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G-20 की बैठक से पहले PM Modi ने China-Pakistan को दिया करारा जवाब, बोले- अरुणाचल प्रदेश हो या कश्मीर कहीं भी कर सकते हैं मीटिंग 

Prime Minister Narendra Modi ने कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता ने तथाकथित तीसरी दुनिया के देशों में भी विश्वास के बीज बोए. उन्होंने कहा कि भारत की जी-20 प्रेसीडेंसी की थीम वसुधैव कुटुंबकम सिर्फ नारा नहीं बल्कि हमारे सांस्कृतिक लोकाचार से प्राप्त व्यापक दर्शन है.

Prime Minister Narendra Modi (file photo) Prime Minister Narendra Modi (file photo)
हाइलाइट्स
  • चीन-पाकिस्तान ने जी-20 की बैठक को लेकर जताई थी आपत्ति

  • जी-20 प्रेसीडेंसी की थीम वसुधैव कुटुंबकम है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 की बैठक से पहले चीन और पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है. पीएम मोदी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश हो या कश्मीर कहीं भी हम मीटिंग कर सकते हैं. दरअसल, कश्मीर में जी-20 की बैठक आयोजित करने पर पड़ोसी पाकिस्तान ने आपत्ति जताई थी, उधर अरुणाचल प्रदेश में बैठक हुई तो चीन को तकलीफ हुई. 

अब दिल्ली में जी-20 नेताओं की बैठक से ठीक पहले पीटीआई को दिए विशेष साक्षात्कार में पीएम मोदी ने पाकिस्तान और चीन की आपत्तियों को खारिज करते हुए साफ कहा है कि देश के हर हिस्से में बैठकें होना स्वाभाविक है. भारत की संस्कृति और विविधता को दर्शाने के लिए सरकार ने देश के अलग-अलग हिस्सों में जी-20 की बैठकें आयोजित की थी.

पाकिस्तान नहीं है जी-20 का सदस्य 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जी-20 के सालभर चलने वाले कार्यक्रमों में डेढ़ करोड़ से ज्यादा भारतीय शामिल हैं. आपको बता दें कि पाकिस्तान जी-20 का सदस्य नहीं है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को दिल्ली समिट के लिए आना था लेकिन ऐन वक्त पर उन्होंने अपने प्रधानमंत्री को भेजने का फैसला किया है. अगले कुछ दिन बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन समेत दुनिया के कई दिग्गज नेता दिल्ली पहुंचेंगे.

लोक लुभावने वादों से होता है गरीबों को नुकसान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गैर-जिम्मेदार वित्तीय नीतियों और लोक लुभावने वादों से तुरंत राजनीतिक फायदे मिल सकते हैं, लेकिन भविष्य में इसकी आर्थिक और सामाजिक कीमत चुकानी पड़ती है. इसमें नुकसान गरीबों का ही होता है.

भारत उत्प्रेरक की निभा रहा है भूमिका 
भारत की जी-20 अध्यक्षता के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इससे कई सकारात्मक प्रभाव हुए हैं और उसमें से कुछ मेरे दिल के बहुत करीब हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, जी-20 में, हमारे शब्दों और दृष्टिकोण को दुनिया न कि केवल विचारों के रूप में बल्कि भविष्य के रोडमैप के रूप में देख रही है. दुनिया का जीडीपी-केंद्रित दृष्टिकोण अब मानव-केंद्रित में बदल रहा है और भारत उत्प्रेरक की भूमिका निभा रहा है.

भारतीयों के पास विकास की नींव रखने का शानदार मौका
पीएम मोदी ने कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास' भी विश्व कल्याण के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हो सकता है. रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न संघर्षों को हल करने का एकमात्र तरीका बातचीत और कूटनीति है. उन्होंने कहा कि आज भारतीयों के पास विकास की नींव रखने का शानदार मौका है, जिसे अगले हजारों वर्षों तक याद रखा जाएगा.

जी-20 की बताई अहमियत
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता ने तथाकथित तीसरी दुनिया के देशों में भी विश्वास के बीज बोए. उन्होंने कहा कि भारत की जी-20 प्रेसीडेंसी की थीम 'वसुधैव कुटुंबकम' सिर्फ नारा नहीं बल्कि हमारे सांस्कृतिक लोकाचार से प्राप्त व्यापक दर्शन है. निकट भविष्य में भारत विश्व की शीर्ष 3 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा. उन्होंने कहा कि एक दशक से भी कम समय में भारत ने रिकॉर्ड छलांग लगाते हुए पांचवा स्थान हासिल किया था. पीएम मोदी ने कहा कि जी-20 में अफ्रीका हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है और सभी की आवाजें सुने बिना दुनिया की कोई भी भविष्य की योजना सफल नहीं हो सकती. 

60 शहरों में हुईं जी-20 की बैठकें
पर्यटन के मुद्दे पर जी-20 वर्किंग ग्रुप की तीन दिवसीय बैठक 22 मई 2023 को श्रीनगर में हुई थी. इस दौरान चीन को छोड़कर अन्य जी-20 देशों के प्रतिनिधियों ने इस बैठक में शिरकत की थी. वहीं मार्च में अरुणाचल प्रदेश में भी जी-20 की बैठक हुई थी. प्रधानमंत्री ने कहा कि जी-20 में जब भारत की अध्यक्षता समाप्त होगी, तब तक 220 से ज्यादा बैठकें, देश के 60 शहरों और 28 राज्यों में हो चुकी होंगी. इस दौरान 125 देशों के एक लाख से ज्यादा प्रतिनिधि इन बैठकों में शिरकत कर चुके होंगे.