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Word Record: UN में योग करके पीएम मोदी ने बनाया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड....कैसे हुई इसकी शुरुआत और कोई रिकॉर्ड कैसे बनता है गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड? जानिए

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में योग कार्यक्रम रखा गया. इस कार्यक्रम का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो गया है.गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, 1955 में अपनी स्थापना के बाद से ही बड़ी संख्या में विश्व रिकॉर्डों को सूचीबद्ध करने और सत्यापन करने का प्राथमिक अंतरराष्ट्रीय स्रोत बन गया है.

योग डे पर बना गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड योग डे पर बना गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day)के मौके पर न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में योग कार्यक्रम रखा गया. इस कार्यक्रम का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो गया है. इस समारोह में सबसे ज्यादा अलग-अलग देशों के लोग शामिल थे जिसकी वजह से रिकॉर्ड कायम हुआ है. UN हेडक्वार्टर में  पीएम मोदी के कार्यक्रम में 135 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए. इससे पहले कभी एक साथ इतने देशों के लोगों ने योग नहीं किया था. इसके बाद गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness World Records)के अधिकारी माइकल एम्परिक ने बताया कि ये एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है.

पीएम मोदी, जो राष्ट्रपति जो बिडेन और प्रथम महिला जिल बिडेन के निमंत्रण पर अमेरिका की अपनी पहली राजकीय यात्रा के पहले चरण में न्यूयॉर्क में हैं. उन्होंने 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम का नेतृत्व किया. इसमें संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों, राजनयिकों और प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया.

कौन-कौन से किए आसन?
प्रधानमंत्री मोदी ने योग कार्यक्रम में कहा- 'योग का मतलब है- युनाइट करना यानी साथ लाना. मुझे याद है मैंने यहां 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था.' उन्होंने समारोह में भाग लेने के लिए दूर-दूर से न्यूयॉर्क आने के लिए लोगों को धन्यवाद दिया. पीएम मोदी ने यूएन के नॉर्थ लॉन में योग दिवस पर भद्रासन, ऊष्ट्रासन, उत्तान शिशुनासन, भुजंग आसन, पवन मुक्त आसन और शव आसन किए.

पीएम मोदी ने कहा कि योग भारत की पुरानी संस्कृति है और इस पर किसी का कॉपीराइट नहीं है. योग कार्यक्रम UN के नॉर्थ लॉन के गार्डन में हुआ. इसमें न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम, शेफ विकास खन्ना, संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष साबा कोरोसी, हॉलीवुड स्टार रिचर्ड गैरी शामिल हुए.

पाकिस्तान ने नहीं किया था प्रस्ताव का समर्थन
27 सितंबर 2014 को प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार यूनाइटेड नेशन्स में हर साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस मनाए जाने का प्रस्ताव रखा था. 11 दिसंबर 2014 को यूनाइटेड नेशन में भारतीय राजदूत अशोक मुखर्जी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव पेश किया था. इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के इस प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया. पाकिस्तान नहीं चाहता था कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव पास हो. हालांकि, इस प्रस्ताव को पहले से ही यूनाइटेड नेशन के करीब 177 देशों का समर्थन मिला हुआ था. पाकिस्तान के नहीं चाहने के बावजूद मुस्लिम देशों के संगठन OIC के 56 देशों में से 48 ने भारत का साथ दिया. इतना ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के प्रस्ताव पर चीन ने भी पाकिस्तान की बजाय भारत का साथ दिया.  

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, 1955 में अपनी स्थापना के बाद से ही बड़ी संख्या में विश्व रिकॉर्डों को सूचीबद्ध करने और सत्यापन करने का प्राथमिक अंतरराष्ट्रीय स्रोत बन गया है. इसने वैश्विक स्तर पर 40 भाषाओं में 150 मिलियन से अधिक किताबें बेची हैं. आइए जानते है क्या है ये रिकॉर्ड.

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स क्या हैं?
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, जिसे मूल रूप से गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के तौर पर भी जाना जाता है सभी प्रकार की रिकॉर्ड तोड़ने वाली उपलब्धियों का दस्तावेजीकरण करता है, जिसमें मानवीय उपलब्धियों और प्राकृतिक दुनिया में किए गए उनके बेस्ट रिकॉर्ड सूचीबद्ध होते हैं.पहला संस्करण क्रिसमस 1955 तक यूनाइटेड किंगडम में बेस्टसेलर सूची में शीर्ष पर था. आज, इसमें 62,252 सक्रिय रिकॉर्ड शामिल हैं. इसमें "दुनिया की सबसे ऊंची इमारत" (बुर्ज खलीफा, दुबई) से लेकर "अब तक के सबसे लंबे नाखून" (ली रेडमंड) तक सभी के नाम इस किताब में दर्ज हैं. 

मूल रूप से एक वार्षिक पुस्तक होने के बावजूद, आज, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के दुनिया भर में टेलीविजन शो हैं.  इसके अलावा इसकी ऑनलाइन उपस्थिति भी काफी मौजूद है. कई लोग सोशल मीडिया पर इसे फॉलो करते हैं. 

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की शुरुआत कैसे हुई?
दिलचस्प बात यह है कि जीडब्ल्यूआर की शुरुआत पब में होने वाली बहसों को सुलझाने के लिए तथ्यों की एक किताब के विचार के रूप में हुई थी. ऐसी बहसें जो अक्सर गंदी और हिंसक हो जाती थीं. 1950 के दशक में, गिनीज ब्रूअरी के प्रबंध निदेशक सर ह्यू बीवर काउंटी वेक्सफोर्ड में एक हंटिंग पार्टी में थे. इस दौरान उनकी और उनके मेजबानों की यूरोप में सबसे तेज गेम बर्ड को लेकर एक बहस सी हो गई. इस दौरान बीवर ऐसी कोई किताब ढूंढ़ रहे थे जिससे वो रिफरेंस ले सकें लेकिन वो इसका उत्तर ढूंढने में असफल रहे.

इस शराबी झगड़े को याद करते हुए, सर ह्यू के मन में पब में होने वाले विवादों को निपटाने के विचार के आधार पर गिनीज प्रमोशन का विचार आया. उनका ये विचार बेहद सरल था कि वो एक ऐसी पुस्तक लेकर आएं जो विवादास्पद तथ्यों के लिए निश्चित उत्तर प्रदान करे. सर ह्यूग ने महसूस किया कि नशे में मतभेदों को सुलझाने में यह कितना वरदान होगा. उन्होंने पुस्तक पर काम शुरू करने के लिए दो शोधकर्ताओं जोकि ट्विंस थे, नॉरिस और रॉस मैकविहटर को आमंत्रित किया. हालांकि उन्होंने सबसे तेज गेम बर्ड के बारे में सर ह्यू के मूल प्रश्न का कभी उत्तर नहीं दिया. लेकिन अंततः उन्होंने एक ऐसा उत्पाद तैयार कर लिया जो गिनीज के प्रचार से कहीं अधिक होगा.

इस किताब के आश्चर्यजनक रूप से हिट होने के बाद, इसका तेजी से विस्तार हुआ और इसने वार्षिक संस्करणों का रूप ले लिया. इसमें सभी रिकॉर्ड अपडेट किए जाते और नए रिकॉर्ड स्थापित किए जाते हैं.

कोई गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड कैसे बनाता है?
जबकि कुछ रिकॉर्ड स्पष्ट हैं (उदाहरण के लिए, "दुनिया का सबसे लंबा आदमी") अन्य कम हो सकते हैं. जैसे-जैसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का विस्तार हुआ, वैसे-वैसे इसके दस्तावेजों और श्रेणियों की संख्या भी बढ़ी है. आज, GWR के पास दुनिया भर में 75 से अधिक निर्णायक हैं, जो यह निर्धारित करते हैं कि कोई रिकॉर्ड टूटा है या नहीं. यहां तक ​​कि एक आवेदन प्रक्रिया भी है. कोई व्यक्ति किसी रिकॉर्ड को टूटते हुए देखने के लिए किसी निर्णायक को आमंत्रित करने के लिए आवेदन कर सकता है. हालांकि, कुछ सख्त मानदंड हैं जो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हैं.