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Agni-5 Missile: MIRV तकनीक के साथ अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण सफल, PM Modi ने मिशन दिव्यास्त्र के लिए दी DRDO के वैज्ञानिकों को बधाई

Agni-5 Missile Test Successful: परमाणु संपन्न बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 की मारक क्षमता आवाज की रफ्तार से 24 गुना ज्यादा है. यह अलग-अलग टारगेट को ध्वस्त कर पाने में सक्षम है. इस मिसाइल की जद में चीन और पाकिस्तान समेत एशिया के सभी देश, यूक्रेन, रूस, जापान, इंडोनेशिया व यूरोप के कुछ हिस्से आएंगे.

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हाइलाइट्स
  • 2007 में पहली बार बनी थी अग्नि-5 मिसाइल की योजना

  • अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल सभी अग्नि मिसाइल्स से है हल्की 

भारत ने सोमवार को रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है. भारत ने मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि-5 (Agni-5) मिसाइल का पहला सफल परीक्षण किया है.इसके लिए पीएम मोदी ने Defence Research and Development Organisation (DRDO) के वैज्ञानिकों को बधाई दी है.

पीएम मोदी (PM Modi) ने 'एक्स' पर लिखा, मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि-5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण, मिशन दिव्यास्त्र वे लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है.

कई युद्ध स्थलों को निशाना बनाकर किया जा सकता है तैनात 
यह मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल तकनीक (MIRV) के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि-5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण है.मिशन दिव्यास्त्र एक ऐसा मिशन है, जिसमें एक ही मिसाइल को विभिन्न युद्ध स्थलों को निशाना बनाकर तैनात किया जा सकता है.यह प्रणाली स्वदेशी एवियोनिक्स प्रणालियों और उच्च सटीकता सेंसर पैकेजों से लैस है.मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास एमआईआरवी क्षमता है. इस परियोजना की निदेशक एक महिला थी और इसमें महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है.

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पहली बार कब हुआ था परीक्षण 
वैज्ञानिक एम. नटराजन ने 2007 में पहली बार अग्नि-5 मिसाइल मिसाइल बनाने के बारे में योजना बनाई थी. 19 अप्रैल 2012 को अग्नि-5 मिसाइल का पहला सफल परीक्षण हुआ था. फिर 15 सितंबर 2013, 31 जनवरी 2015, 26 दिसंबर 2016, 18 जनवरी 2018, 3 जून 2018 और 10 दिसंबर 2018 को सफल परीक्षण हुए. इन परीक्षणों में मिसाइल को विभिन्न मानकों पर जांचा गया. इसमें पता चला कि यह मिसाइल दुश्मन को मार गिराने में सक्षम है. 

अग्नि-5 मिसाइल की खासियत
1. अग्नि-5 मिसाइल का वजन 50 टन है जोकि 1.5 टन तक नयूक्लियर वॉरहेड ढोने में सक्षम है. 
2. अग्नि-5 को DRDO ने विकसिक किया है. 
3. इस मिसाइल को पनडुब्बी से भी लॉन्च किया जा सकता है. 
4. यह 15 सौ किलोग्राम वजनी हथियार ले जाने में सक्षम है. 
5. यह 17.5 मीटर लंबी है. इसका व्यास 2 मीटर यानी 6.7 फीट है. 
6. अग्नि-5 मिसाइल में तीन स्टेज के रॉकेट बूस्टर हैं जो सॉलिड फ्यूल से उड़ते हैं. 
7. अग्नि-5 मिसाइल 29,401 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दुश्मन पर हमला करती है. 
8. इसमें रिंग लेजर गाइरोस्कोप इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम, जीपीएस, NavIC सैटेलाइट गाइडेंस सिस्टम लगा हुआ है. 
9. अग्नि-5 मिसाइल टारगेट पर सटीकता से हमला करता है. यदि टारगेट अपनी जगह से हटकर 10 से 80 मीटर तक भी जाता है तो उसका बचना मुश्किल है.
10. अग्नि-5 मिसाइल को ट्रक की मदद से किसी भी स्थान पर पहुंचाया जा सकता है. इसे मोबाइल लॉन्चर से ऑपरेट किया जा सकता है. 
11. ये एक बार में कई अलग-अलग टारगेट को ध्वस्त कर पाने में सक्षम है.
12. इस मिसाइल को पनडुब्बी से भी लॉन्च किया जा सकता है. इसकी मारक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है. 

अग्नि सीरीज की अन्य मिसाइलें कब की गईं लॉन्च
अग्नि-1: 28 मार्च 2010 को इसका पहला सफल परीक्षण किया गया. इसकी मारक क्षमता 700 किलोमीटर है. 
अग्नि 2: इसकी मारक क्षमता 3000 किलोमीटर है, इस मिसाइल से 1000 किलोग्राम का परमाणु बम भेजा जा सकता है.
अग्नि 3: जुलाई 2006 में अग्नि 3 का परीक्षण किया गया. इसकी मारक क्षमता 3000 किलोमीटर तक है. 
अग्नि 4:  इसका परीक्षण 2011 में किया गया था. इसकी मारक क्षमता 4000 किलोमीटर.