आज का दिन भारतीय नौसेना के लिए दो दो ऐतिहासिक पल लेकर आया. एक तरफ लहरों का महायोद्धा आईएनएस विक्रांत नौसेना में शामिल हुआ और इसी के साथ ही भारतीय नौसेना को नई पहचान भी मिल गई. आईएनएस विक्रांत को नौसेना में शामिल करने के बाद प्रधानमंत्री ने नौसेना के नए ध्वज का अनावरण भी किया.
सेंट जॉर्ज क्रॉस बन जाएगा अतीत
नौसेना की ये नई पहचान औपनिवेशिक अतीत से दूर और भारत की समृद्ध समुद्री विरासत से परिपूर्ण है. अब तक नौसेना का प्रतीक रहा सेंट जॉर्ज क्रॉस अब अतीत बनकर रह जाएगा. नया ध्वज छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरित है. नौसेना के इस नए ध्वज में पहले की तरह ही बाईं तरफ राष्ट्रीय ध्वज है. इसके बगल में नीले बैकग्राउड पर गोल्डन कलर से अशोक चिन्ह बना हुआ है. इसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा है. जिस बैकग्राउंड पर अशोक चिन्ह बना है वो असल में छत्रपति शिवाजी महाराज की शाही मुहर है.
ध्वज पर नीचे संस्कृत भाषा में लिखा वरुण मंत्र
इस ध्वज पर नीचे संस्कृत भाषा में शं नो वरुण: लिखा है. जिसका अर्थ है हमारे लिज् वरुण शुभ हों. भारत में वरुण को जल का देवता माना जाता है इसलिए नौसेना के नए ध्वज पर ये वाक्य अंकित किया गया है. ये पहली बार नहीं होगा जब सेंट जॉर्ज क्रॉस को नौसेना के ध्वज से हटाया जाएगा. इससे पहले 2001 से 2004 तक तीन साल के लिए सेंट जॉर्ज क्रॉस को नौसेना के ध्वज से हटा दिया गया था.
कई बार हो चुके हैं इस ध्वज में बदलाव
नौसेना के ध्वज को इसके पहले साल 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय भी बदला गया था. जिसमें सफेद झंडे के बीच में जॉर्ज क्रॉस को हटाकर नौसेना के एंकर को जगह दी गई और ऊपरी बाएं कोने पर तिरंगे को बरकरार रखा गया था. 2004 में ध्वज या निशान में फिर से बदलाव किया गया और ध्वज में फिर से रेड जॉर्ज क्रॉस को शामिल कर लिया गया. इसकी वजह नीले रंग के कारण निशान का स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं पड़ना बताई गई. नए बदलाव में लाल जॉर्ज क्रॉस के बीच में अब राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ को शामिल किया गया. 2014 में एक और बदलाव कर अशोक स्तंभ के नीचे देवनागरी भाषा में सत्यमेव जयते लिखा गया.
आजादी से पहले कुछ यूं था ध्वज
आजादी के पहले तक नौसेना के ध्वज में ऊपरी कोने में ब्रिटिश झंडा बना रहता था. 26 जनवरी 1950 को पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर भारतीय नौसेना के ध्वज का भारतीयकरण किया गया. लेकिन ब्रिटिश चिन्ह लाल रंग के सेंट जॉर्ज क्रॉस से छुटकारा नहीं मिल सका. अब आजादी के अमृत महोत्सव पर नौसेना को अंग्रेजी हुकूमत की इस पहचान से सदा के लिए छुटकारा मिल गया है.