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पीएम मोदी से टीवी पर डिबेट करना चाहते हैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, बहाल करना चाहते हैं भारत से व्यापारिक रिश्ते

हाल ही में, रज्जाक दाऊद ने भारत के साथ व्यापार की वकालत की. उनका कहना था कि वह भारत के साथ पाकिस्तान के व्यापार संबंधों का समर्थन करते हैं. ऐसा करने से दोनों पक्षों को फायदा होगा. इमरान खान ने इससे पहले भी कश्मीर के मुद्दे पर भारत से बात करने की इच्छा व्यक्त की थी. 

Imran Khan Imran Khan
हाइलाइट्स
  • पीएम मोदी से टीवी पर डिबेट करना चाहते हैं इमरान खान

  • रूस के टीवी चैनल से कही यह बात

मंगलवार को रूस के स्टेट-रन टीवी चैनल रूस टुडे से बात करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टीवी डिबेट की इच्छा जताई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने कहा कि वह दोनों देशों के बीच मतभेदों को सुलझाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ टेलीविजन पर बहस करना चाहते हैं. 

उनका कहना है यदि दोनों देशों के मतभेदों को बहस के माध्यम से हल किया जा सकता है तो यह भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों के लिए फायदेमंद होगा. बता दें कि इमरान खान का यह इंटरव्यू उनकी मॉस्को यात्रा से पहले हुआ है. 

क्या भारत के साथ व्यापार करना चाहता है पाकिस्तान: 

बताया जा रहा है कि इंटरव्यू के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इशारों-इशारों में भारत के साथ फिर से व्यापार शुरू करने की बात कही. उनके बयान पाकिस्तान के उच्च वाणिज्यिक अधिकारी रज्जाक दाऊद से मिलता-जुलता रहा. 

हाल ही में, रज्जाक दाऊद ने भारत के साथ व्यापार की वकालत की. उनका कहना था कि वह भारत के साथ पाकिस्तान के व्यापार संबंधों का समर्थन करते हैं. ऐसा करने से दोनों पक्षों को फायदा होगा. इमरान खान ने इससे पहले भी कश्मीर के मुद्दे पर भारत से बात करने की इच्छा व्यक्त की थी. 

हालांकि, भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह पाकिस्तान से आतंकवाद मुक्त माहौल में ही अच्छे रिश्ते बना सकता है. 

भारतीय राजनेताओं की इमरान को सलाह

इमरान खान के इस बयान पर न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स ने भारत की प्रतिक्रिया जाननी चाही. लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय ने अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा है. लेकिन इस सबके बीच देश की और मशहूर हस्तियों ने इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी. 

कांग्रेस के राजनेता शशि थरूर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि इस बात में कोई दो राय नहीं कि बहस करना युद्ध लड़ने से बेहतर समाधान है. लेकिन भारतीय टेलीविज़न डिबेट में कोई मुद्दा हल नहीं हो सकता है, सिर्फ बढ़ेगा.  और हमारे कुछ न्यूज़ एंकर को तीसरा विश्व युद्ध शुरू करके ख़ुशी ही होगी अगर उनकी टीआरपी इससे बढ़ती हैं तो.

वहीं मनीष तिवारी ने ट्वीट किया, “सीरियसली? टीवी पर बहस से पाक प्रायोजित आतंकवाद का अंत कैसे होगा? @ImranKhanPTI"

वहीं अभिषेक सांघवी ने लिखा कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, वह नहीं चाहेंगे कि हमारे देश के प्रधानमंत्री पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से बात करें. क्योंकि इससे आतंकवाद का एक्सपोर्टर होने के बावजूद पाकिस्तान को एक हाई मॉरल ग्राउंड मिलेगा.