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किसान आंदोलन खत्म होने की उम्मीद में हैं सिंघु गांव के लोग, बोले- आंदोलन के खत्म होने से लौटेगी हमारी बरकत

इसके बाद अर्जुन सिंघु गांव में आ गए और किराए पर इलेक्ट्रिशियन की दुकान खोली. किसान आंदोलन शुरू होने के बाद दुकान के सामने दिन भर ट्रैफिक जाम रहता है. ऐसे में ग्राहकों का आना जाना मुश्किल हो गया है. अर्जुन आगे बताते हैं कि दुकानदारी की जिस उम्मीद में फैक्ट्री छोड़कर यहां आए थे वह भी डूबती हुई दिखाई पड़ रही है, उन्होंने ये उम्मीद जताई कि अगर किसान आंदोलन खत्म होता है तो उनकी दुकान की बरकत लौट आएगी.

सिंघु गांव की गलियों में लगी गाड़ियों की भीड़ सिंघु गांव की गलियों में लगी गाड़ियों की भीड़
हाइलाइट्स
  • किसान आंदोलन खत्म होने की उम्मीद जता रहे सिंघु गांव के लोग

  • दुकानों से लेकर घरों में हो रही परेशानियां

तीनों कृषि बिल को निरस्त करने के सरकार के प्रस्ताव पर किसान नेताओं का रूख सकारात्मक रहा है. ऐसे में किसान आंदोलन जल्द खत्म होने की उम्मीद जताई जा रही है. किसान आंदोलन के खत्म होने से सरकार को बड़ी राहत तो मिलेगी ही साथ ही आम जनता को भी परेशानियों से छुटकारा मिलेगा. किसान आंदोलन का मुख्य केन्द्र सिंघु गांव है. ये गांव सिंघु बॉर्डर के पास है. किसान आंदोलन की शुरूआत से ही इस गांव के लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सुबह से लेकर शाम तक इस गांव में ट्रैफिक जाम रहता है. गांव के चौक -चौराहों पर भारी भीड़ उमड़ी रहती है. दरअसल किसान आंदोलन को लेकर सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने रास्ता बंद किया है , इस बाबत हाईवे का पूरा ट्रैफिक डायवर्ट होकर सिंधु गांव की गलियों से होकर गुजरने लगा है . ऐसे में ये जाहिर है कि गांव की गलियां और सड़कें  इस लायक नहीं है कि वो हाईवे का ट्रैफिक संभाल सके. 

किसान आंदोलन की वजह से दुकानदारों पर गहरा असर

इस गांव में बड़ी तादाद में लोग किराए पर मकान और दुकान लेकर रह हैं. किराए पर दुकान चलाने वाले अर्जुन शर्मा  बताते हैं कि वह पहले एक फैक्ट्री में काम करते थे. कोविड महामारी के बाद फैक्ट्री छोड़नी पड़ी. इसके बाद अर्जुन सिंघु गांव में आ गए और किराए पर इलेक्ट्रिशियन की दुकान खोली. किसान आंदोलन शुरू होने के बाद दुकान के सामने दिन भर ट्रैफिक जाम रहता है. ऐसे में ग्राहकों का आना जाना मुश्किल हो गया है. अर्जुन आगे बताते हैं कि  दुकानदारी की जिस उम्मीद में फैक्ट्री छोड़कर यहां आए थे वह भी डूबती हुई दिखाई पड़ रही है, उन्होंने ये उम्मीद जताई कि अगर किसान आंदोलन खत्म होता है तो उनकी दुकान की बरकत लौट आएगी. 

सिंघु गांव में रहने वाले लोगों की उम्मीद- जल्द खत्म हो ये आंदोलन

सालों से इसी गांव में रहने वाले  नंदकिशोर बताते हैं ट्रैफिक के चलते गांव का माहौल भी बेहद खराब हो गया है. प्रदुषण के बढ़ने के अलावा सुबह शाम यहां गाड़ी वाले लड़ाई करते दिखाई पड़ जाएंगे. वो बताते हैं कि इससे पहले गांव में इस तरह का माहौल नहीं था. ना ही कभी इतना ट्रैफिक था.भीड़ का आलम ये है कि दुकानों पर ग्राहकों को खड़े होने तक की जगह नहीं मिल रही है.

 

सिंघु गांव में किराए पर मेडिकल स्टोर चलाने वाले राकेश चौहान का भी यही हाल है राकेश निराश हो कर बताते हैं कि हम तो जैसे घर से गाड़ियों की कतार देखने आते हैं . ये भीड़ हमें मेडिकल स्टोर तक भी नहीं जाने देती. अब बस किसान आंदोलन के खत्म होने की उम्मीद है.