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Pradhan Mantri Garib Kalyan Yojana: क्या है प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, कौन उठा सकता है इसका फायदा?

गरीबों को मुक्त राशन उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना साल 2029 तक जारी रहेगी. सरकार ने साल की शुरुआत में इसे 5 साल के लिए बढ़ा दिया था.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की सांकेतिक फोटो. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की सांकेतिक फोटो.
हाइलाइट्स
  • गरीबों को मुक्त राशन उपलब्ध कराना मकसद

  • कैसे ले सकते हैं इस योजना का लाभ

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट पेश करते हुए सरकार की प्राथमिकताएं गिनाईं. उन्होंने कहा, 'हमने पीएम गरीब कल्याण योजना को पांच साल के लिए बढ़ाया. इससे 80 करोड़ से अधिक गरीबों को लाभ हो रहा है.' 

पीएम गरीब कल्याण योजना

गरीबों को मुक्त राशन उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना साल 2029 तक जारी रहेगी. सरकार ने साल की शुरुआत में इसे 5 साल के लिए बढ़ा दिया था. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKAY) का लाभ पूरे देश के लगभग 80 करोड़ राशन कार्ड धारक परिवारों को मिलता है.

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योजना में पात्र गृहस्थी राशन कार्ड के प्रत्येक सदस्य को 5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त देने की व्यवस्था है. चूंकि ये योजना केंद्र सरकार की है इसलिए किसी भी राज्य के लोग इस योजना का फायदा उठा सकते हैं. इसके लिए देशभर में सरकारी राशन की दुकानें संचालित की जाती हैं. इन दुकानों पर अलग-अलग राशन कार्ड के तहत अलग-अलग मात्रा में राशन दिया जाता है.

कैसे ले सकते हैं इस योजना का लाभ

गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को योजना के लाभों के लिए पात्र माना जाता है. अपने राशन कार्ड की मदद से सरकारी राशन की दुकान से आप मुफ्त में अनाज ले सकते हैं. इसके लिए आपके पास सिर्फ राशन कार्ड होना चाहिए. जिन गरीब परिवारों के पास राशन कार्ड नहीं है वे अपने आधार कार्ड से ही राशन लेते हैं. भारत में खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा पब्लिक डिस्टीब्यूशन सिस्टम के तहत जरूरतमंद लोगों को बीपीएल राशन कार्ड जारी किया जाता है. बीपीएल कार्ड आवेदक की उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. आवेदनकर्ता भारत का नागरिक होना चाहिए. 

क्या है योजना
इस योजना के तहत हर एक राशनकार्ड धारी परिवार को उसके निर्धारित कोटे के अतिरिक्त पांच किलो मुफ्त राशन दिया जाता है. इसका मतलब है कि हर परिवार को दोगुना राशन मिल जाता है. इस योजना के जरिए सरकार अब तक 1,015 लाख मीट्रिक टन खाद्यान का वितरण कर चुकी है. सरकार एक साल में लाभार्थियों को मुफ्त राशन मुहैया कराने के लिए 2 लाख करोड़ रुपये का खर्च करती है. 

योजना से जुड़ी बातें
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत आने वाले करीब 80 करोड़ गरीबों को बिना किसी लागत के प्रति व्यक्ति पांच किलो खाद्यान्न (चावल और गेंहू) अतिरिक्त दिया जाता है.

कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये देशव्यापी लॉकडाउन से प्रभावित गरीबों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अप्रैल, 2020 में तीन महीने के लिए लाई गई थी.

पीएमजीकेएवाई को सात बार बढ़ाया गया है. पहला चरण अप्रैल-जून 2020 था. दूसरा चरण जुलाई-नवंबर 2020.पहले चरण में अप्रैल-जून के दौरान 19.4 करोड़ लाभार्थी परिवारों को एक किलो दाल भी दी गई. दूसरे चरण में एक किलो चना भी प्रति व्यक्ति दिया गया. कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बाद योजना फिर से पेश की गई.

तीसरा चरण मई-जून 2021 था. इस चरण से दाल का वितरण बंद कर दिया गया. चौथा चरण जुलाई-नवंबर 2021, पांचवां चरण दिसंबर 2021 से मार्च 2022, छठा चरण अप्रैल-सितंबर 2022 तक और सातवां चरण अक्टूबर से दिसंबर 2022 तक है. सातवें चरण में 1.22 करोड़ टन गेहूं और चावल का आवंटन किया गया है.

IMF की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना काफी हद तक गरीबी को कम करने में मददगार साबित रही.