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POK ही नहीं इन जगहों पर भी पाक सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे लोग, वीके सिंह बोले- खुद पीओके आ जाएगा भारत में, जानें इसके मायने 

पीओके के लोगों का गुस्सा इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि पाकिस्तान की सरकार उनके संसाधनों को खर्च कर रही है लेकिन क्षेत्र को फायदा नहीं दे रही है. यहां के लोगों से टैक्स भी ज्यादा लिए जा रहे हैं. गरीबी चरम पर है. पीओके के लोग पाकिस्तान से आजाद कराने की मोदी सरकार से मांग कर रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री वीके सिंह बोले- खुद पीओके भारत में आ जाएगा (फाइल फोटो) केंद्रीय मंत्री वीके सिंह बोले- खुद पीओके भारत में आ जाएगा (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
  • महंगाई और भुखमरी से जूझ रहा पाकिस्तान 

  • कई इलाकों के लोग भारत में शामिल करने की कर रहे मांग 

केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. केंद्रीय मंत्री और सेवानिवृत्त जनरल वीके सिंह ने कहा है कि पाक अधिकृत कश्मीर अपने आप ही भारत में शामिल हो जाएगा, इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा. आइए जानते हैं केंद्रीय मंत्री के ऐसा कहने के क्या मायने हैं और कहां-कहां पाकिस्तान सरकार के खिलाफ लोग आवाज उठा रहे हैं?

रक्षा मंत्री राजनाथ भी बोले थे, POK भारत का हिस्सा
इससे पहले केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी जम्मू विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में कहा था कि पीओके पर सिर्फ गैर कानूनी कब्जा कर लेने से पाकिस्तान का अधिकार नहीं बन जाता. पीओके को लेकर भारतीय संसद ने एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित है. राजनाथ सिंह ने कहा था कि पीओके भारत का हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा.

महंगाई और भुखमरी से जूझ रहे पाकिस्तान के लोग 
पाकिस्तान में सबकुछ ठीक नहीं है. महंगाई, भुखमरी से जूझ रहे पाकिस्तान के कई इलाकों में लोग सड़क पर उतर प्रदर्शन कर रहे हैं. पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. पीओके के गिलगित बाल्टिस्तान में तो लोग भारत के साथ जुड़ने की मांग कर रहे हैं. सिंध में तो पिछले दिनों यहां लोगों ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था. इसी तरह के प्रदर्शन बलूचिस्तान में भी हो रहे हैं.

आने वाले दिनों में पाक के हो सकते हैं कई टुकड़े 
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने अपने आप ही भारत में शामिल हो जाएगा पीओके वाली बात इसलिए कही है क्योंकि शायद भारत को इसके लिए कोई ऐक्शन लेने की जरूरत ही न पड़े. जी हां, गरीबी और कंगाली के दलदल में जिस तरह पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान धंसता जा रहा है. संभव है कि आने वाले वर्षों में गृह युद्ध के बाद उसके कई टुकड़े हों और पीओके की जनता खुद-ब-खुद तिरंगा झंडा उठा ले. ऐसे में भारत को अपनी तरफ से कोई प्रयास नहीं करना पड़ेगा और जिस तरह आए दिन अखंड भारत की बातें होती हैं उस दिशा में अपने आप देश बढ़ चलेगा.

भारत से मांग रहे मदद
वीके सिंह के बयान से दो महीने के दौरान घटनाक्रमों को समझें तो पीओके की जमीनी हकीकत समझ में आ जाती है. इधर, दिल्ली में जब दुनियाभर के नेता जुटे तो तस्वीरें पाकिस्तान में भी देखी गईं. वहां के लोगों खासतौर से पीओके की जनता को समझ में आ रहा है कि 1947 की उस गलती के बाद भारत इन 75 वर्षों में चांद पर पहुंच गया और पाकिस्तान को दुनिया के सामने हाथ फैलाना पड़ रहा है. 

कुछ घंटे पहले पीओके से तस्वीरें आईं जिसमें लोग फ्रीडम के नारे लगा रहे हैं. वे अपनी हुकूमत को भारत के साथ जुड़ने की धमकी भी दे रहे हैं. कुछ कश्मीरी एक्टिविस्ट का बयान मीडिया में आया है, जिसमें वे पीएम मोदी से मदद मांगते दिख रहे हैं. उनका कहना है कि भारत के प्रधानमंत्री उन्हें पाकिस्तान से आजाद कराएं.

पीओके की जनता से पाक सरकार ले रही ज्यादा टैक्स 
पीओके के लोगों का गुस्सा इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि पाकिस्तान की सरकार उनके संसाधनों को खर्च कर रही है लेकिन क्षेत्र को फायदा नहीं दे रही है. ऐसे में क्षेत्र एक तरह की गृहयुद्ध की तरफ बढ़ता दिख रहा है. पीओके की जनता से टैक्स ज्यादा लिए जा रहे हैं. 

इसी क्षेत्र से बिजली सबसे ज्यादा पैदा की जाती है लेकिन जनता को बिजली का भुगतान ज्यादा करना पड़ रहा है. पीओके में शिया समुदाय की अच्छी खासी तादाद है. पाकिस्तान की सरकार शियाओं की संख्या को कम करना चाहती है. ऐसे में पाक सरकारों ने लगातार पीओके में सुन्नी मुसलमानों को बसाया. इससे स्थानीय जनता में गुस्सा बढ़ा.

पाकिस्तान की हुकूमत पर साजिश करने का आरोप
पीओके के शिया समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मौलवी आगा बाकिर अल-हुसैनी पर एक धार्मिक सभा में उनकी टिप्पणियों को लेकर मामला दर्ज किया गया था. बाद में मौलवी को हिरासत में लिया गया जिसके बाद स्कर्दू के शिया समुदाय के लोग सड़कों पर आए थे. 

हुसैनी के हजारों समर्थकों ने ऐलान किया कि खुदा की कसम, अगर तुमने हुसैनी को गिरफ्तार करने की कोशिश की तो न हम रहेंगे, न तुम रहोगे. यहां के शिया समुदाय का कहना है कि पाकिस्तान की हुकूमत की ओर से बार-बार उनके खिलाफ गहरी साजिश की जा रही है. इससे तो अच्छा है कि हम भारत में शामिल हो जाएं.

पाक की लीडरशिप ठीक नहीं 
भारत में जी-20 समिट की कामयाबी को देख पाकिस्तान की आम जनता में यह भावना पैदा हो रही है कि उनकी लीडरशिप ठीक नहीं है. वे देश के भविष्य को लेकर फिक्रमंद नहीं हैं. शायद यही वजह है कि वीके सिंह ने अपने आप वाली बात कही है. मतलब भारत को कुछ नहीं करना होगा, पीओके अपने आप आ जाएगा.

सिंध में मोदी के समर्थन में की थी नारेबाजी
सिंध में भी पीओके की तरह लोग आए दिन सड़क पर उतर रहे हैं. पिछले दिनों यहां लोगों ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था. पीएम मोदी की फोटो के साथ लोगों ने लिखा था कि नरेंद्र मोदी जी, पाकिस्तान से सिंध आजाद होना चाहता है. कृपया सिंध के लोगों की मदद करें. 

दरअसल, सिंध को भारत में मिलाने के लिए आंदोलन चल रहा है. इस आंदोलन के मुखिया शफी बुरफत कहते हैं कि पाकिस्तान की सरकार सिंध के लोगों के साथ भेदभाव करती है. इसलिए यहां के लोग पाकिस्तान से आजाद होना चाहते हैं. लोग भारत में शामिल होना चाहते हैं.

चीन के बलूचिस्‍तान में निवेश पर भी नाराजगी
बलूचिस्तान में चीन के निवेश पर भी नाराजगी है. बलूच अलगाववादियों ने चीन से दो टूक लहजे में कहा है कि वह चीन-पाकिस्‍तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC)के नाम पर उसके प्राकृतिक संसाधनों पर कब्‍जे की कोशिश न करे वरना उसे भी हमलों का निशाना बनाया जाएगा. 

इसके बाद बलूचिस्‍तान में चीनी इंजीनियरों-अधिकारियों के काफिले पर विद्रोहियों के हमले की कुछ घटनाएं भी सामने आई हैं. बलूचिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को चीनविकसित कर रहा है. वर्ष 2013 में पाकिस्तान ने इस बंदरगाह का कॉन्ट्रैक्ट और लीज चीन को दे दिया था, इस कदम का भी बलूचिस्‍तान में विरोध किया जा रहा है.