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PM Modi बोले: देश के सभी CBSE स्कूलों में एक जैसा होगा सिलेबस, 22 भारतीय भाषाओं में होंगी किताबें, जानें और क्या-क्या कहा

NEP 2020 Third Anniversary: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि युवाओं को उनकी प्रतिभा के बजाय उनकी भाषा के आधार पर आंकना उनके साथ सबसे बड़ा अन्याय है. हमें शिक्षा व्यवस्था को इस तरह से तैयार करना होगा कि युवा हर क्षेत्र में आगे बढ़ें. 

Prime Minister Narendra Modi Prime Minister Narendra Modi
हाइलाइट्स
  • प्रधानमंत्री ने भारतीय शिक्षा समागम का किया उद्घाटन 

  • पीएमश्री योजना की पहली किस्त की जारी 

PM Shree Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम ने  पीएम श्री योजना के तहत धन की पहली किस्त जारी की. पीएम श्री योजना के तहत राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों/ केंद्रीय विद्यालय संगठन/ नवोदय विद्यालय समिति के चयनित 6207 स्कूलों को पहले चरण की पहली किस्त के रूप में 630 करोड़ रुपए से अधिक की केंद्रीय राशि हस्तांतरित कर दी है.12 भारतीय भाषाओं में 100 पुस्तकों का विमोचन भी किया.

नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क हो गया है तैयार
पीएम मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क तैयार हो गया है. जल्द ही इसे लागू कर दिया जाएगा. पूरे देश में सीबीएसई स्कूलों में एक तरह का सिलेबस होगा. इसके लिए एनसीईआरटी की नई पाठ्य पुस्तकें तैयार हो रही हैं. तीसरी से 12वीं कक्षा तक 130 विषयों की नई किताबें आ रही हैं. अब किताबें 22 भारतीय भाषाओं में होगी. युवाओं की प्रतिभा को उनकी भाषा के आधार पर अब नहीं देखा जाएगा. मातृ भाषा में पढ़ाई होने से ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभावान युवाओं को फायदा होगा. वह आगे बढ़ेंगे और देश के विकास में योगदान देंगे.

भाषा के नाम पर राजनीति करने वालों की दुकानें हो जाएंगी बंद 
पीएम मोदी ने कहा कि सोशल साइंस लेकर इंजीनियरिंग तक की पढ़ाई अब भारतीय भाषाओं में होगी. युवाओं के पास भाषा का आत्मविश्वास होगा, तो उनकी प्रतिमा निखरकर सामने आएगी. इससे देश को भी फायदा होगा. भाषा के नाम पर राजनीति करने वालों की दुकानें बंद हो जाएंगी. आने वाले 25 वर्ष हमारे लिए बहुत ही महत्वूर्ण हैं. इन सालों में हमें ऊर्जा से भरी युवा पीढ़ी तैयारी करनी है. एक ऐसी पीढ़ी तैयार करना है, जो हर क्षेत्र में देश का नाम रोशन करें.

दी गई है अहमियत 
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में पारंपरिक शिक्षा प्रणालियों और भविष्य की प्रौद्योगिकी को समान महत्व दिया गया है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति में ट्रेडिश्नल नॉलेज सिस्टम से लेकर फ्यूजरिस्टिक टेक्नोलॉजी तक को बराबर अहमियत दी गई है. जब सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी की बात आएगी, तो भविष्य भारत का है. जब स्पेस टेक की बात होगी तो भारत की क्षमता का मुकाबला आसान नहीं है. जब डिफेंस टेक्नोलॉजी की बात होगी तो भारत का लो कॉस्ट और बेस्ट क्वालिटी का मॉडल ही हिट होगा.

अभिभावक दें अपने बच्चों को खुली उड़ान का मौका
उन्होंने कहा कि कई ग्लोबल यूनिवर्सिटी भारत मे अपना कैंपस खोलने को तैयार हैं. आस्ट्रेलिया की दो यूनिवर्सिटी का कैंपस गुजरात में खुलने वाला हैं. पीएम ने कहा कि अभिभावकों को अपने बच्चों को खुली उड़ान का मौका देना होगा, जिससे कि वह कुछ नया कर सकें. हमें बच्चों को किताबों को दबाव से मुक्त करना होगा. नई शिक्षा नीति में पढ़ाई के साथ इनोवेशन और रिसर्च पर अधिक ध्यान दिया गया है.

क्या है एनईपी 2020 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से प्रेरित होकर, युवाओं को तैयार करने और उन्हें अमृत काल में देश का नेतृत्व प्रदान करने में सक्षम करने के उद्देश्य से एनईपी 2020 का शुभारंभ किया गया था. इसका उद्देश्य भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए युवाओं को तैयार करना है और उन्हें बुनियादी मानवीय मूल्यों से जोड़े रखना है. अपने कार्यान्वयन के तीन वर्षों के दौरान इस नीति ने स्कूल, उच्च शिक्षा और कौशल शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन किए हैं. पहली राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1968 में लागू हुई थी. दूसरी 1986 में आई थी, जिसे 1992 में संशोधित किया गया था.

क्या है पीएम श्री योजना
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत देशभर के 14500 स्कूलों को पीएम श्री (प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया) योजना के तहत अपग्रेड किया जाएगा.  केंद्र की इस योजना से 18 लाख छात्रों को फायदा होगा. खास बात यह है कि ये सभी स्कूल सरकारी होंगे, जिनका चयन राज्यों के साथ मिलकर किया जाएगा. पीएम मोदी ने शिक्षक दिवस के मौके पर इसकी घोषणा की थी. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक नई केंद्र प्रायोजित योजना 'पीएम श्री स्कूल' को मंजूरी दी है. पीएम श्री स्कूल अपने आसपास के अन्य स्कूलों को मार्गदर्शन और नेतृत्व प्रदान करेंगे.  

कुल 16 सत्र होंगे आयोजित
अखिल भारतीय शिक्षा समागम दो दिनों (29 से 30 जुलाई 2023) तक चलेगा.  इसमें 16 सत्र शामिल होंगे, जिनमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शासन तक पहुंच, न्यायसंगत और समावेशी शिक्षा, सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित समूह के मुद्दे, राष्ट्रीय संस्थान रैंकिंग फ्रेमवर्क, भारतीय ज्ञान प्रणाली, शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण समेत अन्य विषयों पर चर्चा होगी.