पीलीभीत जिला निर्वाचन आयोग ने मंडी में बने चारो विधानसभा के स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिये पुलिस को नही बल्कि लंगूरी बन्दर को तैनात किया है. दरअसल पीलीभीत क्षेत्र में लाल मुंह बाले बंदर ईवीएम मशीन और वीवीपैट की निगरानी में लगे सीसीटीवी कैमरे को तोड़ रहे थे. इन बंदरों को भगाने के लिए लंगूरी बंदर को मंडी में तैनात किया गया है.
23 फरवरी को पीलीभीत में होने है मतदान
पीलीभीत में आने वाले चौथे चरण में 23 फरवरी को मतदान होना है. उसके लिए जिले की चारों विधानसभा के लिए मंडी परिसर में चार स्ट्रांग रूम बनाए गए हैं. इन कमरों में ईवीएम मशीन और वीवीपैट रखे गए हैं और इनकी सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. लेकिन निर्वाचन आयोग की सुरक्षा में सेंधमारी करते हुए बंदरों ने इन कैमरों को तोड़ दिया, जिससे अधिकारियों में खलबली मच गई. आनन-फानन में एक मीटिंग बुलाई गई. मीटिंग के बाद यहां की सुरक्षा वन विभाग के हवाले कर दी गई.
कुछ दिन बाद फिर से वापस आ गए बंदर
कुछ दिन तक 24 घंटे 3 शिफ्ट में आसमान से लेकर जमीन तक सुरक्षा लगा दी गई और बंदरों को कुछ हद तक रोका गया. बन्दरों को पिंजरों में भर भर के जंगलों में छोड़ा गया लेकिन कुछ दिन बाद बंदर फिर से वापस आने लगे. झुंड के झुंड रात में आकर कैमरे को नुकसान करने लगे. ऐसे में पीलीभीत निर्वाचन आयोग ने यह फैसला किया कि अब यहां पर एक लंगूरी बंदर तैनात किया जाए. यह फैसला सही साबित हुआ मंडी में जैसे ही लंगूरी बंदर छोड़ा गया लाल मुंह वाले बंदर दूर-दूर तक अब कहीं दिखाई नहीं देते हैं. जिला निर्वाचन अधिकारी, उनका स्टाफ, वन विभाग और पुलिस फोर्स चैन से बैठा है और यहां तैनात लंगूर बंदर इन सब का काम कर रहा है.
कैमरा तोड़ रहे थे बंदर
जिला चुनाव अधिकारी पीलीभीत राम सिंह गौतम ने बताया कि बंदर कैमरे तोड़ रहे थे इसलिए हमने लंगूरी बंदर को तैनात करने के लिए अपर पुलिस अधीक्षक से कहा था. निगरानी के लिए लगाए गए 50 से अधिक कैमरों को बंदर तोड़ चुके थे. उप क्षेत्रीय वन अधिकारी शेर सिंह ने बताया कि यहां पर स्ट्रांग रूम बना है और उनके निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जो बंदर तोड़ गए थे इनकी सुरक्षा के लिए वन विभाग की टीम तैनात हैं और लंगूरी बंदर भी तैनात किया गया है.
(पीलीभीत से सौरभ पांडे की रिपोर्ट)