पाकिस्तान और भारत की दुश्मनी तो जग जाहिर है. दोनों देशों को बीच आए दिन कश्मीर को लेकर विवाद बना रहता है. लेकिन ये विवाद केवल थल सीमा तक नहीं बल्कि जल सीमा पर भी फैला है. आए दिन भारतीय मछुआरे पाकिस्तानी सीमा में मछली पकड़ने के कारण वहां फंस जाते हैं, जिन्हें पाकिस्तानी रेंजर्स कैदी बना लेते हैं. लेकिन अब पाकिस्तान ने सोमवार को 20 भारतीय मछुआरों को वाघा सीमा पर भारत को सौंप दिया है. अधिकारियों ने जानकारी दी है कि इन मछुआरों ने कथित तौर पर पाकिस्तानी जल में मछली पकड़ने के आरोप में चार साल की जेल की सजा पूरी कर ली है. सिंध प्रांत के मलिर जिला कारागार एवं सुधार केंद्र से रविवार को रिहा हुए 20 भारतीय मछुआरों का जत्था सोमवार को भारत पहुंचा.
एनजीओ को सौंपी गई थी जिम्मेदारी
एधी फाउंडेशन ने लाहौर में उनका स्वागत किया और उन्हें भोजन भी उपलब्ध कराया. उन्हें वाघा सीमा पर ले जाया गया जहां उन्हें इम्मिग्रेशन प्रक्रिया और कुछ कोरोना जांचें पूरी की. कैदियों को पाकिस्तान से वापस भारत लाने की पूरी जिम्मेदारी एक गैर-लाभकारी सामाजिक कल्याण संगठन, एधी ट्रस्ट फाउंडेशन को दी गई थी. अधिकारियों के अनुसार, भारतीय नागरिकों को पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा सीमा सुरक्षा बल को सौंप दिया गया. अधिकांश मछुआरे चार से पांच साल पहले पाकिस्तानी जल सीमा में जाने के बाद कैद हो गए थे.
कैदी ने 5 साल से नहीं कटवाए बाल
इन 20 भारतीय मछुआरों को पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा बल (पीएमएसएफ) ने गिरफ्तार किया और पाकिस्तानी जलक्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़ने के आरोप में डॉक पुलिस को सौंप दिया गया था. ऐसे में पाकिस्तान की कैद से छुटे एक मछुआरे ने बताया कि वह पांच साल पहले गिरफ्तारी के समय से ही अपने बाल उगा रहा था. उसने कहा कि "यह मेरी इच्छा की पूर्ति के लिए था कि मैं जल्द ही रिहा हो जाऊं. मैंने ये माना था कि जब मैं रिहा होकर जाऊंगा तभी बाल कटवाउंगा.
मेरे बाल इतने लंबे हो गए और मेरा मानना है कि मेरी इच्छा के कारण आज सभी 20 मछुआरों को रिहा किया जा रहा है. उसने कहा कि वह अपने घर पहुंचते ही बाल कटवा लेगा
पाक की कैद में अभी और 588 मछुआरे हैं
एक अधिकारी ने कहा कि 588 और भारतीय नागरिक अभी भी पाकिस्तान की कैद में हैं, जिनमें अधिकांश मछुआरे हैं, और अभी भी लांधी जेल में बंद हैं. पाकिस्तान सरकार ने पिछले साल की शुरुआत में 20 भारतीय मछुआरों और अप्रैल 2019 में 100 भारतीय मछुआरों के एक अन्य जत्थे को रिहा किया था. पाकिस्तान और भारत के मछुआरे आमतौर पर एक-दूसरे के क्षेत्रीय जल में अवैध रूप से मछली पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद जेलों में बंद हो जाते हैं।
आधुनिक नेविगेशन उपकरण ना होने के कारण फंस जाते है मछुआरे
एनजीओ पाकिस्तान फिशरमेन फोरम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दोनों देशों के बीच अरब सागर के तटीय क्षेत्र में स्पष्ट सीमांकन रेखा के अभाव के कारण, आधुनिक समय के नेविगेशन उपकरण नहीं रखने वाले इन मछुआरों ने गलती से लाल रेखा को पार कर लिया था.