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Bundelkhand Expressway : पीएम मोदी16 जुलाई को करेंगे बुंदेलखंड परियोजना का उद्घाटन...क्या है परियोजना, किन्हें होगा फायदा, जानिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 जुलाई को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे. यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट जिले में भरतकूप से शुरू होगा और इटावा जिले के कुदरैल गांव के पास आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ मिल जाएगा.

Bundelkhand Expressway Bundelkhand Expressway
हाइलाइट्स
  • क्षेत्रीय संपर्क को मिलेगा बढ़ावा

  • परियोजना की कुल लागत लगभग 15,000 करोड़ रुपये

उत्तर प्रदेश को बहुत जल्द अपना छठा एक्सप्रेसवे मिलने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 जुलाई को इसका उद्घाटन करेंगे. चित्रकूट और इटावा के बीच बने 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का काम निर्धारित समय से आठ महीने पहले ही पूरा हो गया है.

फरवरी 2020 में इसकी आधारशिला रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि यह परियोजना हजारों नौकरियों का सृजन करेगी और आम लोगों को बड़े शहरों में उपलब्ध सुविधाओं से जोड़ेगी."

क्या है परियोजना?
एक्सप्रेसवे चित्रकूट जिले में भरतकूप के पास से शुरू होता है और इटावा जिले के कुदरैल गांव के पास आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ मिल जाता है. इसमें चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा के सात जिले शामिल हैं. सड़क बागान, केन, श्यामा, चंदावल, बिरमा, यमुना, बेतवा और सेंगर जैसी कई नदियों पर क्रॉसिंग है. 

उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) द्वारा विकसित फोर-लेन एक्सप्रेसवे को भविष्य में छह लेन में भी विस्तार किया जा सकता है. इसमें 13 इंटरचेंज पॉइंट हैं.

परियोजना की लागत
अधिकारियों के अनुसार, परियोजना की कुल लागत लगभग 15,000 करोड़ रुपये आंकी गई है. हालांकि, योगी आदित्यनाथ सरकार ने ई-टेंडरिंग का विकल्प चुनकर करीब 1,132 करोड़ रुपये की बचत की है.

क्षेत्रीय संपर्क को मिलेगा बढ़ावा
इस परियोजना से राज्य में कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलने और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,"देश के सबसे पिछड़े इलाकों में से एक माने जाने वाले बुंदेलखंड को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस-वे के जरिए सीधे राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ा जाएगा."

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से दिल्ली और चित्रकूट के बीच यात्रा के समय को पहले के 9-10 घंटों से कम करके केवल छह घंटे होने की उम्मीद है. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे आगामी उत्तर प्रदेश रक्षा गलियारा परियोजना (defence corridor project) की सफलता के लिए भी महत्वपूर्ण है.

कहां-कहां चल रहा काम
इसके अलावा बांदा और जालौन जिले के इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर भी काम शुरू किया जा चुका है. राज्य के पश्चिमी, मध्य और बुंदेलखंड क्षेत्रों में 5,071 हेक्टेयर से अधिक के क्षेत्र के लिए 20,000 करोड़ रुपये की रक्षा गलियारा परियोजना की योजना बनाई गई है. राज्य में 3,200 किलोमीटर में फैले 13 एक्सप्रेसवे में से छह चालू हैं जबकि सात पर काम जारी है. हाईवे और एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं. वायु सेना द्वारा आपातकालीन उपयोग के लिए हवाई पट्टियां भी तैयार की जा रही हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जानकारी देते हुए कहा,"स्वतंत्रता के बाद से पहले 70 वर्षों में उत्तर प्रदेश में दो एक्सप्रेसवे भी पूरे नहीं हुए थे. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे सहित एक्सप्रेसवे की एक सीरीज के साथ राज्य में डबल इंजन विकास की वर्तमान सरकार ने एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों की दशकों पुरानी मांग को पूरा किया है.''