कर्नाटक में कांग्रेस को बड़ा बहुमत मिला है. पार्टी ने 135 सीटों पर जीत दर्ज की है. कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने इस जीत में बड़ी भूमिका निभाई है. उनको सूबे में कांग्रेस का संकटमोचक कहा जाता है. उन्होंने कई मौकों पर इसे साबित भी किया है. सीएम की रेस में सिद्धारमैया के साथ डीके शिवकुमार भी हैं. शिवकुमार का आज यानी 15 मई को बर्थडे है. चलिए आपको बताते हैं कि इंदिरा गांधी के समय कांग्रेस में सक्रिय हुए डीके शिवकुमार का अब तक का सियासी सफर कैसा रहा है.
कांग्रेस में फूट, डीके को मिली जिम्मेदारी-
साल 1979 में कर्नाटक के पहले सीएम देवराज उर्स और इंदिरा गांधी के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था. देवराज ने पार्टी तोड़ दी. उन्होंने अलग राह अपना ली. सूबे के ज्यादातर नेता देवराज के साथ चले गए. यूथ कांग्रेस में भी भगदड़ मच गई. ज्यादार कार्यकर्ता देवराज के साथ चले गए. उस समय डीके शिवकुमार कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे. उस समय भी शिवकुमार यूथ कांग्रेस के मेंबर थे. उनको स्टूडेंट यूनियन का सेक्रेटरी बनाया गया और छात्रों को जोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई.
एचडी देवगौड़ा को दी टक्कर, उपचुनाव में मिली जीत-
साल 1985 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला और दिग्गज नेता एचडी देवगौड़ा के खिलाफ डीके शिवकुमार को मैदान में उतार दिया. 4 बार के विधायक और 2 बार विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे एचडी देवगौड़ा के खिलाफ साथनूर सीट से शिवकुमार को मैदान में उतरा गया था. नौजवान डीके ने देवगौड़ा को कड़ी चुनौती दी. हालांकि वो 15 हजार से चुनाव हार गए. हालांकि देवगौड़ा ने दो सीटों से चुनाव लड़ा. इसलिए उन्होंने जीत के बाद साथनूर सीट छोड़ दी. इसके बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ. जिसमें डीके शिवकुमार ने जीत हासिल की. उस दिन के बाद से आज तक डीके शिवकुमार को हार का सामना नहीं करना पड़ा है.
27 साल में बने मंत्री, 1999 में कुमारस्वामी को हराया-
साल 1989 विधानसभा चुनाव में एक बार फिर डीके को पार्टी ने साथनूर से मैदान में उतारा. उन्होंने इस बार एचडी देवगौड़ा को हरा दिया. इसका इनाम भी शिवकुमार को मिला. कांग्रेस के एस. बंगारप्पा मुख्यमंत्री बने. डीके शिवकुमार को मंत्री बनाया गया. उस वक्त उनकी उम्र सिर्फ 27 साल थी. शिवकुमार ने साथनूर से 4 बार विधायक बने. साल 1989, 1994, 1999 और 2004 में उन्होंने इस सीट से जीत हासिल की. इसके बाद वो साल 2008 में कनकपुरा सीट से जीत हासिल की.
देवगौड़ा फैमिली को कई बार हराया-
डीके शिवकुमार ने चुनावों में देवगौड़ा फैमिली को कई बार हराया. उन्होंने पूर्व पीएम देवगौड़ा, उनके बेटे कुमारस्वामी और उनकी पत्नी अनीता कुमारस्वामी को हराया. साल 1989 में शिवकुमार ने एचडी देवगौड़ा को हराया. साल 1999 के विधानसभा चुनाव में साथनूर में एक बार फिर डीके शिवकुमार और देवगौड़ा फैमिली के बीच सियासी मुकाबला हुआ. इस बार पूर्व पीएम देवगौड़ा ने अपने बेटे एचडी कुमारस्वामी को मैदान में उतरे. उनके खिलाफ कांग्रेस ने डीके शिवकुमार को लड़ाया. शिवकुमार ने कुमारस्वामी को हरा दिया. शिवकुमार ने कुमारस्वामी की पत्नी अनीता कुमारस्वामी को भी चुनाव में हराया.
करप्शन के आरोप में जेल गए शिवकुमार-
साल 2019 में डीके शिवकुमार के बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ा. सितंबर में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी के मामले में डीके को गिरफ्तार कर लिया. शिवकुमार 4 महीने जेल में रहे. हालांकि बाद में वो जमानत पर रिहा हो गए.
कर्नाटक के सबसे अमीर विधायक-
डीके शिवकुमार की संपत्ति 1413 करोड़ रुपए है. उनके पास 970 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है. जबकि उनकी पत्नी ऊषा के पास 113.38 करोड़ रुपए की संपत्ति है. उनके बेटे आकाश के पास 54.33 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी है. उनके पास कई बैंक अकाउंट, लैंड और बॉन्ड्स, गोल्ड हैं.
डीके शिवकुमार की फैमिली-
डीके शिवकुमार का जन्म 15 मई 1962 को बेंगलुरु के पास कनकपुरा में हुआ था. उनके पिता का नाम केम्पेगौड़ा और माता का नाम गौरम्मा है. उनके छोटे भाई का नाम डीके सुरेश है. साल 1993 में शिवकुमार की शादी ऊषा से हुई. उनकी दो बेटियां ऐश्वर्या और आभरण हैं. जबकि एक बेटा आकाश है.
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