार के मुहाने पर टूटे पुल के नीचे से 218 टन कचरा हटाया. बारिश से उफनती नदी ने शहर की गंदगी को बाहर ला दिया है. खाली शराब की बोतलें, जूते और प्लास्टिक को साफ किया गया.
वहीं, पर्यावरणविदों ने चेतावनी दी है कि समुद्री प्रदूषण को रोकना सिर्फ कचरा साफ करने से ही खत्म नहीं हो जाता. वे प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाना चाहते हैं. प्लास्टिक से मुक्त होने के लिए एशिया-प्रशांत समन्वयक सत्यरूप शेखर ने कहा कि प्लास्टिक कचरे के निपटान को रोकना या इसे साफ करना एक त्वरित समाधान होगा.
ईंधन कंपनियों को होना चाहिए जवाबदेही
उन्होंने कहा कि प्लास्टिक कचरा समुद्र में नहीं जाता है, तो उसे अन्य तरीकों से फेंक दिया जाता है, जोकि प्रदूषण का कारण बनता है. अगर हम जल निकाय प्रदूषण पर बेहतर समाधान चाहते हैं, तो हमें जीवाश्म ईंधन कंपनियों और कार्बन प्रमुखों पर जवाबदेही डालनी होगी.
जल्द शुरू होगी प्लास्टिक के खिलाफ छापेमारी
केंद्र सरकार ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम, 2021 के हालिया संशोधन में 1 जुलाई, 2022 से एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है. ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन के डिप्टी कमिश्नर (स्वास्थ्य) डॉ मनीष नारनवारे ने कहा, "हम जल्द ही प्लास्टिक छापे फिर से शुरू करेंगे और हम इसे खत्म करने के लिए बड़े खिलाड़ियों के पास जाएंगे."
अडयार के मुहाने पर प्लास्टिक का इतना बड़ा जमाव इस बात पर भी प्रकाश डालता है कि शहर के जल निकाय कितने प्रदूषित हो चुके हैं. सिविल इंजीनियर और जीआईएस सलाहकार दयानंद कृष्णन ने कहा अगर कचरा समुद्र में जाता है, तो लहरें इसे वापस किनारे पर फेंक देंगी, जिससे तटीय क्षेत्र प्रदूषित हो जाएगा.
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