महाराष्ट्र के पंढरपुर को नई सौगात मिली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो नेशनल हाई-वे के विस्तार परियोजना की नींव रखी. इसके तहत संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग के 3 खंडों और संत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग के 5 खंडों को 4 लेन बनाया जाएगा. इनके दोनों तरफ ‘पालकी’ के लिए पैदल मार्ग भी बनाया जाएगा. इससे भगवान विट्ठल के दर्शन करने के लिए पैदल पंढरपुर जाने वाले भक्तों को काफी सुविधा होगी.
पीएमओ (PMO) द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, यह परियोजना पश्चिमी राज्य के तीर्थ शहर पंढरपुर में लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए शुरू की जाएगी. इसपर पीएम मोदी में ट्वीट करते हुए लिखा, “आज यहां श्रीसंत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग और संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग का शिलान्यास हुआ है.”
आज यहां श्रीसंत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग और संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग का शिलान्यास हुआ है।
— PMO India (@PMOIndia) November 8, 2021
श्रीसंत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग का निर्माण पांच चरणों में होगा और संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग का निर्माण तीन चरणों में पूरा किया जाएगा: PM @narendramodi
आज भी ये यात्रा दुनिया की सबसे प्राचीन और सबसे बड़ी जन-यात्राओं के रूप में, people मूवमेंट के रूप में देखी जाती है।
— PMO India (@PMOIndia) November 8, 2021
‘आषाढ एकादशी’ पर पंढरपुर यात्रा का विहंगम दृश्य कौन भूल सकता है।
हजारों-लाखों श्रद्धालु, बस खिंचे चले आते हैं: PM @narendramodi
क्या है परियोजना?
दरअसल, परियोजना के तहत श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी मार्ग और श्री संत तुकाराम महाराज पालकी मार्ग का 221 किमी और 130 किमी फोर लेन होगा. यह 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत पर किया जाएगा. इसमें ₹6600 करोड़ रुपये पहले दिए गए थे और बाद में 4400 करोड़ रुपये इस प्रोजेक्ट के लिए दिए गए. पीएमओ के अनुसार, श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी मार्ग के दिवेघाट-मोहोल मार्ग तथा श्री संत तुकाराम महाराज पालकी मार्ग के लिए पातास-टोंडले मार्ग को फोर लेन किया जाएगा.
PM करेंगे 223 किमी से अधिक की सड़क परियोजनाओं को समर्पित
इस समारोह में पीएम मोदी ने 223 किलोमीटर से अधिक की सड़क परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया, जो मंदिर वाले शहर से कनेक्टिविटी के लिए अलग-अलग राष्ट्रीय राजमार्गों पर 1180 करोड़ की अनुमानित लागत से बनाई गई थीं. इनमें म्हस्वाद-पीलिव-पंढरपुर (NH 548E) शामिल हैं, कुर्दुवाड़ी-पंढरपुर (एनएच 965सी), पंढरपुर-संगोला (NH 965C), तेम्भुरनी-पंढरपुर एनएच 561ए), और पंढरपुर-मंगलवेधा-उमादी (NH 561A) शामिल हैं.
आपको बता दें, इस कार्यक्रम में पीएम मोदी के अलावा केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी मौजूद रहे.
कौन हैं संत ज्ञानेश्वर और संत तुकाराम?
दरअसल, महाराष्ट्र को संतो की भूमि कहा जाता है, जिसपे कई महान संतों ने जन्म लिया है. उन्हीं में से दो हैं संत ज्ञानेश्वर और संत तुकाराम. संत ज्ञानेश्वर संत होने के साथ-साथ कवि भी थे. महान संत ज्ञानेश्वर ने पूरे महाराष्ट्र में घूम-घूमकर लोगों को ज्ञान भक्ति से परिचित कराया और समता, समभाव का उपदेश दिया. 13वीं सदी के महान संत होने के साथ-साथ वे महाराष्ट्र-संस्कृति के आद्य प्रवर्तकों में से भी एक माने जाते थे. आपको बता दें, उन्होंने ज्ञानेश्वरी नामक ग्रंथ की रचना की. ये मराठी भाषा का सबसे अधिक पसंद किए जाने वाला ग्रंथ माना जाता है.
वहीं, संत तुकाराम को तुकोबा के नाम से भी जाना जाता है. प्रख्यात कवी संत तुकाराम का काव्य और साहित्य रत्नों का खजाना है. 17वीं सदी में पुणे के देहू कस्बे में जन्मे संत तुकोबा ने महाराष्ट्र में भक्ति आंदोलन की नींव डाली थी. वे 'भक्ति आंदोलन' के प्रमुख स्तंभो में से एक हैं.