लता मंगेशकर को स्वर कोकिला ऐसे ही नहीं कहा जाता है. उनके गीतों को सुन लोग प्यार में दिल खो बैठते तो कभी भावुक हो जाते और उनके देशभक्ति गीत सुनकर हर किसी की आंखों से देशप्रेम का पानी छलक ही जाता है. एक समय ऐसा भी आया जब तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भी अपनी भावुकता छिपा नहीं पाए और उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े थे.
ऐ मेरे वतन के लोगों... ये वही गीत है जिसे सुनकर जवाहरलाल नेहरू रो पड़े थे. दरअसल, सी.रामचंद्र के संगीत निर्देशन में लता ने प्रदीप के लिखे इस देशभक्ति गीत पर एक कार्यक्रम में यही गीत गाया. गेस्ट में पंडित नेहरू भी मौजूद थे. उन्होंने जैसे ही गाना शुरू किया नेहरू और उनके साथ आए सभी लोग भावुक हो गए थे.
एक महीने से बीमार थीं लता
लता मंगेशकर लगभग एक महीने से बीमार चल रही थीं. 8 जनवरी को कोरोना संक्रमित होने के बाद लता मंगेशकर को मुंबई के ब्रीच क्रैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लता को कोरोना के साथ निमोनिया भी हुआ था. लता दीदी की उम्र को देखते हुए डॉक्टर्स ने उन्हें आईसीयू में एडमिट किया था.
तब से वह लगातार संघर्ष ही कर रही थीं. इलाज के दौरान बस 2 दिन के लिए उन्हें वेंटिलेटर से हटाया गया था. फिर जैसे ही उनकी तबीयत बिगड़ने लगी फिर से वेंटिलेटर सपोर्ट पर लाया गया और आज खबर मिली की उनका निधन हो गया लेकिन, उनकी सुरीली आवाज आज भी उनके चाहनेवालों के कानों में गूंज रही है.
ये भी पढ़ें: