scorecardresearch

BRICS क्या है, जिसके 15वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने दक्षिण अफ्रीका जाएंगे PM Modi, चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग से होगी मुलाकात

Prime Minister Narendra Modi ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से लौटने के समय ग्रीस जाएंगे. यह किसी भारतीय पीएम की 40 वर्षों बाद ग्रीस की यात्रा होगी. पीएम मोदी ग्रीस के प्रधानमंत्री के आमंत्रण पर वहां जा रहे हैं. हाल के वर्षों में भारत ने ग्रीस के साथ अपने रिश्तों को खास तवज्जो देना शुरू किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे (फाइल फोटो) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
  • 22 से 24 अगस्त तक दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर रहेंगे पीएम मोदी 

  • ब्रिक्स की जून 2006 में हुई थी स्थापना 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22-24 अगस्त तक दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग का दौरा करेंगे. वह दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति मटामेला साइरिल रामफोसा के निमंत्रण पर वहां जा रहे हैं. जहां वे 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. यहां चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से उनकी मुलाकात तय मानी जा रही है. 

पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका की यात्रा के बाद ग्रीस का भी दौरा करेंगे. जहां वह ग्रीस के समकक्ष कायरीकोस मित्सोटाकिस से मुलाकात करेंगे. विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इस बारे में जानकारी दी है. इस वर्ष ब्रिक्स का थीम 'ब्रिक्स एंड अफ्रीका: पारस्परिक रूप से त्वरित विकास के लिए साझेदारी सतत विकास और समावेशी बहुपक्षवाद' है. आइए जानते हैं क्या है ब्रिक्स और कब हुई थी इसकी स्थापना?

क्या है ब्रिक्स
ब्रिक्स दुनिया की पांच प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं के एक संगठन का नाम है. इस संगठन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं. ब्रिक्स शिखर सम्मलेन की अध्यक्षता हर साल इसके सदस्य राष्ट्रों की ओर से की जाती है. पांच देशों में से हर साल बदल-बदलकर इस सम्मेलन की मेजबानी करते हैं. इस बार शिखर सम्मेलन की मेजबानी दक्षिण अफ्रीका कर रहा है.

कब हुई थी स्थापना
ब्रिक्स की स्थापना जून 2006 में हुई थी. पहले इसमें चार देश ब्राजील, रूस, भारत और चीन शामिल थे, जिससे इसका नाम ब्रिक (BRIC) था. 2010 में इस संगठन में दक्षिण अफ्रीका भी शामिल हो गया. जिसके बाद इस संगठन का नाम बदल गया. ये BRIC से बदलकर BRICS हो गया. 2009 में पहला ब्रिक्स सम्मेलन आयोजित किया गया था. इस संगठन के और विस्तार की भी चर्चा है.

क्या है उद्देश्य 
ब्रिक्स का पहला उद्देश्य राजनीतिक और सुरक्षा है. इसके तहत ब्रिक्स में शामिल देशों में वैश्विक, क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक राजनीतिक क्षेत्रों में संवाद बढ़ाना है. दूसरा उद्देश्य आर्थिक और वित्तिय है. इसके मुताबिक व्यापार, कृषि और बुनियादी ढांचे सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना है. इसके अलावा सांस्कृतिक, शैक्षणिक, युवा और खेल क्षेत्र में ब्रिक्स में शामिल देश के लोगों के संपर्क को मजबूत करना है. 

ब्रिक्स में कई देश होना चाहते हैं शामिल
ब्रिक्स वैश्विक आबादी का 41 प्रतिशत, ग्लोबल जीडीपी का 24 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार का 16 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है. संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, अर्जेंटीना, ईरान, मिस्र, बहरीन, इंडोनेशिया और कजाकिस्तान सहित कई देश ब्रिक्स में शामिल होना चाहते हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, 40 से अधिक देशों ने ब्रिक्स में शामिल होने में दिलचस्पी दिखाई है. कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो 22 देशों ने औपचारिक रूप से आवेदन किया है. 

चार दशक बाद ग्रीस की यात्रा पर जाएंगे पीएम मोदी
पीएम मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से लौटने के समय ग्रीस जाएंगे. यह किसी भारतीय पीएम की 40 वर्षों बाद ग्रीस की यात्रा होगी. मोदी ग्रीस के प्रधानमंत्री कायरीकोस मित्सोटाकिस के आमंत्रण पर ग्रीस जा रहे हैं. हाल के वर्षों में भारत ने ग्रीस के साथ अपने रिश्तों को खास तवज्जो देना शुरू किया है. इसके पीछे एक वजह तुर्की का भारत विरोधी रवैया है. तुर्की हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाता है.

'ब्रिक्स प्लस' नाम से की जाएगी एक अलग बैठक 
विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि वर्ष 2019 के बाद पहली बार ब्रिक्स का शिखर सम्मेलन भौतिक तौर पर होने जा रहा है. इस बार ब्रिक्स के नेताओं की अफ्रीकी देशों के साथ एक विशेष बैठक होने वाली है. इसके लिए दक्षिण अफ्रीका ने कुछ अफ्रीकी देशों को आमंत्रित किया है जबकि ब्रिक्स संगठन के विस्तार को लेकर भी वार्ता होनी है. इसके लिए 'ब्रिक्स प्लस' नाम से एक अलग बैठक का आयोजन किया गया है.

पीएम मोदी और जिनपिंग की मुलाकात संभव
जानकारों का कहना है कि ब्रिक्स का विस्तार पर इस बार अंतिम फैसला हो जाएगा और कुछ देशों को इसमें शामिल करने की सहमति भी बन जाएगी. ईरान को भी ब्रिक्स के नए सदस्य के तौर पर शामिल किए जाने की संभावना है. ब्रिक्स बैठक के दौरान पीएम मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता होने की संभावना जताई जा रही है. दोनों नेताओं के बीच दिसंबर, 2022 में भी बाली में जी-20 बैठक के दौरान मुलाकात हुई थी. दोनो देशों के बीच सैन्य तनाव को देखते हुए इस मुलाकात की खासी अहमियत होगी.

ईरान के राष्ट्रपति से पीएम मोदी की हुई वार्ता
शुक्रवार को पीएम मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से टेलीफोन पर बात की. दोनो नेताओं के बीच आपसी रिश्तों से जुड़े कई विषयों पर बात हुई है. खास तौर पर चाबहार पोर्ट के इस्तेमाल को बढ़ाने और इससे मध्य एशियाई देशों को कारोबार का नेटवर्क उपलब्ध कराने पर भी चर्चा हुई है. मोदी और रईसी की मुलाकात अगले हफ्ते ब्रिक्स बैठक के दौरान भी होगी. ईरान ब्रिक्स का सदस्य नहीं है, लेकिन उसको इसका नए सदस्य के तौर पर शामिल किए जाने पर अगले हफ्ते फैसला हो सकता है.