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Port Blair airport's new terminal building: पोर्ट ब्लेयर एयरपोर्ट पर नई टर्मिनल बिल्डिंग का उद्घाटन, 710 करोड़ की लागत से बने इस टर्मिनल की खासियत जानिए

पीएम नरेंद्र मोदी 18 जुलाई को सुबह 10:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पोर्ट ब्लेयर में वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया.

PM Modi Inaugurates Shell Shaped New Terminal Building of Port Blair Airport PM Modi Inaugurates Shell Shaped New Terminal Building of Port Blair Airport

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पोर्ट ब्लेयर में वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए इंटीग्रेटेड टर्मिनल भवन या NITB का वर्चुअली उद्घाटन किया. नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री, जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह और वरिष्ठ अधिकारी समारोह में शामिल हुए.

लगभग 710 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह बिल्डिंग कई तरह की सुविधाओं से लैस है. यह एयरपोर्ट द्वीप से कनेक्टिविटी को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा. पीएमओ ने आज हवाई अड्डे की कई प्रमुख विशेषताओं को सूचीबद्ध किया है जैसे डबल-इंसुलेटेड छत प्रणाली, एक समय में 10 विमानों की पार्किंग, हवाई यातायात को बढ़ावा देना, पर्यटन में बढ़ोतरी आदि.

हवाई अड्डे की मुख्य विशेषताएं

1. अत्याधुनिक टर्मिनल भवन लगभग 40,800 वर्गमीटर के कुल क्षेत्रफल को कवर करता है और इसे सालाना लगभग 50 लाख यात्रियों को संभालने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

2. हवाई अड्डे में एक एप्रन है जो दो बोइंग-767-400 और दो एयरबस-321 प्रकार के विमानों को अकोमडेट कर सकता है, जिसमें एक समय में 10 विमानों के लिए पार्किंग की जगह है. इसे 80 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था.

3. हवाई अड्डे का आर्किटेक्चरल डिज़ाइन एक शंख के आकार के स्ट्रक्चर जैसा दिखता है, जो समुद्र और द्वीपों की सुंदरता को दर्शाता है.

4. 40,837 वर्ग मीटर के कुल निर्मित क्षेत्र के साथ, नए टर्मिनल भवन में पीक आवर्स के दौरान 1,200 यात्रियों और सालाना लगभग 40 लाख यात्रियों को संभालने की क्षमता होगी.

5. इसमें कई सस्टेनेबल फीचर्स शामिल हैं, जैसे गर्मी को कम करने के लिए डबल-इंसुलेटेड छत प्रणाली, आर्टिफिशियल लाइटिंग के इस्तेमाल को कम करके ज्यादा से ज्यादा नेचुरल सनलाइट का उपयोग करने वाले रोशनदान, और एलईडी लाइटिंग जैसी सर्विसेज.

7. पूरे टर्मिनल में प्रतिदिन 12 घंटे के लिए 100 प्रतिशत प्राकृतिक रोशनी होगी. तीन मंजिला इमारत में 28 चेक-इन काउंटर, तीन यात्री बोर्डिंग ब्रिज और चार कन्वेयर बेल्ट होंगी.

8.टर्मिनल भवन में कई पर्यावरण-अनुकूल प्रक्टिस हैं जैसे अंडरग्राउंड टैंक में वर्षा जल संचयन, एक ऑन-साइट सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट जो भूनिर्माण के लिए 100 प्रतिशत ट्रीटेड वेस्टवाट का फिर से इस्तेमाल करता है, और 500 किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट शामिल है. इनका उद्देश्य द्वीपों के पर्यावरण पर इसके प्रभाव को कम करना है. 

9.प्राचीन अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के गेटवे के रूप में, पोर्ट ब्लेयर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है. नए टर्मिनल भवन से हवाई यातायात को बढ़ावा मिलने और क्षेत्र में पर्यटन के विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिलने की उम्मीद है.

10. इससे स्थानीय समुदाय के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. यह आधुनिक हवाईअड्डा बुनियादी ढांचा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की प्राकृतिक सुंदरता को संरक्षित करते हुए टिकाऊ और कुशल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.