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Padma Awards: पद्म पुरस्कारों के लिए कैसे होता है चयन, जानिये क्या है इसकी पूरी प्रक्रिया

केंद्र सरकार 1954 से पद्म पुरस्कार दे रही है. हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर पद्म पुरस्कारों के लिए नाम की घोषणा होती है. साहित्य, कला, शिक्षा, खेलकूद, समाजसेवा, विज्ञान, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, सिविल सेवा, लोक कार्य, उद्योग और व्यापार के क्षेत्रों में विशिष्ट सेवा के लिए पद्म अवार्ड दिए जाते हैं.

हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर पद्म अवार्ड की घोषणा की जाती है हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर पद्म अवार्ड की घोषणा की जाती है
हाइलाइट्स
  • पद्म पुरस्कारों के चयन की लंबी प्रक्रिया होती है

  • हर साल गणतंत्र दिवस पर नामों की घोषणा की जाती है

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार की तरफ से पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई. नामों के ऐलान के कुछ वक्त बाद ही विवाद हो गया. पद्म पुरस्कारों में पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का भी नाम था. उनके नाम का चयन पद्म भूषण के लिए किया गया था. उन्होंने यह पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया और कहा कि उन्हें इस बारे में बताया ही नहीं गया था.

बुद्धदेव भट्टाचार्य के अलावा बंगाल को दो और मशहूर हस्तियों ने भी यह पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया. तबला वादक पंडित अनिद्य चटर्जी और गायक संध्या मुखोपाध्याय ने भी पुरस्कार लेने से मना कर दिया. लेकिन, क्या आपको पता है कि पद्म पुरस्कार किसे दिया जाता है और कौन लोग इसके लिए पात्र होते हैं? पद्म पुरस्कारों के लिए जिन नामों का चयन किया जाता है उसकी पूरी प्रक्रिया क्या है, आइये समझते हैं.

इन्हें दिया जाता है पद्म पुरस्कार
केंद्र सरकार 1954 से पद्म पुरस्कार दे रही है. हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर पद्म पुरस्कारों के लिए नाम की घोषणा होती है. साहित्य, कला, शिक्षा, खेलकूद, समाजसेवा, विज्ञान, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, सिविल सेवा, लोक कार्य, उद्योग और व्यापार के क्षेत्रों में विशिष्ट सेवा के लिए पद्म अवार्ड दिए जाते हैं. पद्म विभूषण असाधारण सेवा, पद्म भूषण उच्च कोटी की विशिष्ट सेवा और पद्म श्री विशिष्ट सेवा के लिए दिए जाते हैं.

पद्म अवार्ड्स की वेबसाइट padmaawards.gov.in के मुताबिक इन पुरस्कारों के लिए बिना किसी भेदभाव के कोई भी व्यक्ति पात्र होता है. डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को छोड़कर कोई भी सरकारी कर्मचारी-अधिकारी अपने पद पर बने रहने तक इसके लिए पात्र नहीं होते.

ऐसे होती है नामों की सिफारिश
केंद्र, राज्य या केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के साथ भारत रत्न और पद्म विभूषण से पुरस्कृत हस्तियां पद्म पुरस्कार के लिए किसी व्यक्ति के नाम की सिफारिश कर सकती हैं. 2016 में सरकार ने पोर्टल शुरू किया था जहां नामों की सिफारिश की जा सकती है. इसमें पारदर्शिता लाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से यह पहल की गई थी. यहां नाम, आधार कार्ड और अन्य जानकारियां सब्मिट करनी पड़ती है.

ऐसे होता है नामों का चयन
हर साल 1 मई से 15 सितंबर तक नामों की सिफारिश की जाती है. इसके बाद जो नाम आते हैं उन पर विचार करने के लिए पीएम एक समिति गठित करते हैं. इस कमेटी के अध्यक्ष कैबिनेट सचिव होते हैं. कमेटी नामों पर विचार करती है और इसमें नामों का सेलेक्शन करने के बाद इसे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है. प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद पद्म पुरस्कार के लिए नाम तय होते हैं और तब इसकी घोषणा की जाती है. आमतौर पर पद्म पुरस्कार मरणोपरांत नहीं दिए जाते हैं लेकिन कुछ मामलों में केंद्र सरकार इस विचार कर सकती है.