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President Election: राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग, जानिए Draupadi Murmu और Yashwant Sinha को किन पार्टियों का मिला समर्थन

President Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव के लिए सुबह 10 बजे से वोट डाले जा रहे हैं और शाम 5 बजे तक वोटिंग होगी. संसद और राज्यों की विधानसभा में वोट डाले जा रहे हैं.

द्रौपदी मुर्मू और यशवंत सिन्हा द्रौपदी मुर्मू और यशवंत सिन्हा
हाइलाइट्स
  • राष्ट्रपति चुनाव के लिए हो रही वोटिंग

  • शाम 5 बजे तक होगी वोटिंग

राष्ट्रपति चुनाव के लिए आज वोटिंग हो रही है. संसद भवन और राज्यों के विधानसभा में वोट डाले जा रहे हैं. राष्ट्रपति चुनाव के लिए राज्यसभा और लोकसभा के उम्मीदवार वोट डाल रहे हैं. संसद भवन की पहली मंजिल पर वोटिंग हो रही है. राष्ट्रपति चुनाव में इस बार मुकाबला एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के चेहरा यशवंत सिन्हा के बीच है. 21 जुलाई को वोटों की गिनती होगी और राष्ट्रपति के नाम का ऐलान होगा.

द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में कौन-
राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में एनडीए के सभी दल हैं. इसके अलावा भी कई छोटे-बड़े दलों ने द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया है. द्रौपदी मुर्मू को 27 पार्टियों का समर्थन है. जिसमें बीजेपी, जेडीयू, एलजेपी, एसकेएम, एजीपी, पीएमके, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ अठावले, एनपीपी, एनपीएफ, एमएनएफ, एनडीपीपी, एआईएनआर कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी, एआईएडीएमके, जनता दल (एस), अकाली दल, जेएमएम, आईपीएफटी, यूपीपीएल, बीजेडीष वाईएसआर कांग्रेस, टीडीपी, यूडीपी और शिवसेना शामिल है. इसके अलावा यूपी की ओमप्रकाश राजभर की पार्टी एसबीएसपी, निषाद पार्टी, अपना दल (एस), बीएसपी और राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिया है. समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल यादव ने भी मुर्मू को समर्थन दिया है. 

यशवंत सिन्हा के समर्थन में कौन-
यशवंत सिन्हा विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार हैं. यशवंत सिन्हा को कांग्रेस, शरद पवार की एनसीपी, ममता बनर्जी की टीएमसी, सीपीआई, सीपीएम, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी, फारुक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस का समर्थन मिला है. ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम, लालू यादव की पार्टी आरजेडी, एआईयूडीएफ और अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी का भी समर्थन यशवंत सिन्हा को मिला है.

किसको कितना वोट-
पार्टयों के समर्थन के लिहाज से देखा जाए तो राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का पलड़ा भारी है. द्रौपदी मुर्मू को 6.65 लाख मूल्य से ज्यादा के वोट मिलने की संभावना है. जबकि विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को सिर्फ 3 लाख 89 हजार मूल्य के वोट मिल सकते हैं.

द्रौपदी मुर्मू और यशवंत सिन्हा-
द्रौपदी मुर्मू साल 1997 में पहली बार पार्षद बनीं. साल 2002 से 2004 के बीच ओडिशा सरकार में मंत्री रहीं. 2002 से 2009 तक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य रहीं. साल 2004 से 2009 तक ओडिशा के रायरंगपुर से विधायक रहीं. साल 2006 से 2009 तक बीजेपी की एसटी मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रहीं. साल 2013 से 2015 तक मुर्मू बीजेपी की एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य रहीं. द्रौपदी मुर्मू के नाम देश की पहली आदिवासी राज्यपाल होने का भी तमगा है.
यशवंत सिन्हा केंद्रीय मंत्री और आईएएस अधिकारी रह चुके हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक शिक्षक के तौर पर की. लेकिन साल 1960 में उनका चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए हो गया. उन्होंने प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर 24 साल काम किया. साल 1986 में उन्होंने जनता पार्टी ज्वाइन की. यशवंत सिन्हा को महासचिव बनाया गया. साल 1988 में पहली बार राज्यसभा का सदस्य बनाया गया. साल 1990-91 में चंद्रशेखर सरकार में वित्त मंत्री बनाए गए. साल 1998-2002 तक अटल सरकार में भी वित्त मंत्री रहे. साल 2002 में विदेश मंत्रालय का पर भी संभाला. साल 2018 में बीजेपी छोड़ दी और साल 2021 में टीएमसी में शामिल हो गए. 

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