सिलक्यारा टनल से सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. मंगलवार को जैसे ही मजदूर टनल से बाहर आएं जश्न का माहौल शुरू हो गया. मजदूरों से लेकर उनके परिजनों और अन्य लोगों ने भी उनके बाहर आने का जश्न मनाया. जब मजदूरों का रेस्क्यू किया जा रहा था तब मौके पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे. वहीं उनके बाहर आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी श्रमिकों से बातचीत की.
हालांकि, ये रेस्क्यू इतना आसान नहीं था. टनल के अंदर फंसे श्रमिकों की हिम्मत की सभी दाद दे रहे हैं. ऐसे में उन सभी का हौसला बढ़ाने वाले गब्बर सिंह नेगी के बारे में सभी बात कर रहे हैं. गब्बर सिंह नेगी ने एक लीडर की तरह उन सभी 41 श्रमिकों को संभाला. पीएम मोदी ने भी गब्बर सिंह नेगी से बात की.
पीएम मोदी ने दी बधाई
पीएम मोदी ने गब्बर सिंह को "नमस्ते" के साथ बधाई दी और कहा कि उन्होंने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से सुना है कि कैसे गब्बर सिंह ढह गए सिल्क्यारा में 17 दिनों तक फंसे रहने के दौरान सुरंग के अंदर योग और ध्यान का अभ्यास करके श्रमिकों को शांत रहने में मदद कर रहे थे.
सभी लोगों को थी चिंता
दरअसल, बचाए गए कुछ श्रमिकों के साथ बातचीत के वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए गए हैं. पीएम मोदी की गब्बर सिंह के साथ बातचीत का वीडियो बुधवार को शेयर किया गया. पीएम ने विशेष रूप से फंसे हुए श्रमिकों में से एक गब्बर सिंह नेगी की सराहना की. पीएम ने कहा, “मैं तो कहूंगा इसपर एक स्टडी होनी चाहिए कि गब्बर सिंह गांव का व्यक्ति, उसमें वो कौन सी लीडरशिप क्वालिटी है जिससे उन्होंने इतने संकट में भी लोगों को संभाला. आप बहुत आसानी से चीजें समझा भी रहे थे. देश के 140 करोड़ लोगों को आप सभी की चिंता थी.”
गब्बर सिंह ने फंसे मजदूरों को योग और ध्यान सिखाया
फंसे हुए श्रमिकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करते हुए बताया कि कैसे योग और सुबह की सैर ने कठिन समय के दौरान उनके मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. बाद में यह पता चला कि वह गब्बर सिंह नेगी ही थे, जिन्होंने सुरंग के अंदर फंसने के दौरान श्रमिकों को योग और ध्यान करने के लिए सिखाया और आग्रह किया था.
कौन हैं गब्बर सिंह नेगी?
बता दें, गब्बर सिंह नेगी उत्तराखंड के पौडी गढ़वाल जिले के कोटद्वार शहर के रहने वाले हैं. रेस्क्यू से पहले मंगलवार को उनके भाई जयमल सिंह नेगी रेस्क्यू ऑपरेशन स्थल पर मौजूद रहे और मीडिया से बात की. वह एक टनल फोरमैन हैं और उस वक्त वे उसी पद पर काम कर रहे थे जब वे श्रमिकों के साथ सिल्क्यारा सुरंग में फंस गए थे.
पहले भी फंस चुके हैं मुसीबत में
इससे पहले भी गब्बर सिंह मुसीबत में फंस चुके हैं. गब्बर सिंह ने पीएम मोदी को बताया कि वे इससे पहले भी एक ऐसी ही मुसीबत में फंस चुके हैं. वे कहते हैं, “इससे पहले वे सिक्किम में भूकंप की वजह से भूस्खलन में फंस गए थे. लेकिन सिल्क्यारा जैसी टनल में वे पहली बार फंसे हैं.”
आखिर में गब्बर सिंह ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा, “हमारी पूरी कपंनी की टीम लगी थी. किसी की ओर से कोई कमी नहीं छोड़ी गई. सभी सरकारें भी लगी रहीं. रेस्क्यू टीमों ने भी दिन रात मेहनत की. आप अगर दूसरे देशों से अपने लोगों को बचाकर ला सकते हैं तो हम तो फिर भी घर में थे. हमें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई. भगवान की कृपा भी हमपर बनी रही.”