पंजाब सरकार ने राज्य में दिवाली पर हरे पटाखे (Green firecrackers) जलाने की अनुमति दे दी है. जालंधर और मंडी गोबिंदगढ़ शहर को छोड़कर पूरे राज्य में दिवाली और गुरु पर्व पर हरे पटाखों के उपयोग के लिए दो घंटे की समय सीमा दी गयी है. राज्य में क्रिसमस पर भी आतिशबाजी का समय केवल 35 मिनट तक सीमित कर दिया गया है.
2 घंटे जला सकेंगे Green पटाखे
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिवाली (4 नवंबर) पर रात 8 बजे से 11 बजे तक ग्रीन पटाखे जलाने की परमिशन दी गयी है. वहीं गुरु पर्व (19 नवंबर) को दो स्लॉट में पटाखे जला सकेंगे, इसके लिए सुबह 4 बजे से 5 बजे तक और रात 9 बजे से 10 बजे तक का समय दिया गया है. क्रिसमस (25 दिसंबर) पर दोपहर 11:55 से 12.30 तक अनुमति दी गयी है और नए साल की पूर्व संध्या यानि 31 दिसंबर को रात 11.55 बजे से 12.30 बजे तक ग्रीन पटाखे जला सकेंगे.
दो जिलों में होगी ‘नो क्रैकर्स दिवाली’
इस बीच, दो जिलों, मंडी गोबिंदगढ़ और जालंधर में पिछले साल दिवाली की रात की गई वायु गुणवत्ता की निगरानी के बाद पटाखों की अनुमति नहीं दी गयी है. मंडी गोबिंदगढ़ में लगातार दूसरे साल "नो-क्रैकर्स दिवाली" मनाई जाएगी.
ई-कॉमर्स साइटों को पटाखे बेचने या बांटने पर रोक
इसके अलावा, पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (PPCB) ने कम्यूनिटी सेलिब्रेशन को प्रमोट करने का फैसला किया है. जबकि संबंधित विभाग द्वारा ई-कॉमर्स साइटों को पंजाब में पटाखे बेचने या बांटने पर रोक लगा दी गई है. द ट्रिब्यून के अनुसार, पीपीसीबी (PPCB) के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा, "पंजाब में केवल ग्रीन पटाखे, जिन्हें कोर्ट द्वारा अनुमति मिली है, वही जलाये जायेंगे.”
वायु गुणवत्ता के गिरते स्तर को देखते हुए लिया फैसला
बता दें, बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पंजाब में दिवाली पर पटाखों पर रोक लगाई गयी है. नवंबर 2019 में प्रदूषण के स्तर को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने कुछ दिशा-निर्देश जारी किये थे. इसमें कहा गया था कि खराब परिवेशी की वायु गुणवत्ता वाले शहरों में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री या उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना चाहिए. ऐसे में राज्य में एनजीटी के निर्देशों के साथ-साथ विभिन्न न्यायिक आदेशों के अनुपालन में केवल हरे पटाखों की अनुमति होगी.