आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है. यह सत्र 29 दिसंबर 2022 तक चलेगा. इस सत्र के दौरान संसद में 16 बिल पेश किए जाएंगे और 7 लंबित विधेयकों को पारित कराने की भी कोशिश की जाएगी. आपको बता दें कि यह राज्यसभा का 258वां सत्र है.
सत्र शुरू होने से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ट्वीट किया और लिखा कि आशा है सदन के सुचारू संचालन में सभी दलों का सहयोग मिलेगा. इस बार सभापति के तौर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पहली बार उच्च सदन की कार्यवाही का संचालन करेंगे. पहले दिन कई बिल पेश किए जाने की उम्मीद है.
अहम फैसलों के लिए जाना जाएगा यह शीतकालीन सत्र: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शीतकालीन सत्र बहुत महत्वपूर्ण है 15 अगस्त को आजादी के 75 वर्ष पूरे हुए हैं और अब हम अमृत काल की यात्रा में आगे बढ़ रहे हैं. एक ऐसे समय में हम लोग मिल रहे हैं जब हिंदुस्तान को जी-20 की मेजबानी का अवसर मिला है.
भारत वैश्विक मंच पर अपनी भागीदारी बढ़ाता जा रहा है. जी-20 समिट सिर्फ डिप्लोमेटिक इवेंट नहीं है. जी-20 समिट समग्र रूप से भारत के सामर्थ्य को विश्व के सामने प्रस्तुत करने का बड़ा अवसर है. उन्होंने कहा कि 'यह शीतकालीन सत्र अहम फैसलों के लिए जाना जाएगा'. साथ ही प्रधानमंत्री ने सभी पार्टियों से अपने युवा सांसदों को मौका देने का आग्रह किया ताकि वे कुछ सीख सकें.
आज सदन में पेश किए जाएंगे 16 बिल
आज केंद्र सरकार संसद में 16 विधेयक पेश करने जा रही है. संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने वाले कुछ विधेयकों में व्यापार चिह्न (संशोधन) विधेयक, 2022, वस्तुओं का भौगोलिक संकेत (पंजीकरण और संरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 और निरसन और संशोधन विधेयक, 2022 शामिल हैं।
ट्रेड मार्क (संशोधन) विधेयक, मैड्रिड पंजीकरण प्रणाली के कुछ पहलुओं को शामिल करना चाहता है। मार्क्स के लिए अंतर्राष्ट्रीय पंजीकरण की मैड्रिड प्रणाली उद्यमों को उनके ट्रेड मार्क्स को पंजीकृत करने और कई देशों में उनके ब्रांड्स की सुरक्षा के लिए एक-स्टॉप समाधान प्रदान करती है. वहीं, वस्तुओं का भौगोलिक संकेत (पंजीकरण और संरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022, कुछ प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए मूल अधिनियम में संशोधन करने का प्रयास है.
कुछ अन्य विधेयकों में बहु-राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक, 2022 और राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2022 शामिल हैं. सरकार के एजेंडे में एंटी-मैरीटाइम पाइरेसी बिल, 2019 भी शामिल है, जिसे 9 दिसंबर, 2019 को लोकसभा में पेश किया गया था और इसे विदेश मामलों की स्थायी समिति के पास भेजा गया था.