प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया. उन्होंने पूरे विधि-विधान से पहले हवन किया फिर सेंगोल स्थापित किया. पीएम मोदी सुबह अपने आवास 7 लोक कल्याण मार्ग से सबसे पहले नए संसद भवन के सामने बने पंडाल में पहुंचे, जहां लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने उनका स्वागत किया. यहां उन्होंने महात्मा गांधी की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की और इसके बाद हवन-पूजन में शामिल हुए. तमिलनाडु से आए अधीनम संतों ने अनुष्ठान संपन्न कराया. पीएम मोदी ने सेंगोल की पूजा की और संतों के सामने साष्टांग होकर उनका आशीर्वाद लिया. अनुष्ठान में अधीनम संतों ने पीएम मोदी को सेंगोल सौंपा.
धर्मगुरुओं ने की प्रार्थनाएं
नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद पार्लियामेंट परिसर में सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन किया गया. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी कैबिनेट मंत्री और अन्य राज्यों के सीएम समेत कई प्रतिष्ठित लोग मौजूद रहे. इस सर्वधर्म सभा में बौद्ध, जैन, पारसी, सिख समेत कई धर्मों के धर्मगुरु ने अपनी-अपनी प्रार्थनाएं कीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद भवन के निर्माण में काम करने वाले श्रमिकों को सम्मानित किया.
पीएम ने पहन रखा था धोती-कुर्ता
प्रधानमंत्री मोदी ने संसद भवन का उद्घाटन करने अपने चिर-परिचत अंदाज में पहुंचें. इस दौरान वह पारंपरिक वेशभूषा में नजर आए. कुर्ते और पायजामे के विपरीत पीएम ने इस दौरान धोती-कुर्ता पहन रखा था. सफेद रंग की धोती-कुर्ते के साथ उन्होंने हल्के सुनहरे रंग की सदरी भी पहनी हुई थी. साथ ही गले में गमछा भी था.धोती और कुर्ता सदियों से पहने जाने वाला पारंपरिक भारतीय परिधान हैं. ऐसे में उद्घाटन के अवसर पर धोती और कुर्ता पहन पीएम भारतीय संस्कृति और विरासत के प्रति अपना सम्मान जाहिर किया. साथ ही उनका यह परिधान दुनिया को एक संदेश देता है कि भारत अपनी अनूठी संस्कृति और विरासत के साथ एक गौरवान्वित और स्वतंत्र राष्ट्र है.
नया संसद भवन में दिख रही भारत की सांस्कृतिक विविधता
नए संसद भवन में लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है. नए संसद भवन में एक भव्य संविधान हॉल बनाया गया है, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को प्रदर्शित किया गया है. साथ ही नए संसद भवन में सांसदों के लिए लाउंज, विभिन्न कमेटियों के लिए कमरे, डाइनिंग एरिया और पर्याप्त पार्किंग की जगह की व्यवस्था की गई है. नए संसद भवन का निर्माण क्षेत्रफल 64,500 वर्ग मीटर है. इसके तीन गेट हैं, जिन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार के नाम से जाना जाएगा. वीआई, सांसदों और विजिटर्स के प्रवेश की अलग-अलग व्यवस्था की गई है. नए संसद भवन में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की कालीन, त्रिपुरा के बांस से बने फर्श और राजस्थान के पत्थर की नक्काशी भारत की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाती है.