प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 अगस्त 2024 को महाराष्ट्र (Maharashtra) दौरे पर रहेंगे. इस दौरान पीएम मोदी (PM Modi) मुंबई और पालघर में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. पीएम मोदी लगभग 76,000 करोड़ रुपए की लागत वाली वधावन बंदरगाह परियोजना (Vadhvan Port Project) की भी आधारशिला रखेंगे. आइए वधावन बंदरगाह परियोजना के बारे में जानते हैं.
वधावन बंदरगाह परियोजना का क्या है उद्देश्य
वधावन बंदरगाह पालघर (Palghar) जिले के दहानू शहर के पास बनाया जा रहा है. इसको बनाने का मुख्य उद्देश्य एक विश्व स्तरीय समुद्री प्रवेश द्वार स्थापित करना है. इसके बनने से देश के व्यापार और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. वधावन बंदरगाह भारत का 13वां प्रमुख बंदरगाह और पहला अपतटीय बंदरगाह होगा. यह सभी मौसमों में खुला रहने वाला और भारत में गहरे पानी में स्थित सबसे बड़े बंदरगाहों में से एक होगा. इस पोर्ट का ड्राफ्ट 80 मीटर से अधिक होगा. यहां बड़े कंटेनर जहाजों का आवागमन संभव होगा.
भारत की समुद्री कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा
वधावन बंदरगाह भारत की समुद्री कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा. यह अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट्स से सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिससे ट्रांजिट समय और लागत को कम किया जा सकेगा. वधावन बंदरगाह में अत्याधुनिक तकनीक और इंफ्रास्ट्रक्चर होगा. इसमें गहरे बर्थ, कुशल कार्गो हैंडलिंग सुविधाएं और आधुनिक पोर्ट प्रबंधन प्रणाली शामिल होगी. वधावन बंदरगाह पूरी तरह बन जाने के बाद दुनिया के टॉप 10 कंटेनर बंदरगाहों में से एक होगा. वधावन बंदरगाह का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा. इस बंदरगाह का पहला चरण साल 2029 तक पूरा हो जाएगा, जबकि दूसरा और अंतिम चरण 2039 तक पूरा होने की उम्मीद है.
लोगों को मिलेगा रोजगार
वधावन बंदरगाह के बनने से सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा. इसके बनने से स्थानीय व्यवसायों को प्रोत्साहन मिलने और क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास में मदद की उम्मीद है. वधावन बंदरगाह परियोजना में पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और कड़े पारिस्थितिक मानकों का पालन करने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ सतत विकास प्रथाओं को शामिल किया गया है. यह बंदरगाह चालू होने के बाद देश के समुद्री संपर्क को बढ़ाएगा और वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में स्थिति को और मजबूत करेगा.
वधावन बंदरगाह का कौन करा रहा निर्माण
वधावन बंदरगाह को जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (JNPA) और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड (MMB) की ओर गठित एक संस्था कर रही है. इस संस्था का नाम वधावन पोर्ट प्रोजेक्ट लिमिटेड (VPPL) है. VPPL में JNPA की हिस्सेदारी 74 प्रतिशत और MMB के पास 26% शेयर हैं. इस पोर्ट को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) परियोजना के रूप में विकसित किया जा रहा है. इस बंदरगाह की क्षमता 15 मिलियन TEU होगी.
पीएम मोदी इन परियोजनाओं का भी करेंगे उद्घाटन और शिलान्यास
पीएम मोदी पालघर में लगभग 1560 करोड़ रुपए की लागत वाली 218 मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे. इसका उद्देश्य देश भर में इस क्षेत्र के बुनियादी ढांचे और उत्पादकता को बढ़ावा देना है. इससे मत्स्य पालन क्षेत्र में पांच लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है.
पीएम मोदी लगभग 360 करोड़ रुपए की लागत से नेशनल रोल आउट ऑफ वेसल कम्युनिकेशन एंड सपोर्ट सिस्टम का शुभारंभ करेंगे. इसके तहत 13 तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मशीनीकृत और मोटर चालित मछली पकड़ने वाले जहाजों पर चरणबद्ध तरीके से 1 लाख ट्रांसपोंडर लगाए जाएंगे.यह संचार प्रणाली इसरो द्वारा विकसित स्वदेशी तकनीक है, जो समुद्र में गए मछुआरों को द्विपक्षीय संचार स्थापित करने में मदद करेगी और बचाव ऑपरेशनों के साथ-साथ मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी सहायक होगी.
पीएम मोदी ग्लोबल फिनटेक फेस्ट को करेंगे संबोधित
पीएमओ ने कहा कि पीएम मोदी मुंबई में जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ) 2024 को संबोधित करेंगे. इस कार्यक्रम में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी पुरी बुच समेत देश के शीर्ष नियामक भी प्रतिनिधित्व करेंगे. जीएफएफ एक वार्षिक फिनटेक सम्मेलन है. जीईएफ का आयोजन पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और फिनटेक कन्वर्जेंस काउंसिल की ओर से संयुक्त रूप से किया जाता है.