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प्रधानमंत्री मोदी ने किया एशिया के सबसे बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल का उद्घाटन, जानिए क्यों है खास

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एशिया के सबसे बड़े प्राइवेट मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल का उद्घाटन कर दिया है. इस अस्पताल का नाम अमृता अस्पताल है. इस अस्पताल के कोच्चि वाले सेंटर में एशिया का सबसे पहली हैंड ट्रांसप्लांट सर्जरी हुई थी.

अमृता हॉस्पिटल अमृता हॉस्पिटल
हाइलाइट्स
  • पहले भी कई कमाल कर चुका है अमृता अस्पताल

  • दिल्ली एनसीआर में बना सबसे बड़ा निजी अस्पताल

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरीदाबाद में प्राइवेट निजी मल्टी-स्पेशियलिटी अमृता अस्पताल का उद्घाटन किया है. जैसे ही आप इस अस्पताल के विशाल परिसर में प्रवेश करेंगे, आपका स्वागत नमः: शिवाय के साथ किया जाएगा. आध्यात्मिक नेता माता अमृतानंदमयी देवी ने इसकी स्थापना की थी, जिन्हें प्यार से अम्मा भी कहा जाता है. दिल्ली के बाहरी इलाके फरीदाबाद में 130 एकड़ में बसे इस अस्पताल का निर्माण अंतिम चरण में है. अब तक इसको बनाने में कुल 4,000 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.  कुल 1 करोड़ वर्ग फुट में बने इस क्षेत्र में न केवल एक बड़ा सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल है, बल्कि एक फोर स्‍टार होटल, एक मेडिकल कॉलेज, एक नर्सिंग कॉलेज, संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान के लिए एक कॉलेज, एक पुनर्वास केंद्र, रोगियों के लिए एक हेलीपैड और कई अन्य सुविधाओं के साथ रोगियों के परिवार के लोगों के लिए 498 कमरों वाला गेस्ट हाउस भी होगा.

पहले भी कई कमाल कर चुका है अमृता अस्पताल
अमृता अस्पताल की एक ब्रांच कोच्चि केरल में भी है, ये दक्षिण एशिया के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में से एक है. अमृता अस्पताल, कोच्चि, ने 2015 में एक 30 वर्षीय रोगी मनु टी.आर. पर भारत का पहला हाथ प्रत्यारोपण करके चिकित्सा विज्ञान में इतिहास रचा दिया था. अप्रैल 2015 में, एक युवक अफगान सैनिक अब्दुल रहीम पर एक और हाथ प्रत्यारोपण सर्जरी सफलतापूर्वक की गई.

एक खदान को फैलाने के प्रयास में अब्दुल रहीम ने अपनी दोनों भुजाओं का निचला सिरा खो दिया था. रिक्शा चालक मनु ने एक महिला यात्री को एक समूह द्वारा परेशान करते देखा. उन्होंने बहादुरी से उनका सामना किया और उन्हें ट्रेन से बाहर धकेल दिया गया. उस दुखद घटना के दौरान उसने अपने दोनों हाथ खो दिए. इन दोनों को डबल हैंड ट्रांसप्लांट की जरूरत थी. लेकिन तब तक दक्षिण एशिया में ऐसा कभी नहीं किया गया था.

लेकिन माता अमृतानंद माई देवी के मार्गदर्शन में संचालित अमृता अस्पताल में ये संभव हो पाया. अमृता अस्पताल ने भारत का पहला और दूसरा सफल डबल हैंड ट्रांसप्लांट कर इतिहास रच दिया. इसके अलावा एशिया में पहली बार एक 19 वर्षीय लड़की श्रेया सिद्धनागौड़ा का भी अपर आर्म डबल हैंड ट्रांसप्लांट इसी अस्पताल में हुआ. 2015 में, ब्रिटिश मेडिकल जर्नल ने अमृता में हाथ प्रत्यारोपण टीम को "दक्षिण एशिया की सर्वश्रेष्ठ सर्जिकल टीम का पुरस्कार" दिया.

दिल्ली एनसीआर में बना सबसे बड़ा निजी अस्पताल
फरीदाबाद में अपनी नई शाखा के साथ, अमृता अस्पताल एशिया के सबसे बड़े सुपर-स्पेशियलिटी अस्पतालों में से एक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इस 2600 बिस्तरों वाले इस अस्पताल का उद्घाटन किया. फरीदाबाद के रेजिडेंट मेडिकल डायरेक्टर डॉ. संजीव के सिंह ने कहा, "अस्पताल में एक समर्पित अनुसंधान खंड होगा जो सात मंजिल की इमारत में फैला होगा जो कुल तीन लाख वर्ग फुट होगा. विशेष ग्रेड ए से डी जीएमपी प्रयोगशालाओं के साथ, नए डायग्नोस्टिक मार्करों, एआई, एमएल, जैव सूचना विज्ञान आदि की पहचान करने पर ध्यान दिया जाएगा. हम चिकित्सा विज्ञान में दुनिया के कुछ सबसे बड़े नामों के साथ अनुसंधान सहयोग में प्रवेश करने की प्रक्रिया में हैं.

अमृता अस्पताल, फरीदाबाद वैकल्पिक चिकित्सा, विशेष रूप से आयुर्वेद, योग और होम्योपैथी को आधुनिक दवाओं के साथ मिश्रित करने की योजना बना रहा है. इसमें हृदय विज्ञान, तंत्रिका विज्ञान, ऑन्कोलॉजी, गैस्ट्रो-विज्ञान, हड्डी रोग और आघात, प्रत्यारोपण, और मां और शिशु देखभाल सहित 81 विशिष्टताओं और उत्कृष्टता के सात केंद्र होंगे. संक्रामक रोगों के इलाज के लिए अस्पताल में भारत की सबसे बड़ी सुविधा भी होगी. एक बार पूरी तरह काम करने के बाद इस अस्पताल में 10 हजार से ज्यादा कर्मचारी और 800 डॉक्टर होंगे.

फरीदाबाद परिसर में एक मेडिकल कॉलेज और भारत का सबसे बड़ा संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान परिसर भी होगा. जब चिकित्सा शिक्षा की बात आती है, तो संबद्ध स्वास्थ्य और अनुसंधान-गहन विश्वविद्यालय अमृता पहले से ही उच्चतम संभव ए ++ एनएएसी ग्रेड से मान्यता प्राप्त है और एनआईआरएफ रैंकिंग में भारत का 5वां सर्वश्रेष्ठ रैंक वाला विश्वविद्यालय है.