देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से तिरंग फहराया और देश को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर बात की और मणिपुर का भी जिक्र किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार प्राकृतिक आपदा ने देश के अनेक हिस्सों में अकल्पनीय संकट पैदा किया है. जिन्होंने इसे सहा है मैं उनके प्रति संवेदना प्रकट करता हूं. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने उन तमाम योजनाओं का भी जिक्र किया, जो उनके 10 साल के कार्यकाल के दौरान गरीबों तक पहुंची हैं. इसमें पीएम आवास योजना से लेकर स्वनिधि योजना की सफलता के बारे में भी बात की. साथ ही पीएम ने विश्वकर्मा जयंति पर एक नई योजना की शुरुआत करने की भी बात की. क्या है ये योजना और किसे होगा इससे फायदा, आइए जानते हैं इसके बारे में.
पीएम मोदी ने कहा कि आने वाली विश्वकर्मा जयंती पर हम 13-15 हजार करोड़ रुपये से नई ताकत देने के लिए विश्वकर्मा योजना की शुरुआत करेंगे. इस योजना के जरिए सरकार उन लोगों तक मदद पहुंचाने की कोशिश करेगी जिनके अंदर पारंपरिक कौशल है. इसमें सुनार, लोहार, नाई और चर्मकार जैसे लोगों को शामिल किया जाएगा और उन तक सहायता पहुंचाई जाएगी. खास बात ये है कि साल 2023 के बजट में भी सरकार ने विश्वकर्मा योजना की बात कही थी. उस दौरान पीएम ने बताया था कि इससे छोटे कारीगरों को फायदा होगा जो उन्हें MSMEs से जुड़ने में सहयोग करने में मदद करेगा.
क्या है विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना?
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में इसकी घोषणा की थी. जिसमें कारीगरों की न केवल आर्थिक मदद की बात की गई थी बल्कि उन्हें प्रशिक्षण, आधुनिक तकनीकों की जानकारी और ग्रीन तकनीत ब्रांड का प्रमोशन, स्थानीय और वैश्विक बाजारों से जुड़ाव, डिजिटल पेमेंट्स और सामाजिक सुरक्षा देने की बात भी की गई थी.पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सरकार देश के हर एक विश्वकर्मा को संस्थागत समर्थन महैया कराएगी. इसके जरिए उन्हें लोन लेने में आसानी में मदद होगी, तकनीक के क्षेत्र में मदद मिलेगी, डिजिटल सशक्तिकरण होगा. देश की करीब 140 से अधिक जातियों को इस योजना के तहत शामिल किया गया है.
क्या है इसका उद्देश्य
विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना 2023 का मुख्य उद्देश्य देश के उत्पादन में वृद्धि करने के लिए पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान करना है. इस योजना के माध्यम से देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों की आर्थिक स्थिति में सुधार किया जाएगा. इसके लिए शिल्पकारों को इस योजना के तहत सरकार द्वारा एमएसएमई सेक्टर का हिस्सा बनाया जाएगा, इसके साथ ही अपने उत्पादों की गुणवत्ता, पैमाने और पहुंच में सुधार करने में उन्हें एमएसएमई मूल्य श्रंखला के साथ एकत्रित करते हुए सक्षम बनाया जाएगा. इसके लिए सरकार की ओर से उन्हें ट्रेनिंग फंडिंग प्रदान की जाएगी इसके अलावा उन्हें तकनीकी सुविधाओं का भी लाभ प्रदान किया जाएगा. विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना 2023 के माध्यम से आने वाले समय में सभी पात्र हितग्राहियों को सरकार द्वारा कमाई करने हेतु रोजगार भी प्रदान किया जाएगा. इसके साथ ही कारीगरों के प्रोडक्ट की मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन में भी सहायता की जाएगी और प्रोडक्ट की क्वालिटी में भी सुधार किया जाएगा.
किन लोगों को होगा लाभ और जरूरी दस्तावेज
विश्वकर्मा योजना लॉन्च होने के बाद इस योजना के तहत सबसे ज्यादा फायदा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, महिलाओं और कमजोर वर्ग को फायदा मिलेगा.आने वाले समय में कारीगरों को इस योजना के माध्यम से बेहतर आय प्राप्त हो सकेगी. इसके लिए जिन आवश्यक दस्तावेज की जरूरत होगी वो हैं - आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर,पहचान पत्र, राशन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो और बैंक अकाउंट डिटेल्स जैसी चीजें होंगी.