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Amritsar-Jamnagar Greenfield Expressway: 8 जुलाई को पीएम करेंगे अमृतसर-जामनगर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन, जानिए क्यों है खास?

अमृतसर-जामनगर कॉरिडोर देश के 4 राज्यों पंजाब, राजस्‍थान, हरियाणा और गुजरात को जोड़ेगा. अमृतसर को जामनगर से जोड़ने वाला ये ग्रीनफील्ड एक्प्रेसवे 917 किमी लंबा होगा.

अमृतसर-जामनगर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे अमृतसर-जामनगर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे
हाइलाइट्स
  • दिसंबर 2025 तक पूरी होगी परियोजना

  • 4 राज्यों को जोड़ेगा ये एक्सप्रेसवे

भारतमाला परियोजना के तहत बन रहे 6 लेन अमृतसर-जामनगर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के एक भाग यानी राजस्थान वाले हिस्से का उद्घाटन शनिवार यानी 8 जुलाई को पीएम मोदी करने वाले हैं. राजस्थान वाला हिस्सा मतलब हनुमानगढ़ जिले के जाखड़ावाली गांव से जालौर जिले के खेतलावास गांव तक बने एक्प्रसवे के हिस्से का उद्घाटन प्रधानमंत्री करेंगे, जो 500 किलोमीटर से ज्यादा लंबा है. चलिए आपको इसकी खासियत के बारे में बताते हैं.

अमृतसर-जामनगर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की खासियत
ये एक्सप्रेसवे देश के 4 राज्यों पंजाब, राजस्‍थान, हरियाणा और गुजरात को जोड़ेगा. अमृतसर को जामनगर से जोड़ने वाला ये ग्रीनफील्ड एक्प्रेसवे 917 किमी लंबा होगा. अमृतसर-जामनगर कॉरिडोर से 7 बंदरगाह, 9 प्रमुख एयरपोर्ट और एक मल्टी मोडल लॉजिस्टिक पार्क जुड़ेंगे. ये एक्सप्रेसवे अमृतसर, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर और कच्छ जैसे पर्यटन स्थलों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. यह एक्सप्रेसवे बठिंडा, बाड़मेर और जामनगर की 3 प्रमुख तेल रिफाइनरी को जोड़ने वाला भारत का पहला एक्सप्रेसवे होगा. यह एक्सप्रेसवे पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों को जामनगर और कांडला के प्रमुख बंदरगाहों से जोड़ेगा.

कुल मिलाकर अमृतसर-जामनगर कॉरिडोर भारत के अलग-अलग राज्यों को जोड़ेगा जिससे ना सिर्फ एक शहर से दूसरे शहर की दूरी कम होगी बल्कि यात्रा के समय में काफी कमी आएगी, जिसका सीधा फायदा माल ढुलाई में मिलेगा, जिससे देश की आर्थिक रफ्तार और तेज होगी.

दिसंबर 2025 तक पूरी होगी परियोजना
इस परियोजना के दिसंबर 2025 तक तैयार होने का अनुमान है. ये एक्सप्रेसवे अमृतसर और जामनगर के बीच की दूरी 1,430 किमी से घटाकर 1,256 किमी कर देगा, और दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय 26 घंटे से घटाकर 13 घंटे कर देगा. हालांकि, पिछले साल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि यह परियोजना सितंबर 2023 तक तैयार हो जाएगी.

आर्थिक गलियारे के एक बड़े हिस्से में 900 किमी तक छह-लेन पहुंच-नियंत्रित ग्रीनफील्ड संरेखण होगा जबकि शेष 300 किमी में मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्गों का उन्नयन शामिल है. ग्रीनफ़ील्ड एक्सप्रेसवे को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि आबादी वाले क्षेत्रों से बचा जा सके और नए क्षेत्रों में विकास लाया जा सके. इससे भूमि अधिग्रहण लागत के साथ-साथ निर्माण समय भी कम हो जाता है.

कहां-कहां कनेक्ट होगा एक्सप्रेसवे
परियोजना को आठ खंडों में विभाजित किया गया है, लेकिन चुनावी राज्य राजस्थान इस आर्थिक गलियारे का सबसे बड़ा लाभार्थी होने की संभावना है क्योंकि 50 प्रतिशत मार्ग (600 किमी से थोड़ा अधिक) राज्य के छह जिलों से होकर गुजरता है: श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर और जालौर

दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे के माध्यम से दिल्ली अमृतसर-जामनगर आर्थिक गलियारे से भी जुड़ जाएगी, जो इस क्षेत्र को जम्मू-कश्मीर से भी जोड़ेगी. बठिंडा में इसे लुधियाना-बठिंडा-अजमेर एक्सप्रेसवे और पठानकोट-अजमेर आर्थिक गलियारे से भी जोड़ा जाएगा. यह परियोजना कपूरथला जिले के टिब्बा गांव से शुरू होती है और जामनगर में समाप्त होती है. यह रास्ते में बठिंडा, चौटाला, रासीसर, देवगढ़, सांचौर, संतालपुर और मालिया को जोड़ता है. आठ खंडों में से पांच ग्रीनफील्ड और तीन ब्राउनफील्ड हैं.