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PM Modi Speech Highlights: संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम मोदी के जवाबी भाषण की बड़ी बातें

PM Modi Speech: संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम मोदी ने जवाबी भाषण दिया है. इस दौरान पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि 21वीं सदी का ये कालखंड, सदी का वो कालखंड है, जो भारत के हर सपने को सिद्ध करने का अवसर प्रदान करेगा. इसके साथ उन्होंने कहा कि 140 करोड़ देशवासियों का पुरुषार्थ ही आने वाले 1000 साल की मजबूत नींव रखने वाला है.

Pm Modi Pm Modi

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया. पीएम मोदी ने लगातार बिना नाम लिए राहुल गांधी पर हमला बोला. पीएम ने गांधी परिवार पर हमला करते हुए यूपीए सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष को जमकर कोसा. पीएम के करीब 2 घंटे के भाषण के दौरान सत्ता पक्ष के सांसदों ने मेजें थपथपाकर प्रधानमंत्री का समर्थन किया तो विपक्ष के संसद बीच बीच में हंगामा करते रहे. भाषण के अंत में वोटिंग हुई और विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिर गया. पेश है प्रधानमंत्री के भाषण की प्रमुख बातें -  

  • अगर इन्होंने (विपक्ष ने) गृहमंत्री जी की मणिपुर की चर्चा पर सहमति दिखाई होती, तो अकेले मणिपुर विषय पर विस्तार से चर्चा हो सकती थी. उनको भी बहुत कुछ कहने का मौका मिल सकता था. लेकिन इन्हें चर्चा में interest नहीं था. मैं देश के सभी नागरिकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जिस प्रकार से प्रयास चल रहे हैं, निकट भविष्य में शांति का सूरज जरूर उगेगा. मणिपुर फिर एक बार नई आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेगा.

  • अनेक लोगों ने अपने स्वजन भी खोए, महिलाओं के साथ गंभीर अपराध हुए. ये अपराध अक्षम्य हैं. दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर भरपूर प्रयास कर रही है.

  • मैं मणिपुर के लोगों से, वहां की माताओं-बहनों से कहना चाहता हूं कि देश आपके साथ है, ये सदन आपके साथ है. हम सब मिलकर इस चुनौती का समाधान निकालेंगे. वहां फिर से शांति की स्थापना होगी. मणिपुर फिर विकास की राह पर तेज गति से आगे बढ़े इसके प्रयासों में कोई कमी नहीं होगी.

  • लोकतंत्र में जिनका भरोसा नहीं होता है वो सुनाने के लिए तैयार होते हैं, लेकिन उनमें सुनने का धैर्य नहीं होता. अपशब्द बोलो- भाग जाओ, कूड़ा कचरा फेंको - भाग जाओ, झूठ फैलाओ - भाग जाओ.

  • आजकल खेतों में जाकर वीडियो शूट होता है. वैसे ही HAL फैक्ट्री पर सभा करके वीडियो शूट किया गया था और कामगारों को भड़काया गया था. इनके बुरा सोचने की वजह से आज HAL सफलता की नई बुलंदियों को छू रहा है.

  • 21वीं सदी का ये कालखंड, सदी का वो कालखंड है, जो भारत के हर सपने को सिद्ध करने का अवसर प्रदान करेगा. 140 करोड़ देशवासियों का पुरुषार्थ इस कालखंड में, अपने पराक्रम से, पुरुषार्थ से, अपनी शक्ति से और सामर्थ्य से जो करेगा, वो आने वाले 1000 साल की मजबूत नींव रखने वाला है.

  • हमारे विपक्ष के साथियों का सबसे प्यारा नारा है- मोदी तेरी कब्र खुदेगी. लेकिन मेरे लिए इनकी ये गालियां, ये अपशब्द टॉनिक का काम करते हैं. इनको लगता है नाम बदलकर राज कर लेंगे. गरीब को इनका नाम नजर आता है, काम नहीं.

  • कांग्रेस के पास ना नीति है, ना नीयत है, ना विजन है, ना वैश्विक अर्थव्यस्था की समझ है और ना ही भारत के अर्थजगत का पता है. जिसके पीछे विपक्ष है उसे देश की जुबान पता नहीं. कांग्रेस लाल मिर्च हरी मिर्च में फर्क नहीं समझ पाती.

  • विपक्ष के लोगों को एक रहस्यमयी वरदान मिला हुआ है कि जिसका भी ये लोग बुरा चाहेंगे उसका भला ही होगा. ऐसा ही एक उदाहरण आपके सामने खड़ा है. 20 साल हो गए क्या कुछ नहीं हुआ पर भला ही होता चला गया. ये वे लोग हैं, जिन्हें देश के सामर्थ्य पर भरोसा नहीं है. इन लोगों को देश के परिश्रम पर विश्वास नहीं है। देश के पराक्रम पर विश्वास नहीं है.

  • हमारी प्लानिंग और परिश्रम की निरंतरता बनी रहेगी. जिसका परिणाम होगा कि हम विश्व में तीसरे स्थान पर पहुंच कर रहेंगे. देश का विश्वास है कि 2028 में आप जब अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे, तब ये देश पहले 3 देशों में होगा.

  • मैं आज इस मौके पर हमारे विपक्ष के साथियों के प्रति अपनी संवेदना भी व्यक्त करना चाहता हूं. कुछ ही दिन पहले बेंगलुरु में आपने मिल-जुलकर करीब डेढ़-दो दशक पुराने UPA का अंतिम संस्कार किया है.

  • लोकतांत्रिक व्यवहार के अनुसार मुझे तभी आपसे सहानुभूति व्यक्त करनी चाहिए थी, लेकिन देरी में मेरा कुसूर नहीं है. क्योंकि आप खुद ही एक ओर UPA का क्रिया-कर्म कर रहे थे और दूसरी ओर जश्न भी मना रहे थे. जश्न भी खंडहर पर नया प्लास्टर लगाने का.

  • अभी हालात ऐसे हैं, इसीलिए हाथों में हाथ. जहां हालात बदले, फिर छुरियां भी निकलेंगी. ये I.N.D.I.A  गठबंधन नहीं बल्कि घमण्डिया गठबंधन है और इसकी बारात में हर कोई दूल्हा बनना चाहता है, सबको प्रधानमंत्री बनना है. NDA भी चुरा लिया और India के भी टुकड़े कर दिए- I.N.D.I.A

  • खुद को जिंदा रखने के लिए, इन्हें (विपक्ष को) NDA का ही सहारा लेना पड़ा है. आदत के मुताबिक घमंड का I (आई) इनको छोड़ता नहीं है. इसलिए NDA में 2 घमंड के I पिरो दिए. पहला I 26 दलों का घमंड और दूसरा I एक परिवार का घमंड.

  • मैं विपक्ष के साथियों से कहना चाहता हूं कि आप जिसके पीछे चल रहे हैं, उसके अंदर तो इस देश की जुबान और संस्कार की समझ ही नहीं बची है. पीढ़ी दर पीढ़ी ये लोग लाल मिर्च और हरी मिर्च का फर्क ही नहीं समझ पाए हैं. सच्चाई तो ये है कि देश की जनता ने दो-दो बार, 30 साल के बाद के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार चुनी. लेकिन इनको चुभन है कि गरीब का बेटा यहां कैसे बैठा है.

  • इन लोगों को पता है कि इनकी नई दुकान पर भी कुछ दिनों में ताला लग जाएगा. आज इस चर्चा के बीच मैं देश के लोगों को इस घमण्डिया गठबंधन की आर्थिक नीति से भी सावधान करना चाहता हूं. ये देश में ऐसी अर्थव्यवस्था चाहते हैं, जिससे देश कमजोर हो और उसका सामर्थ्य बढ़ न पाए.

  • ये वर्षों से एक ही failed product को बार-बार लॉन्च करते हैं. हर बार लॉन्चिंग फेल हो जाती है. अब उसका नतीजा ये हुआ है कि मतदाताओं के प्रति उनकी नफरत भी सातवें आसमान पर पहुंच गई है.

  • डूबने वाले को तिनके का सहारा ही बहुत, दिल बहल जाए फ़क़त इतना इशारा ही बहुत. इतने पर भी आसमान गिरा दे बिजलियां, कोई बता दे जरा ये डूबता फिर क्या करे!

  • देश के कोटि-कोटि नागरिकों ने भारत के वैक्सीन पर विश्वास जताया, लेकिन कांग्रेस को भारत के सामर्थ्य पर विश्वास नहीं है. भारत के लोगों पर विश्वास नहीं है. दुनिया में कोई भारत को अपशब्द बोलता है तो इन्हें उनपर तुरंत विश्वास हो जाता है और प्रचार करने में लग जाते हैं. ये कांग्रेस की फितरत रही है.

  • भारत ने आतंकवाद पर सर्जिकल स्ट्राइक की, एयर स्ट्राइक की, लेकिन इनको भारत की सेना पर भरोसा नहीं था, इनको भरोसा दुश्मन के दावों पर था. कश्मीर आतंकवाद की आग में दिन-रात सुलग रहा था, लेकिन कांग्रेस सरकार का कश्मीर के आम लोगों पर विश्वास नहीं था. ये हुर्रियत, अलगाववादियों और पाकिस्तान का झंडा लेकर चलने वालों पर विश्वास करते थे.

  • 1999 में वाजपेयी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया. शरद पवार साहब उस समय विपक्ष का नेतृत्व कर रहे थे, उन्होंने डिबेट का नेतृत्व किया. 2003 में अटल जी की सरकार के समय सोनिया जी विपक्ष की नेता थीं, उन्होंने विस्तार से अविश्वास प्रस्ताव रखा. 2018 में खड़गे जी विपक्ष के नेता थे, उन्होंने विषय को आगे बढ़ाया.

  • इस अविश्वास प्रस्ताव पर भी आपने कैसी चर्चा की, इससे आपके दरबारी भी बहुत दुःखी हैं. इस डिबेट का मजा तो तब आया, जब फील्डिंग विपक्ष ने  लगाई, लेकिन चौके, छक्के हमारी तरफ से ही लगे. विपक्ष No Confidence motion पर No Ball ही करता जा रहा है.

  • आप ये मत भूलिए, आपको देश देख रहा है, आपके एक-एक शब्द को देश गौर से सुन रहा है. लेकिन हर बार देश को निराशा के सिवा आपने कुछ नहीं दिया है. आपको देश के युवाओं के भविष्य की नहीं बल्कि अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता है. एक दिन आप जुटे तो अपने कट्टर भ्रष्ट साथी की शर्त पर मजबूर होकर जुटे.

  • देश की जनता ने जिस काम के लिए उनको यहां भेजा है, उस जनता के साथ भी विश्वासघात किया गया है. कई ऐसे बिल थे जो गांव, गरीब, दलित, पिछड़ों और आदिवासियों के कल्याण के लिए थे, उनके भविष्य के साथ जुड़े हुए थे, लेकिन इसमें उन्हें (विपक्ष) कोई रूचि नहीं है.

  • विपक्ष ने सिद्ध कर दिया है कि देश से बड़ा उनके लिए दल है, देश से पहले उनकी प्राथमिकता दल है. मैं समझता हूं कि आपको गरीब की भूख की चिंता नहीं है, सत्ता की भूख ही आपके दिमाग पर सवार है.

  • अविश्वास प्रस्ताव के मत के दौरान विपक्ष के पास जितने वोट थे, उतने वोट भी वो जमा नहीं कर पाए थे. इतना ही नहीं, जब हम जनता के पास गए तो जनता ने भी पूरी ताकत के साथ इनके लिए No Confidence घोषित कर दिया.

  • विपक्ष के प्रस्ताव पर यहां 3 दिनों से अलग-अलग विषयों पर काफी चर्चा हुई है. अच्छा होता सदन की शुरुआत के बाद से ही विपक्ष ने गंभीरता के साथ सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया होता.

  • एक तरह से विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ होता है. और मैं आज देख रहा हूं कि आपने तय कर लिया है कि NDA और BJP 2024 के चुनाव में पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़कर भव्य विजय के साथ जनता के आशीर्वाद से वापस आएगी.

  • मैं इसे भगवान का आशीर्वाद मानता हूं कि ईश्वर ने विपक्ष को सुझाया और वो प्रस्ताव लेकर आए. 2018 में भी ये ईश्वर का ही आदेश था जब विपक्ष के मेरे साथी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे. कहते हैं कि भगवान बहुत दयालु हैं और भगवान की मर्जी होती है कि वो किसी न किसी के माध्यम से अपनी इच्छा की पूर्ति करते हैं.

  • देश की जनता ने हमारी सरकार के प्रति बार-बार जो विश्वास जताया है. मैं आज देश के कोटि-कोटि नागरिकों का आभार व्यक्त करने के लिए उपस्थित हुआ हूं.

  • पीएम मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर किसी प्रधानमंत्री के सबसे लंबे भाषण का लाल बहादुर शास्त्री का रिकॉर्ड एक मिनट से तोड़ दिया. लाल बहादुर शास्त्री ने 2 घंटा 12 मिनट का भाषण दिया था, जबकि मोदी ने 2 घंटा 13 मिनट भाषण दिया है.