भारतीय नौसेना इतिहास बनाने के लिए तैयार है. नौसेना ने लेफ्टिनेंट कमांडर प्रेरणा देवस्थली को जंगी जहाज की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी नियुक्त किया है. भारतीय नौसेना ने यह फैसला जाति, पंथ, धर्म और लिंग की परवाह किए बिना सभी कर्मियों को अवसर प्रदान करने के भारतीय सशस्त्र बल के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए किया है.
भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने कहा कि नौसेना में महिलाओं की भूमिका तेजी बढ़ रही है. महिलाओं की सभी भूमिकाओं में रैंक के आधार पर नियुक्तियां की जा रही हैं. उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में प्रेरणा देवस्थली की नियुक्ति की गई है.
कौन हैं प्रेरणा देवस्थली
प्रेरणा देवस्थली मूल रूप से मुंबई की रहने वाली हैं. उनकी स्कूली शिक्षा कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से हुई. सेंट जेवियर्स कॉलेज से मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर (एमए) किया है. 2009 में भारतीय नौसेना में शामिल हुईं प्रेरणा एक नौसैनिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनके भाई भी नौसेना में कार्यरत हैं. प्रेरणा की शादी एक नौसेना अधिकारी से हुई है. प्रेरणा तीन साल की एक बेटी की मां हैं.
इसके पहले यहां भी रह चुकी हैं तैनात
लेफ्टिनेंट कमांडर प्रेरणा टुपोलेव टीयू-142 पर पहली महिला पर्यवेक्षक रही हैं. उन्होंने एक समुद्री टोही विमान पी8आई पर भी काम किया है. वह फिलहाल युद्धपोत आईएनएस चेन्नई पर प्रथम लेफ्टिनेंट के रूप में कार्यरत हैं. उन्हें पश्चिमी बेड़े के कमांडर रियर एडमिरल प्रवीण नायर ने नियुक्ति पत्र प्रदान किया. उन्हें अब भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े में वॉटरजेट एफएसी आईएनएस ट्रिंकट के कमांडिंग ऑफिसर के रूप में चुना गया है.
भारतीय नौसेना का प्रगतिशील दृष्टिकोण
कमांडर देवस्थली की नियुक्ति की घोषणा एडमिरल आर हरि कुमार के नेतृत्व में भारतीय नौसेना के प्रगतिशील दृष्टिकोण को दर्शाती है. नौसेना प्रमुख का सभी भूमिकाएं-सभी रैंक पर जोर समावेशिता और समान अवसरों के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
लैंगिक रूढ़िवादिता को तोड़ना
कमांडर देवस्थली की नियुक्ति पारंपरिक लैंगिक रूढ़िवादिता को चुनौती देती है, और दर्शाती है कि क्षमता और नेतृत्व में कोई लैंगिक बाधा नहीं है. यह कदम सभी परिचालन भूमिकाओं में महिलाओं के लिए समान अवसर प्रदान करने के लिए नौसेना के समर्पण को उजागर करता है.
सशस्त्र बलों में विविधता को प्रोत्साहित करना
बाधाओं को तोड़ने के अलावा, कमांडर देवस्थली की नियुक्ति सशस्त्र बलों के भीतर विविधता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह अधिक महिलाओं के लिए पारंपरिक रूप से पुरुषों के वर्चस्व वाली चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं में आगे बढ़ने और उत्कृष्टता हासिल करने के लिए एक मिसाल कायम करता है.
कमांडर देओस्थली की नियुक्ति एक ऐतिहासिक क्षण
कमांडर देओस्थली की नियुक्ति की घोषणा सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से समर्थन और बधाइयों के साथ गूंजती रही. भारतीय नौसेना के युद्धपोत की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी के रूप में कमांडर देओस्थली की नियुक्ति एक ऐतिहासिक क्षण है जो भारतीय नौसेना में प्रगति और समावेशिता का प्रतीक है. पहली महिला पर्यवेक्षक बनने से लेकर युद्धपोत का कार्यभार संभालने तक उनका अनुकरणीय करियर, भावी पीढ़ियों को लिंग संबंधी बाधाओं के बिना अपनी आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है.
आईएनएस ट्रिंकट
आईएनएस ट्रिंकट को सितंबर 2000 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था. जहाज का नाम ट्रिंकट अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के एक द्वीप के नाम पर रखा गया है. आईएनएस ट्रिंकट सतह-विरोधी और हवा-रोधी बंदूकों के साथ-साथ मध्यम और भारी मशीनगनों से सुसज्जित है. आईएनएस ट्रिंकट, उच्च गति और कम गहराई पर काम करने सक्षम है.
भारतीय नौसेना के कमान
1. भारतीय नौसेना में तीन कमान हैं.
2. पूर्वी नौसेना कमान- मुख्यालय विशाखापत्तनम में स्थित है.
3. पश्चिमी नौसेना कमान- मुख्यालय मुंबई में स्थित है.
4. दक्षिणी नौसेना कमान- मुख्यालय कोच्चि में स्थित है.