प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मॉरीशस समकक्ष प्रविंद जगन्नाथ ने गुरुवार को 956 इकाइयों के साथ 45 मिलियन डॉलर की सामाजिक आवास परियोजना का उद्घाटन किया. इसके साथ ही मॉरीशस में एक सौर ऊर्जा संयंत्र और एक सिविल सेवा कॉलेज का भी शुभारंभ किया जिसे 500 मिलियन डॉलर से ज्यादा की भारतीय सहायता से बनाया जाएगा. इस अवसर पर दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने एक वर्चुअल कार्यक्रम में मेट्रो एक्सप्रेस परियोजना और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भारत से मॉरीशस को 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता देने पर समझौता किया. इसके साथ ही छोटी विकास परियोजनाओं के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) का भी आदान-प्रदान किया गया.
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और मॉरीशस के बीच समुद्री सुरक्षा सहित अन्य क्षेत्रों में सहयोग ने सभी के लिए सुरक्षा और विकास की अवधारणा को जमीन पर साकार कर दिखाया है. उन्होंने यह भी कहा कि विकास के लिए सहयोग का भारत का रुख साझेदार देशों की जरूरतों और प्राथमिकताओं का ख्याल रखने और उनकी संप्रभुता का सम्मान करने के साथ-साथ लोगों की खुशहाली बढ़ाने और उनकी क्षमताओं को मजबूत करने पर केंद्रित है.
मॉरीशस हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का प्रमुख साझेदार
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और मॉरीशस के बीच घनिष्ठ संबंध हैं और यह संबंध दोनों देशों के बीच विशेषाधिकार प्राप्त विकास साझेदारी में परिलक्षित होता है. उन्होंने कहा, ‘‘मॉरीशस हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का एक प्रमुख विकास साझेदार है. आज का यह कार्यक्रम ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ की भावना के अनुरूप इस सफल और समय की कसौटी पर खरी उतरी साझेदारी में एक और मील का पत्थर है।’’ पीएम मोदी ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के रुख का मॉरीशस अभिन्न हिस्सा है. उन्होंने याद किया कि साल 2015 में मॉरीशस के दौरे के दौरान ही उन्होंने ‘सागर’ की अवधारणा का उल्लेख किया था. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि समुद्री सुरक्षा सहित सभी क्षेत्रों में हमारे द्विपक्षीय सहयोग को जमीन पर उतारा गया है.’’
महात्मा गांधी के नाम पर मॉरीशस में मेट्रो स्टेशन
वहीं मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने अपने संबोधन को हिंदी में शुरू करते हुए सालों से भारत के व्यापक सहयोग और तकनीकी और वित्तीय सहायता के लिए सरकार का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा, "हम यह कभी नहीं भूलते हैं कि भारत सरकार की वित्तीय सहायता के बिना, यह मेट्रो परियोजना इतनी तेजी से लागू नहीं होती." प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने मॉरीशस को वित्तीय सहायता समेत बड़े पैमाने पर सहयोग प्रदान करने के लिए भारत को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत और मॉरीशस के संबंधों ने नयी ऊंचाइयों को हासिल किया है. उन्होंने यह भी कहा कि मेट्रो एक्सप्रेस परियोजना के तहत उनकी सरकार ने एक प्रमुख स्टेशन को महात्मा गांधी के नाम पर रखने का फैसला किया है.
भारत ने दिया था 35.3 करोड़ अमेरिकी डॉलर का अनुदान
भारत ने मई, 2016 में मॉरीशस सरकार को विशेष आर्थिक पैकेज के रूप में 35.3 करोड़ अमेरिकी डॉलर का अनुदान दिया था ताकि मॉरीशस सरकार की पांच प्राथमिकता वाली परियोजनाओं को पूरा किया जा सके. दोनों नेताओं ने लगभग 4.74 मिलियन डॉलर के अनुदान से बनने वाले सिविल सर्विस कॉलेज की आधारशिला रखी. ये कॉलेज 18 महीने में बनकर तैयार होगा. वहीं भारत के एक्ज़िम बैंक से 500 मिलियन डॉलर की ऋण सहायता से बनाए जाने वाले इमली जलप्रपात में 8-मेगावाट का सौर फार्म 11 महीनों में पूरा होने की उम्मीद है. यह सुविधा मॉरीशस में सबसे बड़ा सौर फार्म होगा और सालाना 14GWh उत्पन्न करेगा.