प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन का शुक्रवार अल सुबह अहमदाबाद के निजी अस्पताल में निधन हो गया. हीरा बा का जन्म गुजरात के पालनपुर में हुआ था. पीएम मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि मां हीरा बा सभी तरह के घरेलू उपचार जानती थीं. वडनगर के छोटे बच्चों और महिलाओं का इलाज करती थीं. कई महिलाएं अपनी परेशानी दूसरों को बताने के बजाय हीरा बा को बताती थीं. मेरी मां जरूर अनपढ़ थीं, लेकिन पूरा गांव उन्हें डॉक्टर कहता था.
देसी नुस्खों में एक्सपर्ट थीं
हीरा बा के बेटे पंकज मोदी ने कहा कि गुजराती में बा का मतलब हिंदी में मां होता है और उनकी बा उनके लिए पूरी दुनिया थीं. पंकज मोदी ने बताया था कि उनकी मां देसी नुस्खों में बड़ी एक्सपर्ट थीं. छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज तो वे घर के किचन में रखे मसालों-सामानों या गार्डन में लगीं जड़ी से कर दिया करती थीं.देसी नुस्खों में उनकी मां का ज्ञान ऐसा रहा कि पूरे वडनगर से लोग बीमारियां ठीक कराने के लिए उनके पास आते थे. उनके दरवाजे पर सुबह से ही लोगों की लाइनें लग जाती थीं. हीरा बा ने किसी से भेदभाव नहीं किया. सभी मरीजों का इलाज वह एक समान भाव से करती थीं. पंकज मोदी ने बताया था कि वडनगर के जिस मोहल्ले में वो रहते थे, वहां मुस्लिम और हरिजन आबादी काफी थी. बा सबको बराबर मानती थीं और कभी भेदभाव नहीं करती थीं. उनका पूरा परिवार धर्मनिरपेक्ष है और बा ने हमें सिखाया कि जाति या धर्म के नाम पर कोई भेदभाव न करें.
शिक्षा के प्रति हमेशा सजग रहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था मां कभी यह नहीं चाहती थीं कि हम भाई-बहन अपनी पढ़ाई छोड़कर उनकी मदद करें. वह कभी मदद के लिए, उनका हाथ बंटाने के लिए नहीं कहती थीं. मां को लगातार काम करते देखकर हम भाई-बहनों को खुद ही लगता था कि काम में उनका हाथ बंटाएं. उन्होंने फीस भरने के लिए कभी किसी से उधार पैसे नहीं लिए. मां की दी गई सीख की उनके व्यक्तित्व निर्माण में अहम भूमिका रही है.