प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में एक ऑस्ट्रेलियाई महिला के बारे में चर्चा की. महिला ऑस्ट्रेलिया के पर्थ शहर की स्वान घाटी में एक आर्ट गैलरी चलाती हैं. पीएम मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 83वें संस्करण में इस बारे में बात की. पीएम मोदी ने बताया कि जगतारिणी दासी, साल 1970 में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) में शामिल हुईं थीं और उन्होंने अपने देश वापस जाने से पहले उत्तर प्रदेश के वृंदावन में 13 साल से अधिक समय बिताया.
वृंदावन को नहीं भूल पाईं
पीएम मोदी ने कहा, “वह कहती हैं कि वह ऑस्ट्रेलिया लौट जाने के बाद भी वृंदावन को नहीं भूल पाईं हैं और इसलिए वह वृंदावन और उसके आध्यात्मिक आनंद के संपर्क में हमेशा रहना चाहती हैं. उन्होंने कला को अपना माध्यम बनाकर ऑस्ट्रेलिया में वृंदावन बनाया. उन्होंने कहा कि पर्थ में उनकी सेक्रेड आर्ट गैलरी में आने वाले लोगों को उनकी कला देखने और भारत के प्रसिद्ध तीर्थ शहरों जैसे वृंदावन, नबद्वीप और पुरी की परंपराओं और संस्कृतियों की झलक देखने को मिलती है.
ऑस्ट्रेलिया में जानी मानी अभिनेत्री थीं
आंदोलन की एक वेबसाइट के अनुसार, 1970 में अभय चरणरविंदा भक्तिवेदांत स्वामी या श्रील प्रभुपाद द्वारा स्थापित इस्कॉन में शामिल होने से पहले जगतारिनी दासी ऑस्ट्रेलिया में एक जानी मानी अभिनेत्री थीं.
गुरुकुल में बिताए 13 साल
वेबसाइट के अनुसार, "1983 में वह अपने परिवार के साथ श्री वृंदावन धाम चली आई थीं और उन्होंने अगले 13 साल भक्तिवेदांत गुरुकुल में अध्यापन में बिताए. अपने खाली समय में वह नियमित रूप से स्थानीय परिवहन द्वारा बाहरी ब्रजा जिले में महत्वपूर्ण पवित्र स्थानों की यात्रा करती थी.”
जगततारिणी दासी, उनके पति भूरिजाना और उनका परिवार 1996 से पर्थ में रह रहे हैं.प्रधानमंत्री ने कहा,"जगतारिणी माताजी ने अपनी कलात्मक प्रेरणा व्रज धाम से प्राप्त करना जारी रखा है. साल 1998 से वह कृष्ण के अमृत वृंदावन लीलाओं को दर्शाते हुए लघु three-dimensional चित्रावली प्रदर्शनों का निर्माण करने वाले विभिन्न माध्यमों के साथ काम कर रही हैं."
वृंदावन धाम की तरफ लोगों को करना चाहती हैं आकर्षित
पीएम ने आगे कहा,"जगतारिणी इन dioramas को गोपीनाथ धर्म के नाम से जानी जाने वाली एक परियोजना के तहत स्थापित कर रही है, जिसका उद्देश्य आत्माओं को श्री वृंदावन धाम की महिमा की तरफ आकर्षित करना है." पीएम मोदी ने कहा कि जगतारिणी का अद्भुत प्रयास वास्तव में हमें कृष्ण भक्ति की शक्ति दिखाता है. उन्होंने कहा, "मैं उन्हें इस काम के लिए शुभकामनाएं देता हूं."