भारतीय सेना अब चीन से सटी सीमाओं पर और मजबूत कवच तैयार कर रही है. रक्षा सूत्रों की मानें तो जल्द ही प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल सीमा पर भारतीय सेना का अहम हथियार होगी. खबर है कि भारत-चीन सीमा पर इस मिसाइल की तैनाती की प्रक्रिया शुरू हो गई है. अगले हफ्ते रक्षा मंत्रालय से इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने की भी उम्मीद है.
सतह से सतह पर मार करने वाली प्रलय मिसाइल की रेंज 150 से 500 किमी है. ठोस ईंधन पर आधारित इस शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल को डीआरडीओ ने डेवलप किया है. पिछले साल दिसंबर में लगातार दो दिन में दो बार प्रलय का सफल ट्रायल किया गया था. तभी से सेना इसे अपने बेड़े में शामिल करने की योजना पर काम कर रही है और अब इसके अधिग्रहण की तैयारी लगभग अंतिम चरण में है.
चीन सीमा पर रॉकेट फोर्स
चीन जैसे शातिर पड़ोसी से अपनी सीमाओं की हिफाजत के लिए भारत लगातार LAC पर अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने में जुटा है. दिवंगत CDS जनरल बिपिन रावत चीना सीमा पर एक रॉकेट फॉर्स तैयार करना चाहते थे. नौसेना प्रमुख एडिमरल आर हरि कुमार ने हाल ही में इसका खुलासा भी किया था.
दरअसल चाहे प्रोजेक्ट ज़ोरावर हो. या प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल का अधिग्रहण. ये सभी कदम इसी कवायद का हिस्सा हैं. ताकि चीन से जुड़े बॉर्डर पर भारत एक रॉकेट फोर्स तैयार कर सके.
क्यों जरूरी है इस मिसाइल की तैनाती
LAC की चुनौतियों को देखते हुए ये प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल भारत की जरूरत है. इसकी खूबियों पर गौर करें तो ये चीन के खिलाफ बेहद माकूल हथियार साबित हो सकती है क्योंकि प्रलय मिसाइल चीन की किसी भी गुस्ताखी का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है.
खास बात ये है कि प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल के हमले का कोई तोड़ नहीं हैं. इंटरसेप्टर मिसाइल भी इसके हमले को नहीं रोक सकती. क्योंकि ये मिसाइल हवा में उड़ने के बाद भी खुद ही अपना रास्ता बदलने में सक्षम है. इतना ही नहीं इसे मोबाइल लॉन्चर से भी लॉन्च किया जा सकता है.
जहां तक जोश और हौसले की बात है तो इस मामले में भारतीय जवानों के जीवट का कोई सानी नहीं. अब तकनीक और सैन्य ताकत के मामले में भी भारतीय सेना बेजोड़ रुतबा हासिल करने जा रही है.
(मनजीत नेगी की रिपोर्ट)