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धीरे-धीरे गुलाबी होती जा रही चेन्नई की ये झील, चिंता में पड़े एनवायरमेंटलिस्ट

तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और IIT मद्रास अनुसंधान कर्मचारियों ने झील के गुलाबी होने को पर्यावरण के लिए खतरनाक बताया है. उन्होंने इसपर रिसर्च करने के लिए कुछ सैंपल भी लिए हैं.

धीरे-धीरे गुलाबी होती जा रही चेन्नई झील धीरे-धीरे गुलाबी होती जा रही चेन्नई झील
हाइलाइट्स
  • झील का गुलाबी होना बन सकता है पर्यावरण के लिए खतरा

  • इसपर रिसर्च के लिए IIT मद्रास ने लिए हैं सैंपल

चेन्नई के पल्लिकरनई दलदली इलाके के पास एक झील है, जोकि अब  डंपयार्ड में बदल गई है. ड्रोन से खीची गई तस्वीर में पाया गया की यह झील अब गुलाबी हो गई है, जिससे पर्यावरणविदों और स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ गई है. 

कई साल पहले दलदली भूमि का एक हिस्सा कचरा लैंडफिल में बदल गया था. जैव, चिकित्सा और रसायनों सहित सभी कचरे को एक ही जगह पर डंप कर दिया जाता था. ऐसे में इससे मीथेन का उत्पादन हुआ, जिसके चलते हाल ही में डंप यार्ड में बड़े पैमाने पर आग लग गई

क्यों बदल रहा है झील का रंग 

पर्यावरणविदों का दावा है कि यह शैवाल के खिलने के कारण हो सकता है. उन्हें लगता है कि झील में सायनोबैक्टीरिया के बढ़ने से रंग बदल गया है. ड्रोन से बनाए गए इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे झील का रंग चमकीले गुलाबी रंग में बदल गया है. 

तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और IIT मद्रास अनुसंधान कर्मचारियों के अधिकारियों ने झील से सैंपल लिए हैं. उनका कहना है कि ऑक्सीजन रहित वातावरण और मीथेन रिसाव के कारण साइनोबैक्टीरिया यहां पर ज्यादा मात्रा में बन गया है, जिससे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा है. 

अधिकारियों ने यह भी कहा कि यह इस साल दूसरी बार हुआ था. पल्लीकरनई में आसपास के क्षेत्रों के लोग भी इससे परेशान हैं क्योंकि साइनोबैक्टीरिया विषाक्त पदार्थों को छोड़ने के लिए जाने जाते हैं, जो मनुष्यों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. 

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