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Ganga Vilas Cruise: 50 दिन में 3200 किमी का सफर, जानिए देश के सबसे लंबे रिवर क्रूज शिप के बारे में

भारत किसी भी रिवरशिप का सबसे लंबी यात्रा का इतिहास लिखने की तैयारी कर रहा है. यह यात्रा यूपी में काशी से शुरू होकर असम के डिब्रूगढ़ तक होगी और इसमें एक अहम पड़ाव पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश भी होगा.

Ganga Vilas River luxury cruise (Photo: twitter) Ganga Vilas River luxury cruise (Photo: twitter)
हाइलाइट्स
  • 80 लोग एक बार में कर सकेंगे ट्रिप

  • क्रूज में मौजूद हैं हाई-टेक सुविधाएं 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में जानकारी दी थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 जनवरी को वाराणसी से बांग्लादेश होते हुए डिब्रूगढ़ तक, दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज 'गंगा विलास' को हरी झंडी दिखाने के लिए तैयार हैं. 

इस क्रूज से टूरिस्ट 50 दिनों में 3200 किमी की यात्रा कवर करेंगे. इस दौरान यात्री भारत और बांग्लादेश में 27 नदी प्रणालियों से गुजरेंगे और उन्होंने 50 से अधिक विश्व विरासत स्थलों और वास्तुशिल्प रूप से महत्वपूर्ण स्थानों पर जाने का मौका मिलेगा. 

80 लोग एक बार में कर सकेंगे ट्रिप
आपको बता दें कि गंगा विलास क्रूज शिप में 80 यात्री एक साथ ट्रिप कर सकते हैं. इसमें 18 सुइट्स और अन्य सभी संबंधित सुविधाएं हैं. दिलचस्प बात है कि यह पहला भारत निर्मित रिवरशिप है. कुछ समय पहले जारी समय सारिणी के अनुसार गंगा विलास क्रूज वाराणसी से अपनी यात्रा शुरू करेगा और 8वें दिन बक्सर, रामनगर और गाजीपुर होते हुए पटना पहुंचेगा. 

पटना से क्रूज कोलकाता के लिए रवाना होगा और 20वें दिन फरक्का और मुर्शिदाबाद होते हुए पश्चिम बंगाल की राजधानी पहुंचेगा. अगले दिन, यह ढाका के लिए रवाना होगा और बांग्लादेश की सीमा में प्रवेश करेगा. अगले 15 दिनों तक देश के जलक्षेत्र में रहेगा. अंत में, यह शिवसागर के माध्यम से नौकायन करने और डिब्रूगढ़ में अपने अंतिम गंतव्य तक पहुंचने से पहले गुवाहाटी के माध्यम से भारत वापस आ जाएगा. 

क्रूज में मौजूद हैं हाई-टेक सुविधाएं 
यह क्रूज सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान सहित राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों से भी गुजरेगा. क्रूज के अनुभव को सुखद बनाने के लिए दिनभर संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का इंतजाम है. साथ ही, क्रूज पर सभी हाई-टेक सर्विस जैसे जिम, स्पा, एक ओपन स्पेस बालकनी, बटलर सर्विस आदि होंगी. 

फोर्ब्स के अनुसार, गंगा विलास क्रूज पर सवार टूरिस्ट वाराणसी से लेकर - पृथ्वी पर सबसे पुराने शहरों में से एक और हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण स्थल - परित्यक्त बौद्ध मठ विक्रमशिला तक के शानदार भारतीय स्थलों का दौरा करेंगे. बांग्लादेश में उन्हें अन्य ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों को देखने का मौका मिलेगा जिनमें सोनारगांव के भूतिया शहर और साठ गुंबद मस्जिद आदि शामिल हैं. 

गंगा विलास से आ पहे हैं 32 स्विस मेहमान
आपको बता दें कि गंगा विलास अपनी यात्रा की शुरुआत से पहले 32 स्विस मेहमानों को लेकर कोलकाता से काशी पहुंचेगा. इसे 22 दिसंबर 2022 को ही रवाना किया जा चुका है और यह 10 जनवरी 2023 तक काशी पहुंच जाएगा. ये यात्री काशी में रुक कर यहां धार्मिक और अध्यात्मिक ठिकानों को देखेंगे और लोकल जायके का मजा लेंगे.