बढ़ते करोना मामलों के मद्देनजर नोएडा कोविड हॉस्पिटल में तैयारियां की गई है. अस्पताल में 240 बेड की व्यवस्था है, हॉस्पिटल में पीकू वार्ड बनाए गए हैं. मतलब कि अगर किसी की हालत बिगड़ती है और बच्चों में कोरोना फैलता है तो पीकू वार्ड का इस्तेमाल बच्चों के लिए किया जाएगा. साथ ही आईसीयू वार्ड भी तैयार किए गए हैं, जिनका आज मॉक ड्रिल भी किया गया.
इसके लिए एक 9 साल की बच्ची को गंभीर मानकर मॉक ड्रिल किया गया. साथ ही हॉस्पिटल में मौजूद सभी मशीनों की जांच भी की गई. राहत की बात यह है कि कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी जरूर हुई है, लेकिन 98 फीसद संक्रमितों का होम आइसोलेशन में इलाज चल रहा है. इसके अलावा दो फीसदी संक्रमित जो अस्पताल में भर्ती हैं, उनमें कोरोना के हल्के लक्षण हैं.
नोएडा में 597 है एक्टिव केस की संख्या
आज 140 नए मामले नोएडा में दर्ज किए गए हैं, जो कि बीते साल जून के बाद सबसे ज्यादा हैं. अब ऐक्टिव केस की संख्या नोएडा में 597 हो गयी है. विभाग की ओर से पहली बार जिले में ओमीक्रॉन के मरीज मिलने की भी पुष्टि की गई है. हालांकि, मरीज बिल्कुल स्वस्थ हो चुके हैं. मरीज के संपर्क में आए लोगों के नमूने लेकर विभाग की ओर से जांच में भेजे गये थे. सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है.
तीन दिन बाद आई रिपोर्ट में हुई पुष्टि
सीएमओ डॉक्टर सुनील कुमार शर्मा का कहना है कि हरियाणा की एक कंपनी में काम करने वाला व्यक्ति नोएडा के सेक्टर 137 की सोसाइटी में रहता है. 21 दिसंबर को व्यक्ति ने अपनी कोरोना जांच हरियाणा की एक लैब में कराई थी. जांच के दौरान व्यक्ति पॉजिटिव निकला. इस दौरान 28 दिसंबर को उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आ गई. नमूने लेकर जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया था. करीब 3 दिन बाद आई रिपोर्ट में नए वेरिएंट पुष्टि हुई. जिले में अब तक 11,500 लोग विदेश की यात्रा करके लौटे हैं. इनमें से 2800 हाई रिस्क कंट्री के हैं. 800 लोगों के नमूने लेकर जांच को भेजे गए हैं, जिनमें से अब तक 15 संक्रमित मिले हैं.