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Phone Tapping: क्या सरकार आपका फोन भी कर सकती है टैप? जानिए भारत में इससे जुड़े नियम-कानूनों के बारे में

भारतीय कानून के हिसाब से सरकार के पास आपका फ़ोन टैप करने का पूरा अधिकार है. इसके लिए सरकार इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को आपका फोन टैप करने के निर्देश दे सकती है. हालांकि, इसके लिए जो टर्म्स एंड कंडीशंस रखी गई हैं उनमें कहा गया है कि ऐसा तभी होना चाहिए जब बात नेशनल और इंटर्नल सिक्योरिटी की हो. 

Phone Tapping in India Phone Tapping in India
हाइलाइट्स
  • सरकार के पास आपका फ़ोन टैप करने का पूरा अधिकार है

  • 10 एजेंसियां करवा सकती हैं फोन टैप

हम अक्सर फिल्मों में देखते हैं कि कोई इंसान किसी का फोन टैप कर रहा है. या हम ज्यादातर मूवीज और सीरीज में भी ऐसा करते हुए देखते हैं. हालांकि, ऐसा दिखना आसान हो सकता है पर करना नहीं है. हाल ही में सीआरपीएफ में तैनात आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के ऊपर एक एफआईआर दर्ज की गई है जिसमें उनपर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने 2019 में राज्यसभा सांसद संजय राउत और राकांपा नेता एकनाथ खडसे का फोन टैप किया था.  

अब इसे देखते हुए ही देशभर में फोन टैपिंग को लेकर एक डिबेट शुरू हो गई है. सभी लोग अपनी प्राइवेसी को लेकर चिंता में हैं. चलिए समझते हैं कि आखिर फोन टैपिंग को लेकर देश में क्या प्रावधान हैं और क्या कोई भी किसी का भी फोन टैप करवा सकता है?

भारत में फोन कैसे टैप किया जाता है?

दरअसल, जब फिक्स्ड लाइन फोन का युग था, तब मैकेनिकल एक्सचेंज कॉल से ऑडियो सिग्नल को रूट करने के लिए सर्किट को एक साथ जोड़ा जाता था. लेकिन जब एक्सचेंज डिजिटल हुए, तो कंप्यूटर के जरिए टैपिंग की जाने लगी. आज, जब ज्यादातर लोग बातचीत के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करती हैं, ऐसे में अधिकारी किसी का भी फोन टैप करने के लिए सर्विस प्रोवाइडर से अनुरोध करते हैं.

क्या सरकार करवा सकती है आपका फोन टैप?

आसान शब्दों में समझें तो भारतीय कानून के हिसाब से सरकार के पास आपका फ़ोन टैप करने का पूरा अधिकार है. इसके लिए सरकार इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को आपका फोन टैप करने के निर्देश दे सकती है. हालांकि, इसके लिए जो टर्म्स एंड कंडीशंस रखी गई हैं उनमें कहा गया है कि ऐसा तभी होना चाहिए जब बात नेशनल और इंटर्नल सिक्योरिटी की हो. 

कौन करेगा आपका फोन टैप?

राष्ट्र हित के लिए सरकार आपका फोन अपनी ख़ुफ़िया एजेंसीज से करवा सकती है. इनमें 10 एजेंसियां शामिल हैं. जिसमें इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB), एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED), सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT), डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (RID), सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन(CBI), नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA), रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW), डायरेक्टोरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस (SID) जैसी एजेंसी हैं. हालांकि, किसी भी अन्य एजेंसी द्वारा अगर फोन टैप किया जा रहा है तो ये अवैध माना जाता है और पकड़े जाने पर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी हो सकती है. 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट की मानें तो हर महीने सरकार करीब 7500 से 9000 लोगों के फोन टैप करने के ऑर्डर देती है.

कौन से कानून इसे नियंत्रित करते हैं?

भारत में फोन टैपिंग के लिए भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 निर्धारित की गई है. धारा 5(2) के मुताबिक, "किसी भी पब्लिक इमरजेंसी की घटना पर, या पब्लिक सेफ्टी को देखते हुए केंद्र या राज्यों द्वारा फोन टैपिंग की जा सकती है. लेकिन यह तभी हो सकता है जब वे पूरी तरह से इसके लिए क्लियर हों कि यह कदम पब्लिक सेफ्टी के लिए जरूरी है. इसके अलावा भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध या सार्वजनिक व्यवस्था या किसी अपराध के लिए उकसाने को रोकने के लिए फोन टैप की इजाजत दी जा सकती है.”

फोन टैपिंग को कौन अधिकृत करता है?

भारतीय टेलीग्राफ (संशोधन) नियम, 2007 के नियम 419 ए में कहा गया है कि फोन टैपिंग के आदेश भारत सरकार को छोड़कर कोई जारी नहीं कर सकता है.  वहीं, राज्य के मामले में सरकार के सचिव के लिखित आदेश के बाद ही इसकी इजाजत के आदेश हैं. इसके बाद ही फोन टैपिंग की जा सकती है. 

क्या बिना पेर्मिशन के भी किया जा सकता है टैप?

जी हां, ऐसा मुमकिन है. कई बार इमरजेंसी वाली स्थिति में पेर्मिशन लेने का टाइम नहीं होता है. इसलिए छोटा प्रोसेस ही फॉलो कर लिया जाता है. इसका एक उदाहरण मुंबई में हुए 26/11 के हमलों के दौरान देखा गया था. जब अधिकारियों के पास पूरी प्रक्रिया का पालन करने का समय नहीं था, और इसलिए इंटेलिजेंस ब्यूरो ने सर्विस प्रोवाइडर को एक मेल भेज दिया था, जिसके बाद आतंकवादियों के फोन को निगरानी में रखा गया था. कई बार, आतंकवादी हमलों जैसी गंभीर स्थितियों में, सर्विस प्रोवाइडर से मौखिक अनुरोध भी किया जाता है और फिर फोन टैपिंग की जाती है. 
 
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