रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय सेना ने शनिवार को पिनाका एमके- I रॉकेट सिस्टम (Pinaka Mk-I Enhanced Rocket System- EPRS) और पिनाका एरिया डेनियल मुनिशन रॉकेट सिस्टम (Pinaka Area Denial Munition) का पोखरण फायरिंग रेंज में सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया.
डीआरडीओ ने बताया कि पिछले पखवाड़े के दौरान विभिन्न रेंजों के लिए कुल 24 ईपीआरएस रॉकेट दागे गए. इन रॉकेटों ने टारगेट को पूरी सटीकता और गति के साथ ध्वस्त कर दिया. चलिए आपको इसकी खासियत के बारे में बताते हैं.
हर 4 सेकेंड में एक मिसाइल होगी फायर
पिनाका एमके- I एक अपग्रेटेड रॉकेट और पिनाका एरिया डिनायल म्यूनिशन, यह दोनों ही तकनीक पिनाका मिसाइल सिस्टम का नया वर्जन है. इन रॉकेट सिस्टम्स को DRDO की प्रौद्योगिकी पर विकसित किया गया है. ये मिसाइल सिस्टम 44 सेकेंड में 12 मिसाइलें लॉन्च कर सकता है. इसको आप ऐसे समझ सकते हैं कि ये करीब हर 4 सेकेंड में मिसाइल फायर करती है. इस 214 कैलिबर के लॉन्चर से एक के बाद एक 12 पिनाका रॉकेट दागे जा सकते हैं. इस रॉकेट लॉन्चर की रेंज 7 किलोमीटर के नजदीकी टारगेट से लेकर 90 किलोमीटर दूर तक है.
तीन वेरिएंट में बनाए गए हैं रॉकेट लॉन्चर
इस रॉकेट लॉन्चर के तीन वेरिएंट्स बनाए गए हैं- MK-1, MK-2 और MK-3. MK-1 रॉकेट लॉन्चर की रेंज 40 किलोमीटर है, वहीं MK-2 90 किलोमीटर तक हमला कर सकता है. इसके अलावा MK-3 जो अभी निर्माणाधीन है उसकी रेंज 120 किलोमीटर की बताई जा रही है. इसकी लंबाई 16 फीट 3 इंच से लेकर 23 फीट 7 इंच तक है. इसका डायमीटर 8.4 इंच है.
दुश्मन को भागने तक का नहीं मिलेगा मौका
हाई एक्सप्लोसिव फ्रेगमेंटेशन (HMX), क्लस्टर बम, एंटी-पर्सनल, एंटी-टैंक और बारूदी सुरंग उड़ाने वाले हथियार इस लॉन्चर से छोड़े जाने वाले पिनाका रॉकेट के ऊपर लगाए जा सकते हैं. यह रॉकेट 100 किलो तक वजन के हथियार उठा सकता है. इस मिसाइल सिस्टम की शुरुआत 1986 में हुई थी. वहीं अगर इसकी स्पीड की बात करें तो ये 5757.70 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलता है. इसका मतलब है कि ये 1.61 किलोमीटर की रफ्तार से हमला कर सकता है.
दुश्मन देशों पर होगी इसकी नजर
सेना के सूत्रों का कहना है कि पिनाका को सैन्य बलों की संचालन तैयारियां बढ़ाने के लिए पाकिस्तान और चीन बॉर्डर के साथ तैनात किया जाएगा. वहीं BEML ऐसे वाहनों की आपूर्ति करेगा जिस पर रॉकेट लॉन्चर को रखा जाएगा. इस मिसाइल रेजिमेंट को 2024 तक शुरू करने की योजना है. रक्षा मंत्रालय का कहना है कि 6 पिनाका रेजिमेंट में ‘ऑटोमेटेड गन एमिंग एंड पोजिशनिंग सिस्टम’ के साथ 114 लॉन्चर, 45 कमान पोस्ट भी होंगे.