पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 18वें आसियान सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने भारत-आसियान मित्रता पर भी बात की. उन्होंने कोरोना महामारी को भारत-आसियान मित्रता की परीक्षा का समय बताया। उन्होंने विश्वास जताया कि कोरोना काल में आसियान देशों और आपसी सहयोग भविष्य में हमारे संबंधों को मजबूत करता रहेगा और हमारे लोगों के बीच सद्भावना का आधार बनेगा।
भारत और आसियान ने मिलकर किया कोविड का सामना
पीएम मोदी ने कहा, “कोविड-19 महामारी के कारण हम सभी को अनेक चुनौतियों से जूझना पड़ा. लेकिन यह चुनौतीपूर्ण समय भारत-आसियान मित्रता की कसौटी भी रहा. कोविड काल में हमारा आपसी सहयोग, आपसी संवेदना, भविष्य में हमारे संबंधों को बल देते रहेंगे, हमारे लोगों के बीच सद्भावना का आधार रहेंगे. इतिहास गवाह है कि भारत और आसियान के बीच हजारों साल से जीवंत संबंध रहे हैं. इनकी झलक हमारे साझा मूल्य, परंपरा, भाषा, ग्रन्थ, वास्तुकला, संस्कृति, खान-पान, हर जगह पर दिखती है.”
आसियान की यूनिटी और सेंट्रेलिटी भारत के लिए महत्वपूर्ण
इसके साथ पीएम ने आगे भारत की अन्य पॉलिसी जैसे ‘ईस्ट एक्ट पॉलिसी’ और ‘सागर’ के बारे में भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि आसियान की यूनिटी और सेंट्रेलिटी भारत के लिए सदैव एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता रही है. इसके साथ, भारत के इंडो पैसिफिक ओशियन इनिशिएटिव (Indo Pacific Oceans Initiative) और आसियान के आउटलुक फॉर द इंडो-पैसिफिक (Outlook for the Indo-Pacific) क्षेत्र इंडो पैसिफिक रीजन में हमारे साझा विज़न और आपसी सहयोग का ढांचा हैं.
भारत और आसियान पार्टनरशिप के 30 वर्ष
बता दें, साल 2022 में भारत और आसियान पार्टनरशिप के 30 वर्ष पूरे होंगे. इसी दौरान भारत भी अपनी आजादी के पचहत्तर वर्ष पूरे करेगा. इसपर पीएम मोदी ने खुशी जताते हुए कहा, “मुझे बहुत हर्ष है कि इस महत्वपूर्ण पड़ाव को हम 'आसियान-भारत मित्रता वर्ष' के रूप में मनाएंगे.”