
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. ये प्रदूषण लोगों के लिए खतरा बना हुआ है. ये प्रदूषण बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक को नुकसान पहुंचा रहा है. इसी के मद्देनजर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने दिल्ली में 'गंभीर' वायु गुणवत्ता और बच्चों के स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए राज्य सरकार से कहा है कि वह स्थिति में सुधार होने तक बच्चों के स्कूलों को बंद करने पर विचार करें.
आयोग ने 24 घंटे के अंदर मांगी रिपोर्ट
आयोग ने इस मामले में 24 घंटे के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है. एनसीपीसीआर ने तीन दिन में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. दिल्ली सरकार से स्कूलों को बंद करने पर विचार करने का आह्वान करते हुए, एनसीपीसीआर के प्रमुख प्रियंक कानूनगो ने कहा कि आयोग ने दिल्ली में खराब वायु गुणवत्ता के संबंध में दिल्ली के प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों का स्वत: संज्ञान लिया है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बुधवार को लिखे पत्र की प्राप्ति के तीन दिनों के भीतर कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. मुख्य सचिव को संबोधित पत्र की एक प्रति एलजी विनय कुमार सक्सेना को भेजी गई है.
बच्चों को प्रभावित कर रही है दिल्ली की हवा
एनसीपीसीआर ने कहा कि रिपोर्टों के अनुसार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी की हवा की गुणवत्ता "गंभीर" श्रेणी में आ गई है. "गंभीर स्तर का वायु प्रदूषण स्वस्थ लोगों को प्रभावित करता है और बच्चों और मौजूदा बीमारी वाले लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है.
सुधार होने तक बंद रहें स्कूल: एनसीपीसीआर प्रमुख
कानूनगो ने आगे कहा कि, ऐसा लगता है कि दिल्ली सरकार निवारक उपाय करने में विफल रही है. इसलिए, आयोग द्वारा अनुशंसा की जाती है कि राज्य सरकार को उचित कार्रवाई करने पर विचार करना चाहिए और हवा की गुणवत्ता (एक्यूआई) तक स्कूलों को बंद करने का निर्णय लेने पर विचार करना चाहिए. साथ ही जब दिल्ली के प्रदूषण स्तर में सुधार नहीं होता, तब स्कूलों को बंद ही रखना चाहिए."