Bengaluru-Mysore Expressway: पीएम मोदी ने कर्नाटक को दी बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे की सौगात, 3 घंटे का सफर अब 75 मिनट में होगा पूरा, जानें इसकी खासियत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे परियोजना का उद्घाटन किया. इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद बेंगलुरु और मैसूर की बीच की दूरी को पूरा करने में जो 3 घंटे लगते थे वो अब 75-90 मिनट में पूरा किया जा सकेगा.
Bengaluru-Mysore Expressway ( Photo - @arunsoodbjp ) - नई दिल्ली,
- 12 मार्च 2023,
- (Updated 12 मार्च 2023, 2:23 PM IST)
हाइलाइट्स
एक्सप्रेसवे पर कुल 6 से 10 लेन
दोपहिया वाहनों को अनुमति नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कर्नाटक को बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे परियोजना की सौगात दी. इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद बेंगलुरु-मैसूर की बीच की जो यात्रा पूरा करने में पहले 3 घंटे लगते थे, वह अब महज 75 मिनट में पूरा किया जा सकेगा. ऊटी, वायनाड, कोझिकोड, कूर्ग और कन्नूर जैसी जगहों के सफर को कम कर देगा. इसके साथ ही यहां की पर्यटन क्षमता भी बढ़ने की उम्मीद है.
बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद माना जा रहा है कि कर्नाटक के विकास में अहम भूमिका निभा सकता है. इसके साथ ही इसके शुरू होने के बाद लोगों को सफर करने काफी सहूलियत भी मिलेगी. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का मानना है कि बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे श्रीरंगपटना, कूर्ग, ऊटी और केरल जैसे क्षेत्रों तक पहुंचने में भी काफी सहूलियत होगी. आइये जानते हैं कि बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे की खासियत क्या है और इसे इतना खास क्यों माना जा रहा है.
बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे की खासियत
- ये एक्सप्रेसवे समय बचाने वाला होने वाला है. बेंगलुरु मैसूर की बीच की दूरी NH-275 पर 118 किलोमीटर है. जिसे पूरा करने में पहले 3 घंटे लगते थे, लेकिन अब इसे पूरा करने में 75-90 मिनट लगेगा.
- इस एक्सप्रेसवे का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा हाइब्रिड वार्षिकी मॉडल (HAM) के तहत किया गया है. जिसे 8,480 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है.
- बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे पर 9 बड़े पुल, 42 छोटे पुल, 64 अंडरपास, 11 ओवरपास और चार रेल ओवर ब्रिज बनाए गए है. जिसके चलते कस्बों में ट्रैफिक जाम से बचा जा सकेगा.
- जो लोग साप्ताहिक छुट्टी पर ऊटी, वायनाड, कोझिकोड, कूर्ग और कन्नूर जैसी जगहों पर जाते हैं, उनका इस एक्सप्रेसवे के कारण काफी समय बचेगा. साथ ही तमिलनाडु और केरल में भी पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.
- बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे पर दोपहिया वाहनों की अनुमति नहीं होगी. इसके साथ ही इसपर उन वाहनों पर भी पाबंदी रहेगी जो धीमी गति से चलते हैं. ऐसा इसलिए किया गया ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके.
- इस एक्सप्रेसवे पर कार/जीप/वैन के लिए टोल शुल्क सिंगल ट्रेवल के लिए 135 रुपये और एक दिन के अंदर ही वापसी करने पर 205 रुपये निर्धारित किया गया है. वहीं मासिक पास के लिए 4,525 रुपये प्रस्तावित किया गया है. जिसमें एक महीने में 50 यात्राएं शामिल होंगी. साथ ही बेंगलुरु से मैसूर तक की यात्रा के लिए 250 रुपये का टोल देना पड़ेगा.
- बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे पर कुल 6 से 10 लेन बनाया गया है.