

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पहलगाम (Pahalgam) में आतंकी हमले (Terror Attack) के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने के लिए अल्टीमेटम दिया है.
13 कैटेगरी के वीजाधारकों की समय सीमा खत्म हो गई है. सैंकड़ों पाकिस्तानी नागरिक भारत छोड़ कर चल गए हैं. हालांकि, अभी भी कई ऐसे पाकिस्तानी हैं, जो अपने देश नहीं लौटे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं जिन पाकिस्तानियों ने भारत सरकार की ओर से निर्धारित तय समय सीमा यानी डेडलाइन के भीतर भारत नहीं छोड़ा है तो उनका क्या होगा?
किन पाकिस्तानी नागरिकों को और कब तक छोड़ना है भारत देश
1. SAARC वीजा धारकों (इनमें जज, खिलाड़ी जैसे हाई-प्रोफाइल लोग शामिल होते हैं) को भारत छोड़ने के लिए आखिरी तारीख 26 अप्रैल थी.
2. बिजनेस वीजा, विजिटर वीजा, जर्नलिस्ट वीजा, कॉन्फ्रेंस वीजा, ट्रांजिट वीजा, ग्रुप टूरिस्ट वीजा, माउंटेनियरिंग वीजा, फिल्म वीजा, स्टूडेंट वीजा, पिलग्रिम और ग्रुप पिलग्रिम वीजा, वीजा ऑन अराइवल धारकों को 27 अप्रैल तक भारत छोड़ना था.
3. ऐसे पाकिस्तानी नागरिक जिन्होंने भारतीय वीजा एक्सटेंड करने का आवेदन दिया था, उन्हें भी 27 अप्रैल तक वापस पाकिस्तान लौटना था.
4. पाकिस्तान के मेडिकल वीजा धारकों के लिए भारत छोड़ने की आखिरी तारीख 29 अप्रैल है.
5. नई दिल्ली में पाकिस्तानी हाई कमीशन के डिफेंस, नेवी और एयरफोर्स के डिप्लोमैट्स को ‘अन वॉन्टेड पर्सन’ घोषित किया गया है. इन्हें 30 अप्रैल तक भारत छोड़ना है.
इनको दी गई है छूट
भारत सरकार ने अभी लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) धारक पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के आदेश से बाहर रखा है. LTV उन पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों (विशेष रूप से हिंदुओं) को दिए जाते हैं, जो पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत में हमेशा के लिए रहना चाहते हैं.
भारत नहीं छोड़ने वाले पाकिस्तानियों का क्या होगा
भारत सरकार ने आतंकी हमले के बाद जिन पाकिस्तानी नागरिकों को भारत से जाने का आदेश दिया है यदि वे आदेश का उल्लंघन कर इंडिया से बाहर नहीं जाते हैं तो उन्हें गैर-कानूनी विदेशी माना जाएगा. इमिग्रेशन और फॉरेनर्स एक्ट 2025 के तहत कार्रवाई की जाएगी.आपको मालूम हो कि भारत में इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट 2025 विदेशी नागरिकों के आने, रहने और जाने को कंट्रोल करता है. इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट 2025 के तहत वीजा की अवधि से अधिक भारत में रुकना, वैध पासपोर्ट या यात्रा दस्तावेज के बिना रहना, वीजा की शर्तों का उल्लंघन करना और प्रतिबंधित क्षेत्रों में बिना अनुमति घुसना पर सजा का प्रावधान है.
इस एक्ट के तहत निर्धारित समय सीमा के अंदर भारत नहीं छोड़ने वाले पाकिस्तानियों को 3 साल तक की जेल की सजा या अधिकतम 3 लाख रुपए का जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है. सजा पूरी करने के बाद भारत सरकार उन्हें पाकिस्तान डिपोर्ट कर देगी. आपको मालूम हो कि मोदी सरकार आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानियों को देश से बाहर करने के मामले में बहुत सख्त है और किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है. मोदी सरकार ने साफ कर दिया है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सरकार का यह फैसला भारत की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है और इसका मकसद देश में गैरकानूनी गतिविधियों को रोकना है.