अग्निवीरों को लेकर संसद की एक समिति ने बड़ी सिफारिश की है. रक्षा मामलों की संसदीय स्थायी समिति (Parliamentary Standing Committee)ने ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले अग्निवीर (Agniveer) के परिवार को रेगुलर सैनिकों के परिवार की तरफ सुविधाएं देने की सिफारिश की है. इसके साथ ही कमेटी ने शहीद होने वाले जवानों के परिवार को मिलने वाली धनराशि को भी बढ़ाने की सिफारिश की है.
रेगुलर सैनिक की तरह मिले अग्निवीर के परिवार को सुविधा-
समिति ने संसद में अपनी रिपोर्ट पेश की. इस रिपोर्ट में पैनल ने कहा कि ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले अग्निवीर के परिवार को नियमित सैनिकों के परिवारों की तरह सुविधा दी जानी देनी चाहिए. आपको बता दें कि केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) के तहत थल सेना यानि इंडियन आर्मी (Indian Army), नौसेना यानि इंडियन नेवी (Indian Navy) और एयरफोर्स यानि भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) में 4 सालों के लिए अग्निवीरों की भर्ती होती है. इनमें से 25 फीसदी अग्निवीरों को सेना में स्थाई नियुक्ति मिलती है.
संसदीय कमेटी ने ड्यूटी में शहीद होने वाले सैनिकों के परिवार को मिलने वाली धनराशि को बढ़ाने की सिफारिश की है. कमेटी ने कहा कि अलग अलग केटेगरी में से हर एक में 10-10 लाख रुपए तक बढ़ाने पर विचार करना चाहिए.
हर राज्य में परिवार को मिले एक बराबर मुआवजा-
कमेटी ने साफ शब्दों में ये भी सिफारिश की है कि शहीद होने वाले सैनिकों के परिवारों को हर राज्य अपने हिसाब से मुआवजा देते हैं. इसको लेकर राज्य सरकारों को संवेदनशील बनाने के लिए उपाय किए जाने की जरूरत है. इसका मतलब है कि मुआवजा राशि को सभी राज्यों में बराबर करना चाहिए.
शहीद अग्निवीर के परिवार को क्या मिलता है-
अगर कोई अग्निवीर ड्यूटी के दौरान शहीद होता है तो उसके परिवार को बीमा के 48 लाख रुपए मिलते हैं. इसके अलावा 44 लाख रुपये बतौर मुआवजा मिलता है. इसके साथ ही परिवार को अग्निवीर के जमा किए गए सेवा निधि और बैटल कैजुअल्टी फंड से 8 लाख रुपए मिलते हैं. अग्निवीर के सेवा निधि में सरकार भी समान योगदान देती है. इसके अलावा अग्निवीर जिस दिन शहीद होता है, उस दिन से 4 साल तक की सेवा पूरी होने तक की सैलरी परिवार को दी जाती है.
रेलुगर सैनिकों के परिवार को क्या मिलता है-
शहीद अग्निवीर के मुकाबले रेगुलर सैनिक के शहीद होने पर उसके परिवार को ज्यादा मुआवजा मिलता है. इसके साथ ही परिवार को सुविधाएं भी मिलती हैं. सरकार शहीद सैनिकों के बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य और दूसरी सुविधाएं देती है. परिवार के बच्चों को पढ़ाई और इलाज के खर्च में छूट देती है. बच्चों की ट्यूशन फीस के साथ स्कूल बस का खर्च भी मिलता है. इसके अलावा बोर्डिंग स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों की हॉस्टल फीस, हर साल 2000 रुपए कॉपी-किताब का खर्च, यूनिफॉर्म खर्च मिलता है. एमबीबीएस में कुल 42 और बीडीएस कोर्स में 3 सीट शहीद के बच्चों के लिए रिजर्व होती है. ईसीएचएस में फ्री इलाज भी होता है.
शहीद सैनिकों के परिवार को पेट्रोल पंप का आवंटन जैसी योजनाओं का लाभ भी मिलता है. गैस एजेंसी लेने में छूट मिलती है. इसके अलावा परिवार को आर्थिक मदद भी दी जाती है.
शहीद सैनिकों के परिवार को आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस के तौर पर 25 लाख रुपए मिलते हैं. इसके अलावा आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन, सैनिक कल्याण बोर्ड जैसे संगठन भी आर्थिक मदद करते हैं. शहीद की विधवा को हर महीने पेंशन भी मिलती है. इसके अलावा केंद्र सरकार की तरफ से 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद मिलती है. राज्यों की तरफ से भी मदद मिलती है. शहीद की विधवाओं को रेल यात्रा में छूट मिलती है.
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