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कैसे महिला पायलट की सूझबूझ ने दिल्ली एयरपोर्ट पर आपस में टकराने से बचाए 2 विमान?

विस्तारा एयरलाइन्स की एक महिला पायलट की सूझबूझ ने दो विमानों को आपस में टकराने से बचा लिया. दो विमान रनवे पर एक-दूसरे से सिर्फ 1.8 किलोमीटर दूर रह गए थे जब कैप्टन सोनू गिल ने खतरे को भांप लिया.

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दिल्ली हवाई अड्डे पर एक बड़ी दुर्घटना तब टल गई जब एक सतर्क पायलट ने ठीक समय पर अपनी सूझबूझ से विस्तारा एयरलाइंस के दो विमानों को टकराने से बचा लिया. इनमें से प्रत्येक में लगभग 150 यात्री थे, दोनों फ्लाइटें एक-दूसरे से टकराने से बाल-बाल बची. दो विमान रनवे पर एक-दूसरे से सिर्फ 1.8 किलोमीटर दूर रह गए थे. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इस मामले पर जांच के निर्देश दिए हैं.

दिल्ली हवाई अड्डे के एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (ATC)ने अहमदाबाद से दिल्ली आने वाली विस्तारा फ्लाइट VTI926 की लैंडिंग के बाद उसे एक्टिव रनवे को पार कर पार्किंग बे की तरफ जाने के निर्देश दिए थे. इसी दौरान दिल्ली से बागडोगरा जा रही फ्लाइट VTI725 को भी उसी रनवे से उड़ान भरने की अनुमति दे दी गई थी. अहमदाबाद-दिल्ली उड़ान के अनुभवी कैप्टन सोनू गिल ने खतरे को तब भांप लिया जब दोनों विमान महज 1.8 किलोमीटर की दूरी पर थे. कैप्टन गिल ने तुरंत एटीसी को आसन्न टकराव के बारे में सचेत कर दिया, जिससे आपदा टल गई.

DGCA ने इस पर क्या कहा? 
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के अनुसार, फ्लाइट VTI926 रनवे 29एल पर उतरी थी और ATC ने उसे पार्किंग बे के रास्ते में रनवे 29आर को पार करने के लिए कहा था. हालांकि, ड्यूटी पर मौजूद ATC अधिकारी कुछ पल के लिए भूल गया कि वह फ्लाइट VTI725 को भी रनवे सेम रनवे, 29आर से उड़ान भरने के निर्देश दे चुका है. DGCA ने कहा कि VTI926 की पायलट से मिली सूचना के आधार पर ATC अधिकारी को अपनी गलती का अहसास हुआ. एक बयान में, डीजीसीए ने सामने आए उन पलों को याद करते हुए कहा, "रनवे (VTI926) को पार कर रहे विमान में एक सतर्क पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल को सतर्क कर दिया और विमान (VTI725) को अपने टेक-ऑफ रन पर टेक-ऑफ को रोकने का आदेश दिया गया." इस दौरान पायलट ने यात्रियों के बीच पैदा हुए संशय को दूर किया और उन्हें वर्तमान स्थिति बताई. इसके लिए जिम्मेदार एटीसी अधिकारी को पद से हटा दिया गया. दिल्ली-बागडोगरा उड़ान को चतुराई से सक्रिय रनवे से वापस पार्किंग बे तक ले जाया गया. इसमें फ्यूल भरा गया और ब्रेकिंग सिस्टम की भी जांच की गई.

क्या कहते हैं नियम?
नियमों के मुताबिक, आमतौर पर एक विमान को तब तक टेक-ऑफ क्लीयरेंस यानी उड़ान भरने की इजाजत नहीं मिलती है जब तक उसके पास के रनवे पर दूसरे विमान की लैंडिंग पूरी नहीं हुई हो. इसके विपरीत अगर पहले विमान को टेक-ऑफ की अनुमति मिल जाए और दूसरे विमान ने लैंडिंग को टालकर कुछ समय हवा में चक्कर लगाने का फैसला किया तो दोनों विमानों के फ्लाइट पाथ एक-दूसरे के आड़े आ सकते हैं, जिससे हादसा हो सकता है.