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Women's Day Special: जांबाज महिला पुलिस ने कर दिया कमाल, महिला दिवस पर प्रीति मल्ल ने माउंट किलिमंजारो को किया फतह

प्रीति मल्ल साल 2016 से उत्तराखंड पुलिस में महिला आरक्षी के पद पर नियुक्त है. वर्तमान समय में विगत 04 सालों से वो SDRF में सेवा प्रदान कर रही है. सामान्य कद काठी की प्रीति SDRF में अपने मृदु स्वभाव और निर्भीकता के लिए जानी जाती है.

महिला दिवस पर प्रीति मल्ल ने माउंट किलिमंजारो को किया फतह महिला दिवस पर प्रीति मल्ल ने माउंट किलिमंजारो को किया फतह
हाइलाइट्स
  • 2016 से पुलिस में नौकरी कर रही हैं प्रीति

  • इससे पहले भी कर चुकीं हैं कारनामे

  • बचपन से पहाड़ हैं प्रीति का प्यार

हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं के सम्मान में मनाया जाता है. आज इस दिन पर प्रीति मल्ल ने सभी चुनौतियों को सामना करते हुए साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर फतह कर यह सिद्ध कर दिया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में कमतर नहीं हैं. यह पहली बार है कि उत्तराखंड पुलिस की किसी महिला ने साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा और SDRF उत्तराखंड पुलिस का ध्वज लहराकर देश और राज्य पुलिस का नाम रोशन किया है.

2016 से पुलिस में नौकरी कर रही हैं प्रीति
प्रीति मल्ल साल 2016 से उत्तराखंड पुलिस में महिला आरक्षी के पद पर नियुक्त है. वर्तमान समय में विगत 04 सालों से वो SDRF में सेवा प्रदान कर रही है. सामान्य कद काठी की प्रीति SDRF में अपने मृदु स्वभाव और निर्भीकता के लिए जानी जाती है. अपने निर्भीक स्वभाव के कारण ही वह SDRF वाहिनी से गठित हुए ''डेयर डेविल हिम रक्षक दस्ता'' की भी प्रमुख हिस्सा रही है. जहां पर वो बाइक से ऐसे करतब करती हैं, जिसे देखकर कोई भी दांतों तले उंगली दबा ले.

इससे पहले भी कर चुकीं हैं कारनामे
प्रीति पिछले साल सितंबर में SDRF की तरफ से आयोजित माउंट गंगोत्री एक्सपीडिशन का हिस्सा रहीं. उन्होंने अपनी हिस्सेदारी को बखूबी साबित भी किया. माउंट गंगोत्री पर्वत शिखर का आरोहण करने वाले 11 सदस्यों में एकमात्र महिला प्रीति मल्ल रही, और उससे भी अधिक यह कि वह उत्तराखंड पुलिस की प्रथम महिला आरक्षी बनी. जिन्होंने माउंट गंगोत्री पर सकुशल SDRF उत्तराखंड पुलिस का झंडा लहराया.

प्रीति ने तय कर लिया लक्ष्य
प्रीति ने यह साबित कर दिखाया कि वह किसी भी मायने में किसी से कमतर नहीं हैं. यह उसके दृढ़ निश्चय का ही परिणाम था कि हर चुनौती का सामना करते हुए वह आगे बढ़ती रही. हाई एल्टीट्यूड वाले इलाके में जहां परिस्थितियां कभी भी विपरीत हो सकती हैं. चारों तरफ बर्फ के सिवा कुछ नहीं दिखाई देता, वहाँ प्रीति की नजर सिर्फ अपने लक्ष्य की ओर बनी हुई थी. वह किसी भी परिस्थिति में अपने लक्ष्य तक पहुँचना चाहती थीं, ताकि वो उस विश्वास पर खरी उतर सके जो उन पर किया गया था. इससे पहले भी उन्होंने DKD-2 का आरोहण किया है.

बचपन से पहाड़ हैं प्रीति का प्यार
बचपन से ही प्रीति को पहाड़ों की ऊंची चोटियां आकर्षित करती थीं. वह अक्सर पहाड़ों में घूमने के लिए भी जाती रहती थी. SDRF उत्तराखंड पुलिस में आने के बाद उनके सपनों को एक नई दिशा मिली और उन्होंने इसमें अपना शत प्रतिशत देने की ठान ली. माउंट गंगोत्री फतह करने के बाद प्रीति ने साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो को आरोहण के लिए चुना. 360 एक्सप्लोरर, मुंबई द्वारा आयोजित एक्सपीडिशन जिसके लिए उन्होंने अपने व्यक्तिगत प्रयास से पुलिस मुख्यालय से अनुमति लेकर तैयारी की.

सेनानायक ने दी प्रीति को बधाई
सेनानायक SDRF श्री मणिकांत मिश्रा ने प्रीति से फोन पर बात कर उन्हें माउंट क्लीमेंजारो फतह करने पर बधाई दी. साथ ही अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं भी दी. साथ ही प्रीति की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने महिला दिवस के अवसर पर महिला सशक्तिकरण का उदाहरण पेश किया है, और सभी को गौरवान्वित महसूस कराया है.

(अरविंद कुमार ओझा की रिपोर्ट)