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25 नवंबर को जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास करेंगे पीएम, 12 लाख वर्ग फीट का होगा भव्य पंडाल, क्या खास हो रही तैयारी

आपको बता दें, ये एयरपोर्ट दिल्ली एनसीआर में बनने वाला दूसरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा और आईजीआई एयरपोर्ट पर भीड़भाड़ को कम करने में मदद करेगा. यह दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद और आसपास के शहरों के लोगों को आने जाने की सहूलियत देगा.

जेवर पंडाल जेवर पंडाल
हाइलाइट्स
  • भव्य पंडाल में चार हेलिपैड, नौ पार्किंग, 30 गेट और प्रर्दर्शनी व वीआईपी लाउंज बनाए गए हैं

  • गेमचेंजर हो सकता है साबित

  • ये एयरपोर्ट दिल्ली एनसीआर में बनने वाला दूसरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा

उत्तर प्रदेश भारत का पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला एकमात्र राज्य बनने वाला है. पीएम नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर के जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) की आधारशिला रखेंगे. पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संयुक्त रूप से जेवर में भूमि पूजन करेंगे.  इसके उद्घाटन के लिए 12 लाख वर्ग फीट का भव्य पंडाल तैयार किया जा रहा है. इस भव्य पंडाल में चार हेलिपैड, नौ पार्किंग, 30 गेट और प्रर्दर्शनी व वीआईपी लाउंज बनाए गए हैं. 

आपको बता दें, ये एयरपोर्ट दिल्ली एनसीआर में बनने वाला दूसरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा और आईजीआई एयरपोर्ट पर भीड़भाड़ को कम करने में मदद करेगा. यह दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद और आसपास के शहरों के लोगों को आने जाने की सहूलियत देगा.
 
जोरो-शोरों से चल रही हैं तैयारियां 
 
तैयारियों की अगर बात करें, तो गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह लगातार जिले के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. आपको बता दें, 25 नवंबर से पहले जनपद में करीब 5,000 अतिरिक्त पुलिस बल बुलाई जाएगी. जिसमें आईपीएस लेवल से लेकर कॉन्स्टेबल तक के पुलिसकर्मी होंगे, जिले में सुरक्षा के सारे इंतजाम किये गए हैं, वहीं ड्रोन उड़ाने पर भी पाबंदी लगा दी गई है.
 
दो हिस्सों में होगा कार्यक्रम 
 
कार्यक्रम स्थल पर भी तैयारियां तेज हो गई हैं. सभा स्थल की जमीन को समतल किए जाने का कार्य आरंभ हो चुका है. बताता चलें कि यह कार्यक्रम दो हिस्सों में होगा. पहले हिस्से में भूमिपूजन और शिलान्यास करवाया जाएगा. जिसका आयोजन यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी और ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड मिलकर करेंगे. वहीं, दूसरे हिस्से में एक विशाल जनसभा आयोजित होगी.

गेमचेंजर हो सकता है साबित…. 

इसे एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट माना जा रहा है. यह एयरपोर्ट उत्तर भारत का लॉजिस्टिक गेटवे होगा. माना जा रहा है कि यह एयरपोर्ट यूपी के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है. इसकी खूबियों के बारे में बताते चलें, तो पहली बार, भारत में एक हवाई अड्डे की अवधारणा एक इंटीग्रेटेड मल्टी मोडल कार्गो हब के साथ की गई है. इसकी क्षमता 20 लाख मीट्रिक टन होगी, जिसे बढ़ाकर 80 लाख मीट्रिक टन किया जा सकेगा. 

एयरपोर्ट के बन जाने से इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट की आवाजाही में आसानी होगी, जिससे यहां इन्वेस्टर्स को आकर्षित किया जा सकेगा. इसके साथ तेजी से औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचने में मदद मिलेगी.  

हवाई अड्डा में एक ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर बनाया जायेगा, जिसमें एक मल्टीमॉडल ट्रांजिट हब, हाउसिंग मेट्रो और हाई-स्पीड रेल स्टेशन, टैक्सी, बस सेवाएं और निजी पार्किंग की सुविधा होगी. इससे एयरपोर्ट को सड़क, रेल और मेट्रो से निर्बाध रूप से जोड़ा जा सकेगा.

दिल्ली-वाराणसी की दूरी रह जाएगी 21 मिनट  

गौरतलब है कि नोएडा और दिल्ली को मेट्रो सेवा के जरिए हवाई अड्डे से जोड़ा जाएगा. यमुना एक्सप्रेसवे, वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और अन्य जैसे आसपास के सभी प्रमुख सड़कों और राजमार्गों को हवाई अड्डे से जोड़ा जाएगा. इसके साथ इस एयरपोर्ट को दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल से भी जोड़ा जाएगा, जिससे दिल्ली और हवाई अड्डे के बीच की यात्रा केवल 21 मिनट में हो सकेगी. 

गौरतलब है कि हवाई अड्डे के पहले चरण का विकास 10,050 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जा रहा है. 1300 हेक्टेयर से अधिक भूमि में फैले, हवाई अड्डे के पहले चरण में एक साल में लगभग 1.2 करोड़ यात्रियों को फायदा मिल सकेगा. इसके साल 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है.