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पीएम मोदी का 'मन की बात' अब ऑडियो और संगीत मंचों पर होगा उपलब्ध, 2014 में शुरू हुआ था कार्यक्रम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता में आने के बाद 'मन की बात' कार्यक्रम की शुरुआत की थी जिसमें वह विभिन्न मुद्दों पर देश के लोगों से बात करते हैं. हर महीने आने वाला ये कार्यक्रम आमतौर पर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित किया जाता है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
  • पीएम मोदी ने 2014 में 'मन की बात' कार्यक्रम की शुरुआत की थी.

  • अब स्पॉटिफाई, हंगामा, गाना, जियो सावन, विंक और अमेजन म्यूजिक पर भी उपलब्ध होगा. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' अब सभी प्रमुख ऑडियो और संगीत मंचों पर उपलब्ध है. अधिकारियों ने रविवार को कहा कि यह विशेष रूप से युवा पीढ़ी के बीच कार्यक्रम की पहुंच बढ़ाने में मदद करेगा. उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम अब स्पॉटिफाई, हंगामा, गाना, जियो सावन, विंक और अमेजन म्यूजिक जैसे मंचों पर भी उपलब्ध होगा. 
 
इससे पहले 'मन की बात' कार्यक्रम टेलीविजन, रेडियो, नमो ऐप और यूट्यूब पर उपलब्ध होता था. अधिकारियों ने कहा कि भी प्रमुख ऑडियो और संगीत मंचों पर आने के बाद यह लोगों को ‘मन की बात’ कार्यक्रम को विभिन्न ऑडियो मंचों पर बिना किसी रुकावट के सुनने में मदद करेगा चाहे वो कहीं भी हों. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता में आने के बाद 'मन की बात' कार्यक्रम की शुरुआत की थी जिसमें वह विभिन्न मुद्दों पर देश के लोगों से बात करते हैं. हर महीने आने वाला ये कार्यक्रम आमतौर पर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित किया जाता है. 

अक्टूबर 2014 में पहली बार हुआ था प्रसारित

इसकी पहली कड़ी अक्टूबर 2014 में प्रसारित हुई थी और 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान कुछ समय को छोड़कर ये कार्यक्रम लगातार चल रहा है. हाल ही में रविवार को प्रसारित हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का युग स्टार्ट-अप का युग है और भारत इस क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है, जहां 70 से ज्यादा स्टार्ट-अप एक अरब डॉलर से ज्यादा के मूल्यांकन को पार कर गए हैं. एक अरब डॉलर से ज्यादा के मूल्यांकन को पार करने वाली ‘स्टार्ट-अप’ इकाइयों को ‘यूनिकॉर्न’ कहा जाता है. 

अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वह लोगों की सेवा में रहना चाहते हैं, सत्ता में नहीं. आयुष्मान भारत के एक लाभार्थी ने उनके सत्ता में बने रहने की जब कामना की तो उन्होंने कहा, “मैं आज भी सत्ता में नहीं हूं और भविष्य में भी सत्ता में नहीं रहना चाहता हूं. मैं सिर्फ सेवा में रहना चाहता हूं. मेरे लिए ये पद, सत्ता के लिए है ही नहीं, सेवा के लिए है.”

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