प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार आज यानि 18 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में गंगा एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखेंगे. इसे भारत की सबसे बड़ी परियोजना कहा जा रहा है. पीएम मोदी दोपहर 1 बजे इस एक्सप्रेस वे का शिलान्यास करेंगे. राज्य सरकार का दावा है कि इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से राज्य की सूरत बदल जाएगी. इसके बन जाने से अब दिल्ली, हरियाणा और बिहार के साथ राज्य की कनेक्टिविटी और बेहतर हो सकेगी और पश्चिम से पूर्व क्षेत्र को जोड़ने में भी मदद मिलेगी.
36 हजार करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट
दरअसल, 36,230 करोड़ रुपये की लागत से बना यह गंगा एक्सप्रेसवे 594 किलोमीटर लम्बा है. इसकी मंजूरी राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 26 नवंबर 2020 को दी थी. इसे अडानी इंटरप्राइजेज और आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स द्वारा बनाया जाएगा.
UP का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे
आपको बता दें, इसे यूपी का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे बताया रहा है. यह मेरठ के बिजोली जिले से शुरू होगा. यूपी के दूसरे एक्सप्रेस-वे की तरह इस एक्सप्रेस-वे पर भी विमान की इमरजेंसी टेक-ऑफ और लैंडिंग हो सकेगी. इसके लिए 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी बनाई जाएगी. डिजाइन के मुताबिक इस हवाई पट्टी को शाहजहांपुर में बनाया जाएगा.
सोलर एनर्जी से होगा बिजली का उत्पादन
गंगा एक्सप्रेस वे पश्चिमी यूपी को पूर्वी यूपी से जोड़ेगा और दिल्ली, हरियाणा और बिहार जैसे राज्य आसानी से इस एक्सप्रेस-वे के माध्यम से जुड़ सकेंगे. यूपी सरकार के मुताबिक पिछले एक साल में एक्सप्रेस-वे के लिए 94 फीसदी जमीन किसानों से खरीदी गई है. गौरतलब है कि डिजाइन के मुताबिक एक्सप्रेसवे पर पर्यावरण संरक्षण के लिए 18,55,000 पौधे भी लगाए जायेंगे. वहीं इसपर सोलर एनर्जी की मदद से बिजली का उत्पादन किया जाएगा.
राज्य के 12 जिलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेस-वे
गंगा एक्सप्रेस-वे राज्य के 12 जिलों, जिसमें मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और रायबरेली शामिल हैं, से होकर गुजरेगा. इसके अलावा 519 गांवों को भी इससे जोड़ा जाएगा, गंगा एक्सप्रेस-वे पर 9 जन सुविधा केंद्र, सात रेलवे ओवर ब्रिज, 14 बड़े ब्रिज, 126 छोटे ब्रिज और 381 अंडरपास बनाए जाएंगे.
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